Income Tax : 12 लाख 75 हजार रुपये इनकम टैक्स फ्री, क्या 12.76 लाख पर लगेगा 62,556 टैक्स? जानिए नियम
Income Tax Rules :वित्त मंत्रालय ने आयकर टैक्स में छूट देकर करदाआतों को बड़ी सौगात दी है। 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करके मध्यम वर्ग के व्यापारियों व कर्मचारियों को भारत सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। वहीं, कर्मचारियों के लिए यह छूट 75 हजार रुपये और ज्यादा दी गई है। कर्मचारियों को 12 लाख 75 हजार रुपये तक सटैंडर्ड डिडक्सन की छूट मिलेगी। वहीं, सवाल आता है कि इनकम 12 लाख 76 हजार रुपये होती है तो कितना इनकम टैक्स भरना होगा।

HR Breaking News (Income Tax Rules) : देश में इस बजट से पहले न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स फ्री (Tax Free income) थी। इससे नीचे के स्लैब में आयकर को धारा 87ए के तहत 25 हजार रुपये का रिबेट (Rebate) दिया जा रहा था। ऐसे ही अब सरकार ने इसे 5 लाख रुपये बढ़ाकर 12 लाख रुपये तक कर दिया है। अब 12 लाख रुपये (Income Tax) आय को करमुक्त करने का ऐलान कर दिया है।
तेज चलेगी अर्थव्यवस्था
मिडिल क्लास (Middle Class) के लिए एक फरवरी को जारी किए बजट को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। आयकर (Income Tax relife) में इतना बड़ा बदलाव अपने आप में ऐतिहासिक है। इससे एक और 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकार पर बढ़ेगा। वहीं, लोगों की जेब में अतिरिक्त पैसे बचेंगे तो वो बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाएगा। इससे बाजार में पैसा बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था तेजी से चलेगी।
ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) होगी खत्म
सरकार की ओर से बजट में नई टैक्स रिजीम में कई छूट दी गई हैं। 12 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने के साथ-साथ नए आयकर स्लैब (Income Tax slab) बनाए गए हैं। ओल्ड टैक्स रिजीम में बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में ओल्ड टैक्स रिजीम का खत्म होना लगभग तय है।
टैक्स फ्री है 12 लाख 75 हजार रुपये
बजट-2025 में न्यू टैक्स रिजीम (New Income Tax Regime) में 12 लाख 75 रुपये तक आय पर कर्मचारियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। आयकर की धारा 87ए (87A) के अनुसार कर्मचारियों को (Rebate) मिल जाएगा। कर्मचारियों को 12 लाख की आय पर रिबेट की राशि को 60 हजार रुपये है। साथ ही 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया है।
यह है नया टैक्स स्लैब
-
0 से 4 लाख रुपये आय : 0 प्रतिशत
-
4 से 8 लाख रुपये आय : 5 प्रतिशत
-
8 से 12 लाख रुपये आय : 10 प्रतिशत
-
12 से 16 लाख रुपये आय : 15 प्रतिशत
-
16 से 20 लाख रुपये आय : 20 प्रतिशत
-
20 से 24 लाख रुपये आय : 25 प्रतिशत
-
24 लाख रुपये से अधिक आय: 30 प्रतिशत
चार लाख से ऊपर लगेगा टैक्स
आयकर विभाग की ओर से न्यू टैक्स स्लैब (New Tax Slab) में 4 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है। इससे ऊपर टैक्स (Income Tax) लगना शुरू होगा। यह कर 12 लाख तक की आय पर सामान्य लोगों के लिए और 12 लाख 75 हजार की आय पर कर्मचारी वर्ग के लिए आयकर (Income Tax) की धारा 87ए के तहत माफ हो जाएगा। यानी कर्मचारी को 12 लाख 75 हजार की आय पर एक भी पैसा टैक्स नहीं देना है।
12 लाख 75 हजार से ऊपर आय पर देना होगा टैक्स
आपकी कमाई 12.75 लाख रुपये है तो टैक्स (Income Tax) छूट आपको मिलेगी, लेकिन एक रुपया भी बढ़ा तो क्या होगा। तो बता दें कि इससे आपकी पूरी कमाई इनकम टैक्स के दायरे में आ जाएगी। ऐसे में किसी की कमाई अगर 12 लाख 76 हजार रुपये है तो आमदनी 1 हजार रुपये बढ़ी लेकिन न्यू टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स 62556 रुपये बन गया। लेकिन, घबराना नहीं। आपको इतना टैक्स नहीं देना होगा। आपको केवल एक हजा रुपये ही टैक्स देना होगा। यहां मार्जिनल रिलीफ मिलता है।
जानिए क्या होता है मार्जिनल रिलीफ
अब किसी की 12 लाख 75 हजार आय टैक्स फ्री (Tax Free) है और वह एक रुपया भी ज्यादा कमाए तो उसके लिए वह एक रुपया कमाना सजा के जैसा हो जाएगा। इसलिए ही सरकार ने मार्जिन रिलीफ (Marginal Relief) दिया है। मार्जिनल रिलीफ टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए बनाया गया है।
ऐसे काम करेगा मार्जिनल रिलीफ
मार्जिनल रिलीफ के चलते आय में मामूली इजाफा पर लोगों को ज्यादा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। मार्जिनल रिलीफ का फायदा एक सीमित आय तक मिलता है। मार्जिनल रिलीफ (marginal relief) के नियम के मुताबिक टैक्सपेयर्स की आय में बढ़ौतरी और आयकर में जो कम होगा वो ही पे करना होगा। ऐसे में 12.76 लाख रुपये की आय पर 62,556 रुपये आयकर नहीं, एक हजार रुपये आयकर देना होगा। यूं ही 12 लाख 77 हजार में 2 हजार रुपये आयकर देना होगा।
60 हजार रुपये तक की है सीमा
सालाना किसी की आय 13 लाख रुपये है तो उस कर्मचारी को 25 हजार रुपये ही टैक्स देना होगा। अगर सालाना 13.35 लाख रुपये की आय है तो 60 हजार रुपये इनकम टैक्स (Income Tax) देना होगा। ये मार्जिनल रिलीफ के कारण है। मार्जिनल रिलीफ (marginal relief) 60 हजार रुपये तक का मार्जिनल लाभ ही देता है। जब इंक्रीमेंटल इनकम और इनकम टैक्स का अंतर घटकर शून्य हो जाएगा तो फिर पूरी इनकम के हिसाब से ही टैक्स लगेगा, चाहे एक रुपया ही ज्यादा क्यों न हो।