home page

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, अब इनकम टैक्स का नोटिस आने पर इतने दिन में देना होगा जवाब

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपको बता दें कि आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को कई कारणों से नोटिस भेजता है. ऐसे में आपको बेहद अलर्ट रहने की जरूरत है... आइए नीचे खबर में जानते हैं कि आयकर विभाग से नोटिस क्यों आते हैं और नोटिस मिल जाए तो क्या करें? 

 | 
Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, अब इनकम टैक्स का नोटिस आने पर इतने दिन में देना होगा जवाब

HR Breaking News, Digital Desk- करदाताओं (Taxpayers) को आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर घबराना नहीं चाहिए। अक्सर यह कुछ छोटी गलतियों के कारण आता है।  ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते हैं कि आखिर आयकर विभाग से किन-किन कारणों से नोटिस आता है और इसके आने के बाद क्या करने चाहिए?

कई करदाता इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) दाखिल करने के बाद यह मान लेते हैं कि उनका काम पूरा हो गया लेकिन हम ऐसे टैक्सपेयर्स को बता रहे हैं कि आईटीआर भरने के बाद भी आपको नोटिस आ सकता है. आईटीआर वेरिफाई होने के बाद, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) आपकी जानकारी को फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, AIS और TIS से मिले डेटा के साथ मैच करता है। यदि टैक्स या टैक्सेबल इनकम में कोई अंतर पाया जाता है, तो आपको इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है।

क्यों आता है आयकर नोटिस-

- किसी करदाता ने आईटीआर (ITR) दाखिल नहीं किया है तो आयकर विभाग सेक्शन 142 के तहत नोटिस देकर रिटर्न भरने के लिए कह सकता है.

 - यदि करदाता का टैक्स रिटर्न अधूरा है या उसमें गलत जानकारी है तो धारा 139 (1) के अनुसार नोटिस भेजा जाता है.

-  यदि आयकर विभाग किसी करदाता द्वारा दी गई जानकारी और डाक्यूमेंट्स (documents) से अंसतुष्ट होता है तो सेक्शन 143 (2) के नोटिस भेज सकता है. इस धारा के तहत आयकर विभाग कुछ और डिटेल में जानकारी मांगता है.

- जब कोई अधिकारी धारा 245 के तहत मांग जारी करता है क्योंकि उनका मानना है कि आप पर कर बकाया है, तो वे उस राशि को आपके चालू वर्ष के रिफंड से काटना चाहते हैं. हालांकि, कोई बदलाव आपको पर्याप्त नोटिस (notice) देने और 30 दिनों के भीतर जवाब देने का मौका देने के बाद ही किया जा सकता है.

- जब किसी टैक्सपेयर्स पर कर, ब्याज, जुर्माना या अन्य ऋण के रूप में पैसा बकाया होता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax department) धारा 156 के तहत नोटिस जारी करता है. इसे डिमांड नोटिस के रूप में जाना जाता है.

- यदि किसी करदाता ने ITR फाइल नहीं किया है या 142 या 143 (2) के तहत जारी नोटिस का जवाब नहीं दिया तो आयकर अधिकारी सेक्शन-144 के तहत नोटिस भेज सकते हैं.

- यदि आयकर अधिकारी को लगता है कि आपने रिटर्न दाखिल नहीं किया, आपकी पिछली आय में कुछ आय शामिल नहीं थी, या कोई आय छिपाई गई है, तो वे आपको धारा 147/148/149 के तहत नोटिस भेज सकते हैं. यह आपको अपनी आय का पुनर्मूल्यांकन या खुलासा करने का अवसर देता है.

News Hub