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Income Tax Raid : इनकम टैक्स के छापे के दौरान क्या होता है, कौन सा सामान जब्त कर सकते हैं आयकर अधिकार, जान लें अपने अधिकार

Income Tax Raid Rule : भारत देश में होने वाले लेनदेन पर इनकम टैक्स विभाग कड़ी नजर रखता है। जब कोई व्यक्ति इनकम टैक्स नहीं भरता है या अपनी इनकम की सही जानकारी नहीं देता है तो आयकर विभाग नोटिस जारी कर उसे यह गलति सुधारने का मौका देता है। वहीं, जब इनकम टैक्स विभाग को किसी व्यक्ति के पास काला धन छूपा होने की टिप मिलती है तो पूरी टीम के साथ छापेमारी की जाती है। लेकिन ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिरी इनकम टैक्स की रेड के दौरान क्या होता है और कया क्या सामान जब्त किया जा सकता है। चलिए जानते हैं A टू Z - 

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Income Tax Raid : इनकम टैक्स के छापे के दौरान क्या होता है, कौन सा सामान जब्त कर सकते हैं आयकर अधिकार, जान लें अपने अधिकार

HR Breaking News - (Income Tax Raid) इनकम टैक्स विभाग द्वारा रेड की खबरें आए दिन ही सुनने को मिलती ही रहती हैं। इनमें विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपये पकड़ने और सख्त कार्रवाई की जानी की बात होती है। लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि आयकर विभाग द्वारा छापेमारी के दौरान क्या होता है विभाग पैसे और प्रॉपर्टी के अलावा कौन से सामान को जब्त कर सकता है।

 

आयकर विभाग की कार्रवाई में कौन सी धारा लगती है। अगर इनकम टैक्स विभाग रेड करता है ऐसे में टैक्सपेयर्स के क्या अधिकार हैं। आज इस खबर में हम इनकम टैक्स की ओर से कि जाने वाली रेड के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

 

एक्सपर्ट ने बताया रेड में क्या होता है जब्त - 

 

आयकर विभाग (Income Tax) द्वारा की जानी वाली रेड के मामले में एक्सपर्ट और अधिवक्ता डॉ. राकेश गुप्ता (सीए) का कहना है कि सर्च या रेड के दौरान अगर कोई सामग्री रेड से जुड़ी है तो विभाग उस चीज को मांग सकता है जब्त कर सकता है। लेकिन अगर वह सामग्री रेड (Income Tax Raid) से लिए जरूर नहीं है तो उसकी सिर्फ कॉपी की जा सकती है। इस तरह से ब्लैंकेट मैनर या ओमनिबस मैनर में इन्हें ये सब करने का अधिकार नहीं है। आयकर विभाग के अधिकारी इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। रेड में उन्हें एक-एक डॉक्यूमेंट को वैरीफाई करना चाहिए। उसके बाद उसे कब्जे में लेना चाहिए। 


रेड के दौरान मोबाइल से निकाल सकते हैं डाटा - 


डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) के अधिकारी रेड के दौरान मोबाइल के पूरे डाटा को कॉपी नहीं कर सकते हैं उनके पास यह अधिकार नहीं है। उन्हें पहले यह तय करना होगा। ये बुक्स ऑफ अकाउंट नहीं है। ये एक इलेक्ट्रिक डॉक्यूमेंट है, जो सर्वे या सब्जेक्ट से संबंधित है तो भी पूरी तरह से कॉपी नहीं होगा। ये किसी की प्राइवेसी को भंग नहीं कर सकते हैं। 


इस समय के बाद नहीं हो सकता सर्वे - 

एक्सपर्ट सर्वेश कुमार बाजपेयी (सीए) का कहना है कि आयकर विभाग (Income Tax Department Rules) के अधिकारी सुबह से शाम के बीच ही सर्वे कर सकते हैं। सूर्यास्त होने के बाद कारोबारी सर्वे को बंद करा सकता है। ऐसे में आयकर विभाग के अधिकारी सभी डॉक्यूमेंट को सीज करके जाएगी और अगले दिन वापस आकर सर्वे की कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी। हालांकि रेड और सर्च में ऐसा नहीं होता है रेड और सर्च कभी भी की जा सकती है इसका कोई टाइम नहीं होता है। 

क्या रेड के दौरान मोबादल फोन से लिया जा सकता है पूरा डाटा? 


