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Income Tax Notice : प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले देनी होगी जानकारी, वरना 100 प्रतिशत मिलेगा IT नोटिस

Income Tax Notice Rules : प्रोपर्टी का सौदा सबसे महंगे सौदों में शामिल होता है। इसे खरीदने या बेचने से पहले एक खास तरह की जानकारी आयकर विभाग को देना बहुत जरूरी है, नहीं तो विभाग का नोटिस (income tax notice) आपके घर पहुंच जाएगा। इसके बाद कई और परेशानियों से भी आपको दो-चार होना पड़ेगा। नोटिस का सही जवाब न मिलने पर आयकर विभाग आगामी कार्रवाई भी कर सकता है। आइये जानते हैं कैसे आप विभाग के नोटिस (IT notice rules) से बच सकते हैं।

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Income Tax Notice : प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले देनी होगी जानकारी, वरना 100 प्रतिशत मिलेगा IT नोटिस

HR Breaking News - (Income Tax rules )। बड़ी पूंजी के कार्यों में प्रोपर्टी का लेनदेन भी शामिल है। लाखों रुपये जुटाकर प्रोपर्टी खरीदी (property buying tips) जाती है और इसे बेचने पर लाखों में ही रुपया जेब में भी आता है। जब भी प्रोपर्टी खरीदते या बेचते हैं तो पहले ही इस बारे में इनकम टैक्स विभाग (income tax department) को सूचित करना होगा।

अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर इनकम टैक्स विभाग का नोटिस 100 प्रतिशत आएगा ही आएगा। नोटिस आने के बाद होने वाली समस्या से पहले ही बेहतर है कि यहां पर इस बारे में सभी नियम (income tax rules) बारीकी से जान लें।  इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय भी इसकी जानकारी देना जरूरी होता है। वैसे भी वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता व सावधानी बरती जानी बेहद जरूरी है।


अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर यह है नियम-


अचल संपत्ति को खरीदते या बेचते समय मोटी रकम इधर से उधर होती है। इस पर भी आयकर विभाग की नजर होती है। अचल संपत्ति (property buying rules) 30 लाख से ऊपर की है तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार इस बारे में आयकर विभाग को जानकारी देते हैं। ऐसे में यह पेमेंट आप कैश में करते हैं तो आपको इनकम टैक्स विभाग का नोटिस (IT notice new rules ) हर हाल में यानी 100 प्रतिशत आएगा। आपके लिए फिर कई तरह की परेशानियां खड़ी हो जाएंगी।

इन ट्रांजेक्शंस पर भी है आयकर विभाग की नजर-


1. विदेशी मुद्रा - एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा पाते हैं तो इनकम टैक्स विभाग को इस बारे में बताना होगा। ऐसा न करने पर विभागीय नोटिस (IT ka notice kab aata h) व कार्रवाई का सामना आपको करना पड़ सकता है। अगर विभाग आपकी ओर से नोटिस में दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो कार्रवाई भी हो सकती है। 

2. खाते से ट्रांजेक्शन पर नोटिस-


सेविंग और करंट अकाउंट में पैसे जमा (cash deposit rules) कराने व निकालने को लेकर भी विभाग ने नियम तय कर रखा है। एक वित्त वर्ष के दौरान कोई खाताधारक सेविंग खाते से 10 लाख रुपये से ज्यादा की ट्रांजैक्शन(cash transaction rules) करता है तो आयकर विभाग को इस बारे में अवगत कराना होगा। हालांकि ये जानकारी बैंक भेज देते हैं। करंट अकाउंट में एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शन (transaction new rules) होने पर आपको नोटिस आ सकता है। इसका आपको लिखित में जवाब भी देना होगा। 

3. फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर यह है नियम-


फिक्स्ड डिपॉजिट कराने वाले ग्राहकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि एफडी (FD) में 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करने पर आईटी विभाग (IT department) को सूचना नहीं दी तो 100 प्रतिशत नोटिस (IT notice) आ जाएगा। बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है, बैंक फॉर्म 61ए भरकर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की स्टेटमेंट (annual transaction statement) के बारे में विभाग को अवगत कराते हैं।

4. एक लाख से अधिक का क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने पर-


क्रेडिट कार्ड का बिल एक वित्त वर्ष में अगर 1 लाख रुपये से अधिक कैश (cash transaction rules) में चुकाते हैं तो आयकर विभाग को इसकी सूचना जरूर होनी चाहिए। यह जानकारी न देने पर आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है। नोटिस आने पर सवाल को समझते हुए समय रहते जवाब (how to reply IT notice) दें। इसके लिए विशेषज्ञ की मदद भी आप ले सकते हैं।

5. शेयर और बॉन्ड में निवेश की जानकारी न देने पर-


शेयर बाजार में लगाए गए पैसे पर भी इनकम टैक्स विभाग (income tax department) नोटिस भेज सकता है। म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बॉन्ड या डिबेंचर में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक का निवेश (share market investment) आपने कैश में कर दिया तो आपको भारी पड़ेगा।

इसकी सूचना आयकर विभाग को जरूर दें, नहीं तो एनुअल इनफॉर्मेशन रिटर्न स्टेटमेंट में आपकी यह ट्रांजैक्शन (cash transaction rules) दिखेगी और आपको नोटिस आएगा। फॉर्म 26AS के पार्ट E में ग्राहकों की हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन दर्ज की जाती है। इसलिए इसे छुपाना आपको भारी पड़ सकता है।