Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स की बढ़ी टेंशन, इस लिमिट से ज्यादा ट्रांजेक्शन करने वालों को इनकम टैक्स विभाग भेज रहा नोटिस
HR Breaking News (नई दिल्ली)। 2023 खत्म होने वाला है और इस साल के लिए रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख भी नजदीक है। इस बीच टैक्सपेयर्स के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्स नोटिस आ रहा हैद्ध खासकर इस वित्तीय वर्ष (2022-2023) में हाई वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन करने वाले टैक्सपेयर्स पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है।
क्यों टैक्स नोटिस भेज रहा है डिपार्टमेंट?
जानकारी के अनुसार टैक्स डिपार्टमेंट हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन को लेकर नोटिस भेज रहा है। IT डिपार्टमेंट की ओर से SMS के जरिये इनकम टैक्स नोटिस भेजा जा रहा है। 2022-2023 के दौरान हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन (High Value Transaction) पर नोटिस भेजा जा रहा है। लोगों से 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड ITR भरने को कहा गया है।
नोटिस मिला तो क्या करना होगा ?
आपके पास भी अगर ये नोटिस आया है तो सबसे पहले अपना AIS यानी Annual Information Statement निकालें। AIS को अपने रिटर्न से मैच करें। कोई डिस्क्रेपेंसी हो तो रिवाइज रिटर्न (ITR) भरें। साथ ही इनकम टैक्स के Compliance Portal पर भी जाकर जवाब दें।
कहां मिलेगा Compliance Portal?
e-filing पोर्टल www.incometax.gov.in/ पर लॉगिन करें। 'Pending Actions' पर जाएं और 'Compliance' क्लिक करें। फिर आप 'e-Campaign Tab' पर पहुंच जाएंगे। आपको हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन दिखेगा, अपना जवाब दें।
जानिये, क्या है हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन?
- एक ट्रांजैक्शन लिमिट के ऊपर के ट्रांजैक्शन हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन कहलाते हैं, जैसे-
- कैश से बैंक ड्राफ्ट पर ऑर्डर 10 लाख रुपये
- सेविंग खाते में कैश डिपॉजिट 10 लाख रुपये
- करंट खाता- कैश डिपॉजिट/विड्रॉल 50 लाख रुपये
- प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री 30 लाख रुपये
- कैश में शेयर, MF, बॉन्ड निवेश 10 लाख रुपये
- कैश में क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट 1 लाख रुपये
- क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट 10 लाख रुपये
- कैश के जरिए FD डिपॉजिट 10 लाख रुपये
इनकम टैक्स विभाग की एक और एडवाइजरी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से एक और एडवाइजरी जारी की गई है। ये एडवाइजरी उन लोगों के लिए है, जिनके आईटीर-टीडीएस मिसमैच हैं। IT विभाग ने कहा है कि उसने कुछ ऐसे टैक्सपेयर्स को सलाह के रूप में सूचना भेजी है जिनके आयआकर रिटर्न (ITR) में दिए गए ब्योरे और रिपोर्टिंग इकाई से मिली सूचना के बीच तालमेल नहीं दिख रहा है।