Income Tax : टैक्स छूट का फायदा उठाने वाले टैक्सपेयर्स हो जाएं सावधान, इनकम टैक्स अधिकारियों को जारी हुए ये आदेश
Income Tax : आयकर विभाग देश के वित्त मामलों में बहुत अहम भूमिका रखता है। देश को चलाने के लिए राजस्व के लिए टैक्स कलेक्ट करने का काम करता है। कहीं पर भी कोई भी टैक्सपेयर अगर टैक्स को अनुचित तरीके से बचाने का प्रयास करता है तो इनपर आयकर विभाग की सख्ती भी चलती है। आयकर विभाग की सख्ती से लोगों के पसीने छूट जाते हैं।

HR Breaking News (Income Tax) देश में नियम है कि एक सीमित आय के बाद लोगों को आय पर टैक्स भरना पड़ता है। यहीं, पैसा देश को चलाने में अहम हिस्सेदारी निभाता है। इसे डायरेक्ट टैक्स के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो हर नागरीक टैक्स देता है, लेकिन वो इंडायरेक्ट टैक्स होता है। वहीं, जो लोग अच्छा रुपया कमाते हैं, उनपर डायरेक्ट टैक्स लगता है।
कितनी आय पर लगता है टैक्स
अब तक देश में 7 लाख रुपये तक की आय टैक्स के दायरे से बाहर थी। परंतु, इसी वित्त वर्ष से नया नियम लागू हुआ है, जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होता है। इसके लिए अलग अलग आय पर अलग अलग प्रतिशत में टैक्स लगता है, जिसके स्लैब बने हुए हैं।
कई तरह की छूट के भी होते हैं प्रावधान
आयकर विभाग की ओर से (Income Tax) इनकम टैक्स में कईं तरह की छूट के प्रावधान भी हैं। परंतु बहुत लोग छूट का अनुचित फायदा भी उठाने का प्रयास करते हैं। जिसपर आयकर विभाग अब और ज्यादा सख्ती करने जा रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से चालू वित्त वर्ष 2025-26 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू किए गए हैं। इसको लेकर केंद्रीय डायरेक्ट कर बोर्ड की ओर से आयकर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी हुए हैं। इसलिए टैक्सपेयर्स को सावधान रहने की जरूरत है।
बारीकी से नजर रखने की हिदायत
आयकर विभाग की ओर से (Income Tax) अग्रिम टैक्स जमा करने वाले प्रमुख टैक्सपेयर्स पर बारीकी से नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी किसी भी तरह की फर्जी टैक्स छूट और कटौती तका ध्यान रखेंगे।
सेंट्रेल एक्शन प्लान किया जारी
सीबीडीटी की ओर से आयकर विभाग (Income Tax) की ओर से सेंट्रल एक्शन प्लान जारी किया गया है। यह पूरे वित्त वर्ष के लिए एक गाइडलाइन की तरह काम करेगा। निर्देश में बताया गया है कि टैक्स कलेक्शन को कैसे बेहतर बनाया जाए और किन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सरकार ने रखा है यह टारगेट
सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2025-26 में डायरेक्ट टैक्स 25.20 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें कॉरपोरेट और पर्सनल टैक्स आएगा। कॉरपोरेट टैक्स के रूप में 10.82 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है तो वहीं, निजी टैक्स के लिए 13.60 लाख करोड़ रुपये जुटाने हैं। एसटीटी को लेकर भी टारगे है। एसटीटी के लिए(Securities Transaction Tax) 78,000 करोड़ रुपये क्लेक्ट करने का लक्ष्य है।
पहले लक्ष्य से चूक गया विभाग
इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की ओर से लक्ष्य से थोड़ा चूक गई थी। सरकार का लक्ष्य 22.37 लाख करोड़ रुपये तय था। जबकी केवल 22.26 लाख करोड़ रुपये ही टैक्स कलेक्ट हो पाया था।
हालांकि पिछले वित्त वर्ष से 13.57 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी। आयकर विभाग की ओर से क्षेत्र वाइज पहचान की जाएगी कि कहां टैक्स कलेक्शन कम हो रहा है और ऐसे नकारात्म ट्रेंड्स को देखकर इनपर कार्रवाई भी की जाएगी।
आयकर विभाग का है यह प्लान
आयकर विभाग (Income Tax) का प्लान है कि रणनीति के माध्यम से ज्यादा टैक्स वसूला जाए। फर्जी छूट और गलत दावों पर भी इससे रोक लगेगी। इससे देश के राजस्व में नुकसान नहीं होगा। इसके लिए बड़े करदाताओं पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। इसलिए सभी करदाताओं को अनुचित छूट प्राप्त करने के तरीकों से सावधान रहने की जरूरत है।