Income Tax Raid : इनकम टैक्स के छापे में जब्त कैश-जेवर और प्रॉपर्टी का क्या होता है, कम लोग ही जानते है हकीकत
Income Tax Raid Rules : इनकम टैक्स विभाग आय छिपाने व कर चोरी के मामलों पर पैनी नजर रखता है। गड़बड़ी की आशंका व टैक्स चोरी (income tax evasion) की गुप्त सूचना के आधार पर विभाग रेड डालता है। इस दौरान नकदी व गहने आदि जब्त किए जाते हैं। कई लोगों के मन में सवाल होता है कि इस पैसे व गहनों का आखिर क्या होता है और यह कहां ले जाया जाता है। आइये जानते हैं इस खबर में विस्तार से।

HR Breaking News - (IT raid)। इनकम टैक्स की रेड के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन यह नहीं जानते होंगे कि इनकम टैक्स की रेड कब और किस स्थिति में की जाती है। लोग कैसे विभाग के निशाने पर आते हैं और रेड में जब्त किए गए कैश-जेवर और अन्य सामान का क्या किया जाता है।
इनकम टैक्स (Income Tax Raid Hidden Facts) की छापेमारी से जुड़ी और भी कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में आम लोगों को पता ही नहीं होता। यहां पर आपको आयकर विभाग (income tax department) की ओर से की जाने वाली छापामार कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी कि इसमें जब्त नकदी व सामान का क्या किया जाता है।
सबसे पहले यह किया जाता है तय-
आयकर विभाग के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार इनकम टैक्स विभाग छापा मारने की कार्रवाई (IT department raid action) के लिए सबसे पहले यह चिन्हित करता है कि टैक्स चोरी की गतिविधि में शामिल व्यक्ति कौन है और उसके मुख्य ठिकाने कहां कहां हैं। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में सर्च वारंट जारी होा है। इसके उपरांत ही सर्च अभियान (IT search operation) के लिए टीम को चुना जाता है।
सर्च टीम के सदस्यों को किया जाता है सलेक्ट-
जिस जगह पर छापा मारना होता है, विभाग का असफर इसे पूरी तरह से गुप्त रखता है। यहां तक कि जिसके यहां छापा मारा जाना है, उसकी पहचान भी गुप्त रखी जाती है। सर्च टीम के हर सदस्य का अलग से चयन किया जाता है। इसके बाद छापेमार कार्रवाई (IT ki raid kab padti h) के लिए बताया जाता है। टीम सदस्यों को यह नहीं बताया जाता कि कहां छापा मारना है। पूरी जानकारी को गुप्त रखा जाता है ताकि कोई लीकेज न हो।
ऐसे चलता है पूरा अभियान -
टीम को जहां छापा मारना है, उस जगह पर पहुंचने के बाद की टीम के सदस्यों को पता चल पाता है कि छापा कहां लगना था। यहां पहुंचकर विभाग की सर्च टीम संदिग्ध व्यक्ति को सर्च वारंट (IT search warrant) थमाती है और अपना काम शुरू करती है। सर्च टीम में अलग-अलग नंबर तय होते हैं।
कट जाता है बाहरी कनेक्शन-
जब आयकर विभाग का सर्च ऑपरेशन (IT search operation) शुरू होता है तो वहां मौजूद लोगों का बाहरी कनेक्शन कट हो जाता है। यहां तक कि विभाग की टीम के कर्मचारियों का भी कनेक्शन कट हो जाता है। मोबाइल फोन का उपयोग अधिकारी की अनुमति बिना नहीं किया जा सकता। छापे से संबंधित जगह से इधर उधर जाने के लिए भी अधिकारी की प्रमिशन लेनी होती है। बाहर से कोई अंदर और अंदर से कोई बाहर नहीं जा सकता। अक्सर सर्च ऑपरेशन (IT search operation process) लंबे चल जाते हैं।
कैश और जेवर जब्त करने की कार्रवाई-
जिस संदिग्ध व्यक्ति के यहां छापा मारा जाता है, वहां से कैश व जेवर की जब्ती आयकर विभाग करता है। मुख्य रूप से तो कागजातों, कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिस्क व अन्य डिवाइस आदि को जब्त किया जाता है। इस सारे सामान और कैश की लिस्ट तैयार की जाती है और संबंधित संदिग्ध व्यक्ति को बताते हुए उसी से सत्यापित भी कराया जाता है।
सर्च ऑपरेशन पूरा होने के बाद उसके बयान दर्ज कर लिए जाते हैं। इनकम टैक्स विभाग (income tax department) किसी प्रतिष्ठान या शोरूम में छापा मारता है तो वहां पर बेचने के लिए रखे सामान को जब्त नहीं कर सकता लेकिन उसकी लिस्ट बना सकता है। इसके बाद सर्च टीम (IT new rules fro raid) सारा सामान व कैश आदि अपने साथ ले जाते हैं।
इस खाते में जमा होती है जब्त नकदी -
छापे के दौरान जब्त किए गए कैश को आयकर विभाग (IT department) के आयुक्त से जुड़े बैंक खाते में जमा कराना होता है। छापे में जब्त कैश और अन्य चीजों की जांच भी की जाती है। यह जांच इनकम टैक्स विभाग के उच्च अधिकारी करते हैं। जब्त की गई सारी संपत्ति की कैलकुलेशन करने पर संदिग्ध व्यक्ति पर टैक्स चोरी और जुर्माना (Tax evasion fine) तय किया जाता है। यह राशि काटने के बाद बाकी पैसे संबंधित व्यक्ति को वापस कर दिया जाता है। इनकम टैक्स विभाग की छापामार कार्रवाई मामलों के अनुसार अलग अलग भी हो सकती है।