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Loan Guarantor New Rules : लोन गारंटर बनने से पहले जान लें नियम, वरना 100 प्रतिशत घर आएगा नोटिस

Loan Guarantor New Rules : जब कोई दोस्त या करीबी लोन लेने के लिए गारंटर बनने की मांग करता है, तो तुरंत हां करना एक गंभीर फैसला है. लोन गारंटर बनना कोई साधारण बात नहीं है, क्योंकि इसमें कई जिम्मेदारियां शामिल होती हैं. जिन्हें जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है वरना सौ प्रतिशत आपके घर नोटिस आएगा-

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Loan Guarantor New Rules : लोन गारंटर बनने से पहले जान लें नियम, वरना 100 प्रतिशत घर आएगा नोटिस

HR Breaking News, Digital Desk- (Loan Guarantor New Rules)  जब कोई दोस्त या करीबी लोन लेने के लिए गारंटर बनने की मांग करता है, तो तुरंत हां करना एक गंभीर फैसला है. लोन गारंटर बनना कोई साधारण बात नहीं है, क्योंकि इसमें कई जिम्मेदारियां शामिल होती हैं. यदि लोन लेने वाला व्यक्ति अपना लोन चुकाने में असफल होता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव (negative impact) गारंटर पर भी पड़ता है. 

गारंटर को लोन की राशि चुकाने की जिम्मेदारी उठानी पड़ सकती है. इसलिए, बिना सोचे-समझे हां करना सही नहीं है. इससे रिश्ते बिगड़ सकते हैं. पहले लोन व उसकी शर्तों को समझना आवश्यक है. मित्रता के लिए बिना विचार किए गारंटर बनना उचित नहीं है.

पहले जानिए कब पड़ती है लोन गारंटर की जरूरत-

- यदि लोन की रकम बहुत ज्यादा हो और डिफॉल्ट जोखिम ज्‍यादा लग रहा हो.

- बैंक को कर्जदार के पर्याप्‍त डॉक्‍यूमेंट्स (documents) न मिल पाएं या कर्जदार का निजी क्रेडिट स्कोर खराब हो

- यदि मुख्य कर्जदार की उम्र ज्‍यादा हो या पेशा जोखिम वाला हो.

- यदि बैंक की नीतिगत जरूरत में लोन गारंटर शामिल हो.

लोन गारंटर बनने पर क्‍या होती जिम्‍मेदारी-

लोन लेने वाले और चुकाने वाले की जिम्‍मेदारियां भले अलग हों, लेकिन लोन गारंटर (loan guranter) की भी कानूनी जिम्‍मेदारी होती है. इसके लिए बैंक कागजों पर दस्‍तखत (signature on bank papers) करवाता है. यदि डिफॉल्‍ट होता है, तो बैंक पहले लोन लेने वाले को नोटिस भेजता है. जवाब न मिलने पर गारंटर को भी नोटिस (notice) भेजा जाता है. ऐसे में यदि कर्ज लेने वाला चुकता नहीं कर पाता, तो गारंटर को उस लोन को चुकाने की जिम्‍मेदारी लेनी होती है.

अगर आप ये सोचते हैं कि लोन गारंटर बनने के बाद आप अपनी इस जिम्‍मेदारी से आसानी से पीछे हट सकते हैं, तो आपको ये जान लेना चाहिए कि आपके पास पीछे हटने के सीमित विकल्‍प ही होते हैं. आप तभी पीछे हट सकते हैं, जब आपको इसके लिए बैंक की स्‍वीकृति मिले. बैंक या कोई अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थान आपको तभी स्‍वीकृति देगा, जब लोन लेने वाला व्‍यक्ति लोन चुकाने का कोई संतोषजनक विकल्‍प दे.

आपके सिबिल स्‍कोर पर पड़ता है असर-

लोन गारंटर बनने का एक ये भी नुकसान है कि अगर लोन लेने वाला अपना कर्ज नहीं चुका पाता है तो उसकी लोन की रकम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लायबिलिटी के तौर पर दिखेगी. इससे आपका भी सिबिल स्‍कोर (cibil score) खराब होगा. सिबिल स्‍कोर खराब होने का पहला तो नुकसान ये है कि आप कभी खुद लोन लेना चाहेंगे तो आपको परेशानी हो सकती है. इसके अलावा ये भी संभव है कि आप  दोबारा जल्‍दी किसी के गारंटर नहीं बन पाएं.

क्‍या करना चाहिए-

लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि व्‍यक्ति लोन चुकाने में सक्षम है. साथ ही, लोन लेने वाले को बीमा कंपनी (bima company) से लोन प्रोटेक्शन पॉलिसी (protection policy) खरीदने के लिए प्रेरित करें. इससे, यदि किसी अप्रत्याशित घटना के कारण लोन चुकाना संभव नहीं हो, तो फंड की जिम्मेदारी बीमा कंपनी लेगी, जिससे व्‍यक्ति की वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी.