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Loan Penalty New Rule : क्या जल्दी लोन चुकाने पर भी लगेगी पेनाल्टी, लोन लेने वाले जान लें नियम

Loan prepayment rules : लोन लेने के बाद इसे कई लोग हर माह किस्त (loan EMI) भरकर चुकाते हैं तो कुछ समय से पहले चुकाने का निर्णय भी लेते हैं। उनका यह मानना होता है कि जितना जल्दी लोन क्लियर हो जाए उतना ही अच्छा है लेकिन यह कंफ्यूजन भी बनी रहती है कि जल्दी लोन (Loan Penalty rules) चुकाने पर पेनाल्टी लगती है या नहीं। आइये जानते हैं इस बारे में क्या है नियम।

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Loan Penalty New Rule : क्या जल्दी लोन चुकाने पर भी लगेगी पेनाल्टी, लोन लेने वाले जान लें नियम

HR Breaking News - (Loan prepayment)। लोन के भुगतान को लेकर कुछ लोग यह सोचते हैं कि यह समय से पहले जल्दी निपटाना बेहतर है तो कुछ इसे समय पर ही भुगताना सही मानते हैं। लोन चुकाने (loan repayment rules) को लेकर यह अलग अलग सोच नियमों की पूरी जानकारी न होने के कारण भी है। अधिकतर लोन लेने वाले ही इस बारे में नहीं जानते कि जल्दी लोन चुकाने पर पेनाल्टी (penalty on loan prepayment) लगती है या नहीं। इस कंफ्यूजन को बैंक ग्राहक और लोनधारक दूर कर लेंगे तो काफी फायदे में रहेंगे। 

लोन की शर्तों को समझना जरूरी-


लोन लेने के बाद उसे बैंक (bank news) द्वारा तय किए गए समय से पहले चुकाने की सोच रहे हैं तो ये गलत फैसला हो सकता है। इससे आप पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। लोन लेते समय उसकी शर्तों (loan terms and conditions) को समझ व पढ़ लेना चाहिए। इसमें लोनधारक व बैंक के बीच के लोन समझौते (loan agreement) की कई अहम बातें होती हैं।

लोन प्रीपेमेंट का फैसला सही या गलत -


लोन प्रीपेमेंट में यह देख लें कि लोन चुकाने (loan repayment) का कितना समय बाकी है, अगर समय कम ही बचा है तो लोन समय से पहले चुकता करना सही नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अधिकतर बोझ तो आप उठा ही चुके हो फिर पेनाल्टी क्यों देनी। अगर ज्यादा किस्तें बाकी हैं तो लोन प्रीपेमेंट (loan prepayment ाम ंलकम) का फैसला कुछ हद तक फायदेमंद भी हो सकता है।


बैंक इसलिए लगाते हैं पेनाल्टी-


बता दें कि समय से पहले जल्दी लोन चुकाने पर भी पेनाल्टी (penalty on loan prepayment) देनी होती है। बैंक यह पेनाल्टी इसलिए लगाते हैं क्योंकि उन्हें पूरी लोन अवधि में हर माह की ईएमआई (loan EMI) से जो लाभ मिलना था वह लोन को ग्राहक की ओर से जल्दी चुकाने पर नहीं मिल पाता। यह एक तरह से बैंक को आर्थिक नुकसान ही है, इसकी कुछ हद तक भरपाई वे पेनाल्टी (loan prepayment penalty) लगाकर करते हैं।

लोन प्रीपेमेंट में कितना फायदा या नुकसान -


कई लोग ईएमआई भरने से पीछा छुड़ाने के लिए लोन (bank loan news) को समय से पहले चुकाने की सोचते हैं लेकिन जिस तरह से किसी लोन की EMI चूकने पर पेनाल्टी देनी पड़ती है, उसी तरह लोन जल्दी चुकाने पर भी लोनधारक (loan holder's rights) को पेनाल्टी देनी पड़ती है।

आमतौर पर ये पेनाल्टी लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट के बराबर या उससे ज्यादा भी हो सकती है। इसलिए लोन प्रीपेमेंट (loan prepayment benefits) में कुछ ज्यादा फायदा नहीं है। यह भी ध्यान रखें कि यह पेनाल्टी सभी बैंक नहीं लगाते या माफ भी कर सकते हैं। इसलिए लोन प्रीपेमेंट में फायदा भी हो सकता है।

पेनाल्टी नियमों को जानना जरूरी -


अब यह जानना जरूरी है कि लोन जल्दी चुकाना सही है या नहीं। लोन की शर्तों में प्रीपेमेंट पेनाल्टी का जिक्र आपके बैंक (bank news) ने नहीं किया है तो लोन जल्दी चुकाने में कोई नुकसान नहीं है। इससे आपको यह फायदा हो सकता है कि हर साल लगने वाले इंटरेस्ट से  बिना फाइन (fine on loan prepayment) लगे छुटकारा मिल जाएगा। अगर बैंक ने प्रीपेमेंट पेनाल्टी की शर्त रखी है, तो यह कैल्कुलेट कर लें कि कितना पहले लोन चुकाने पर पेनाल्टी का खर्चा कितना बनेगा। लोन लेते समय ही पेनाल्टी नियमों (loan prepayment penalty rules) को जान लेना बेहतर रहता है।

लोन प्रीपेमेंट का फैसला कब लें-


अगर समय पर ईएमआई चुकाने के बराबर ही पेनाल्टी सहित खर्चा पड़ता है तो फिर मामला न्यूट्रल है यानी लोन प्रीपेमेंट (loan prepayment rules) करें या न करें बराबर बात है। अगर पेनाल्टी खर्च ईएमआर्इ से अधिक पड़ता है तो फिर समय से  पहले लोन चुकाने में कोई फायदा नहीं। इसके अलावा पेनाल्टी (loan prepayment penalty) लगने के बाद आप ईएमआई से कम चुकाते हैं तो फिर लोन प्रीपेमेंट करना फायदे का सौदा रहेगा। 


निवेश के लिए ले सकते हैं यह फैसला-


अगर आपको लगता है कि आपके पास पैसों का प्रबंध तो है लेकिन लोन प्रीपेमेंट (loan prepayment) में कोई खास फायदा नहीं मिल रहा तो इस पैसे को म्यूचुअल फंड्स या FD या किसी अन्य सेविंग स्कीम (saving schemes) में निवेश करके फायदा उठा सकते हैं। इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न की भी आप कैलकुलेशन करके देख सकते हैं।