 
सीए बाजपेयी का कहना है कि आयकर विभाग (Income Tax Rules) द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान कम्प्यूटर या मोबाइल से डाटा तो लिया जा सकता है। आजकल फोन का यूज सबसे ज्यादा होता है ज्यादातर डाटा लोग फोन में ही रखते हैं। सर्च के दौरान तो सभी डिवाइस का डाटा लिया जा सकता है, लेकिन सर्वे में इसे पूरी तरह नहीं किया जा सकता।  यदि कारोबारी यह प्रफू कर देता है कि फोन उसके कारोबार से नहीं जुड़ा है और वह पर्सनल फोन है तो फिर ऐसा नहीं किया जा सकता है। 


आयकर विभाग किसी भी सर्वे, रेड आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) की धाराओं के तहत की जाती है। यह एक्ट कर योग्य आय, कर देयता, अपील, दंड और अभियोजन तय करने में मददगार साबित होता है। इसी एक्ट में आयकर विभाग के अधिकारियों को यह शक्ति मिली होती है कि वह रेड (Income Tax Raid) या सर्च के दौरान टैक्सपेयर्स कि किन चीजों को जब्त कर सकते हैं और सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। बता दें कि इस प्रावधान में समय समय पर बदलाव किया जाता है। 

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132

आयकर अधिनियम की धारा 132 संबंधित अधिकारियों को सर्च या रेड का अधिकार प्रदान करती है। इस धारा के तहत इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग के अधिकारी किसी दफ्तर, प्रतिष्ठान या परिसर में छापेमारी कर तलाशी ले सकते हैं। यही धारा अधिकारियों को मामले संबंधित पैसे, संपत्ति  और डॉक्यूमेंट को जब्त करने का अधिकार देती है। 

आयकर अधिनियम 1961 की धारा 133

आयकर अधिनियम में धारा धारा 133 (6) मूल्यांकन अधिकारियों (Assessment officers) को जांच की शक्ति प्रदान करती है। इस धारा के तहत अधिकारी पूछताछ कर सकते हैं और यह सबूत भी मांगा जा सकता है कि पैसों को कहां से अर्जित किया गया है। वहीं इस अधिनियम की धारा 133ए संबंधित अधिकारियों को तलाशी की शक्ति प्रदान करती है। जिसके तहत वह अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी भी स्थान या किसी भी व्यक्ति के कब्जे वाले किसी भी जगह पर जाने का अधिकार रखता है। 

किन लोगों पर होती है कार्रवाई? 

इनकम टैक्स विभाग देश के वित्त मंत्रालय के तहत काम करता है। आयकर विभाग (Income Tax News)  देश में होने वाली हर ट्रांजैक्शन पर पैनी नजर रखता है। विभाग उन लोगों पर कार्रवाई करता है जो टैक्स नहीं भरते हैं। मतलब जो लोगन अपनी कमाई का सही ब्योरा नहीं देते हैं और जिन लोगों पर टैक्स चोरी और काला धन छूपा होने का शक होता है। जब आयकर विभाग को ऐसी कोई पक्की सूचना मिलती है तो ऐसे मामले में इनकम टैक्स विभाग अपनी टिम के साथ कार्रवाई करता है।  

छुपकर की जाती है रेड? 

आयकर विभाग जब किसी व्यक्ति के घर, दफ्तर या किसी परिसर में रेड करने का प्लान तैयार करता है, तो अधिकारियों की यह कोशिश रहती है कि बिना किसी को कोई बात की खबर हुए अचानक छापेमारी की जाए। ताकि उसे संभलने का मौका ना मिले। आयकर विभाग की टीम रेड (Income Tax Raid rule) के दौरान तलाशी करने का वारंट साथ लेकर आती है। बता दें कि इनकम टैक्स विभाग कभी भी रेड कर सकता हैं। इस दौरान टीम के साथ पुलिस भी होती है, ताकि कार्रवाई के दौरान कोई दिक्कत ना हो। कई बार तो छापे के दौरान भारी पुलिस बल बुलाया जाता है। 

रेड करते ही सबसे पहले किया जाता है ये काम? 

जब आयकर विभाग की टीम किसी व्यक्ति के ठिकानों पर रेड (Income Tax Raid News) करती है तो सबसे पहले वहां मौजूद सभी लोगों के मोबाइल फाने को जब्त किया जाता है और उसके बाद घर के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कार्रवाई के दौरान ना तो कई घर से बाहर जा सके और ना ही कोई अंदर आ सके। आयकर विभाग की टीम में महिला अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही शामिल होते हैं। ताकि वे ज़रूरत पड़ने पर मौके पर मौजूद महिलाओं की तलाशी ले सकें।  

डॉक्यूमेंट की जाती है जांच - 


आयकर विभाग (Income Tax Raid Rule) की छोपमारी में वहां मौजूद कैश, गहने और कीमती सामान का लेखा जोखा और डॉक्यूमेंट की जांच पड़ताल की जाती है। इसके अलावा विभाग के अधिकारी उस सामान से जुड़े कागजात अपने साथ भी ले जा सकते हैं।

 

जब्ती का नियम

यदि रेड किसी दुकान या शोरूम पर की जा रही है, तो वहां बेचने के लिए रखे सामान को अधिकारी जब्त नहीं कर सकते हैं। लेकिन आयकर विभाग के अधिकार उस सामान के खरीद के डॉक्यूमेंट मांग सकते हैं और उस सामान से जुड़े डॉक्यूमेंट को जब्त कर सकते हैं। यदि रेड के दौरान व्यक्ति के पास उस सामान के पूरे कागजात होते हैं और वह सही हैं तो अधिकारी उस कीमती सामान को जब्त नहीं कर सकते। 

क्या होता है जब्त किए गए पैसे का - 

रेड के दौरान अगर अघोषित पैसा या गहने आदि मिलते हैं, जिसका हिसाब किताब या कोई दस्तावेज संबंधित व्यक्ति के पास नहीं होता है, तो आयकर विभाग की टीम उसे जब्त कर सकती है। पैसे को जब्त करने के बाद बैंक खाते में जमा किया जाता है और वहां सरकारी एकाउंट में जमा किया जाता है। 

सीक्रेट कोड किए जाते हैं इस्तेमाल


आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान सीक्रेट कोड भी प्रयोग किए जाते हैं। आयकर विभाग इस बात का ध्यान रखता है कि कोई भी गुप्त जानकारी लीक न हो जाए। इसके लिए आयकर विभाग कार्रवाई के दौरान भी इन सीक्रेट वर्ड्स का इस्तेमाल करता है। छापेमारी की कार्रवाई को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए आयकर विभाग के अधिकारी यह सब प्लानिंग करके करते हैं। 

नहीं बन सकते हैं अवरोध


आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान वहां मौजूद या कोई बाहरी व्यक्ति काम में बाधा नहीं बन सकता है। आयकर विभाग के अधिकारियों का कोई विरोध नहीं कर सकते हैं। विरोध करने वाले पर कार्रवाई का प्रावधान है। वहीं, विभाग के अधिकारी मौजूद लोगों के रिश्ते, कागजात, लॉकर की चाबी के बारे में पूछते हैं तो बताना होता है।


नहीं मिटाए जा सकते हैं सबूत


जब आयकर विभाग की रेड (Income Tax Raid) होती है तो इस दौरा उक्त जगह पर मौजूद व्यक्ति किसी भी सबूत को नष्ट नहीं कर सकता है। न किसी भी दस्तावेज को फाड़ सकते हैं, न किसी डाटा को नष्ट कर सकते हैं। अधिकारियों को कार्रवाई में किसी सवाल का जवाब चाहिए तो मौजूद व्यक्ति को जवाब देना होगा। बात न मानने पर कार्रवाई की जा सकती है। 

यह है टैक्सपेयर का अधिकार


अगर आयकर विभाग (Income Tax) की ओर से रेड डाली जाती है तो टैक्सपेयर के भी अधिकार है। टैक्सपेयर छापा करने वाले अधिकारियों से सर्च वारंट और उनके आईडी कार्ड को मांग सकता है। इस दौरान व्यक्ति किन्हीं दो सम्मानित नागरिकों को जांच के दौरान गवाह के तौर पर बुला सकता है। वहीं, बीमारी आदि में डॉक्टर बुलाए जा सकते हैं। 

यह है घरवालों के अधिकार


आयकर के छापे के दौरान अगर घर के किसी बच्चे को स्कूल जाना है तो उसके बैग की तलाश कर उसे स्कूल जाने से नहीं रोक सकते हैं। इसी प्रकार किसी को खाना खाने से वंचित नहीं रख सकते हैं। कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद कार्रवाई से संबंधित कॉपी पाने का अधिकार टैक्सपेयर्स को होता है।  

ताले और दीवार तोड़ने की छूट


आयकर विभाग अपनी कार्रवाई के दौरान सहयोग न करने पर ताले तोड़ सकता है। इतना ही नहीं अगर शक होता है तो जमीन का फर्श हो या दीवार जांच के लिए उनको तोड़ा जा सकता है। स्कैनिंग व्हील मशीन का प्रयोग भी होता है।