Income Tax : मिडिल क्लास को टैक्स छूट, 15 लाख की कमाई वालों को 3 लाख की टैक्स छूट

HR Breaking News : (income tax) - मिडिल क्लास को आने वाले बजट में टैक्स छूट की बड़ी उम्मीद है। बिजनेस विशेषज्ञों ने भी बजट में बड़ी टैक्स कटौती (tax deducted) की उम्मीद की है। इसके अलावा विशेषज्ञों ने सरकार से 3 तरह की टैक्स छूट (Income tax exemption) देने की अपील भी की है। सरकार ये छूट देती है तो मिडिल क्लास के लिए ये बजट एतिहासिक साबित होगा। इससे देश की विकास दर को बढ़ावा मिलेगा।
30 प्रतिशत टैक्स की सीमा बढ़े
1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर करेंगी। इस बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। आयकर (Income Tax) को लेकर सबसे ज्यादा छूट की उम्मीद है। वहीं, एक्सपर्ट का भी मानना है कि सरकार आम आदमी के हाथ में अधिक बचत देने के लिए टैक्स में छूट का एलान कर सकती है। केंद्रीय बजट (Budget) में 30 प्रतिशत टैक्स के स्लैब की सीमा तीन लाख बढ़ाने की उम्मीद है।
टैक्स (Tax) में ये तीन बदलाव जरूरी
आयकर जानकारों के मुताबिक बजट 2025 में तीन जरूरी बदलाव टैक्स को लेकर महत्वपूर्ण है। इसमें सबसे पहला स्टेप 15 लाख आय वाले को तीन लाख और रुपये पर टैक्स छूट (tax exemption) दी जानी चाहिए। यानी 30 प्रतिशत इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाकर 18 लाख रुपये करना चाहिए।
वहीं, दूसरा महत्वपूर्ण कार्य टैक्स स्लैब (tax slabs) का पुनर्गठन करना हो सकता है। वहीं, कुल कमाई पर 30% की स्टैंडर्ड कटौती भी सरकार से लागू करने की मांग की गई है। ये तीनों कदम सरकार उठाती है तो मिडिल क्लास (tax exemption for middle class) के लिए ये बड़ी सौगात होगी। इससे बाजार भी दौड़ेगा, और अर्थव्यवस्था की विकास दर बढ़ने में सहायता होगी।
3 लाख अधिक आय पर छूट का ये है कारण
15 लाख रुपये की सालाना आय पर वर्ष 2020 से 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब (tax slabs) बना हुआ है। तब से कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स 21 प्रतिशत बढ़ा है। इस हिसाब से विशेषज्ञों का मानना है कि 15 लाख रुपये से सीमा को बढ़ाकर 18 लाख रुपये किया जाए। वहीं, साथ में सुझाव है कि अधिक आय वालों पर टैक्स को बढ़ाया जा सकता है। इससे मिडिल क्लास को बहुत राहत मिलेगी।
10 लाख रुपये इनकम पर टैक्स नहीं
विशेषज्ञों ने इस बजट में टैक्स-फ्री इनकम (Tax free income) की सीमा बढ़ाने की मांग उठाई है। टैक्स-फ्री इनकम का दायरा अब 10 लाख रुपये तक करने की मांग है। साथ ही आयकर स्लैब को भी सही तरीके से सुधारने की मांग की जा रही है, जिससे किसी पर भी टैक्स का ज्यादा बोझ न पड़े।
30 प्रतिशत स्टैंडर्ड डिडक्शन की मांग
मिडिल क्लास में बीमा और लंबे समय की बचत में गिरावट हो रही है। इसलिए नई कर प्रणाली के अंदर कटौतियों के न होने से आवश्यक वित्तीय सुरक्षा में रुचि घटी है। बीमा कम हो रहे हैं। छोटी बचत योजनाओं (scheme) की ओर लोग जा रहे हैं। जोकि चिंताजनक है। इसलिए बचत और बीमा के लिए टैक्स कटौती आवश्यक है। यह 30% की स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction) हो सकती है।