New Rules 01 september 2025 : एफडी से लेकर ATM ट्रांजैक्शन तक 1 तारीख से बदल जाएंगे 5 नियम, आपकी जेब पर होगा असर
New Rules - हर महीने की पहली तारीख अपने साथ कई तरह के बदलाव लेकर आती है। इसी कड़ी में 1 सितंबर 2025 से कई नियमों में बदलाव हो रहा है, एफडी से लेकर ATM ट्रांजैक्शन तक 1 तारीख से ये पांच नियम बदलने जा रहे है... जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे।
HR Breaking News, Digital Desk- (New Rules 01 september 2025) 1 सितंबर 2025 से कई नियमों में बदलाव हो रहा है, जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे। चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य (Mandatory hallmarking of silver) हो जाएगी। SBI कार्ड की फीस में बदलाव होगा। LPG सिलेंडर की नई दरें जारी होंगी। एटीएम से पैसे निकालने और FD ब्याज दरों में भी संभावित बदलाव होंगे। ये सभी बदलाव आपके मासिक बजट को प्रभावित करेंगे, इसलिए इनसे जुड़ी जानकारी रखना महत्वपूर्ण है-
SBI कार्डधारकों के लिए नए नियम-
1 सितंबर से एसबीआई क्रेडिट कार्ड (SBI Credit Card) यूजर्स को सतर्क रहना होगा। ऑटो-डेबिट पेमेंट फेल होने पर 2% पेनल्टी लगेगी। विदेशी ट्रांजैक्शन पर भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा। इसके अलावा, पेट्रोल-डीजल और ऑनलाइन शॉपिंग पर लगने वाली फीस बढ़ सकती है और रिवॉर्ड पॉइंट का मूल्य भी घट सकता है। इसलिए, अपने खर्चों पर नजर रखें।
LPG सिलेंडर की नई कीमतें
हर महीने की तरह 1 सितंबर को घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की नई दरें तय होंगी। एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल और कंपनियों की कैलकुलेशन पर निर्भर करती हैं। अगर दरें बढ़ीं तो रसोई का खर्च बढ़ेगा और अगर घटीं तो राहत मिलेगी। ऐसे में घर के बजट पर सीधा असर दिखेगा। (LPG Cylinder Price)
ATM लेन-देन के नए नियम-
कुछ बैंक एटीएम ट्रांजैक्शन (ATM Tranasaction) को लेकर नई शर्तें लागू कर रहे हैं। मंथली लिमिट (monthly limit) से ज्यादा कैश निकालने पर अब ज्यादा चार्ज देना होगा। बैंक डिजिटल ट्रांजैक्शन (Bank Digital Transaction) को बढ़ावा देना चाहते हैं, इसलिए एटीएम उपयोग महंगा होता जा रहा है। ऐसे में अनावश्यक कैश निकासी से बचना समझदारी होगी।
चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य-
सरकार चांदी (silver hallmark) के आभूषणों पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य करने जा रही है, ठीक सोने की तरह। इस कदम का उद्देश्य बाजार में शुद्धता और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिससे एक समान मानक स्थापित हो सके। इससे ग्राहकों को शुद्ध चांदी मिलेगी। हालांकि, हॉलमार्किंग लागू होने से चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। जो लोग चांदी के आभूषण खरीदते या उसमें निवेश करते हैं, उन्हें इन नए नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।
FD ब्याज दरों पर असर-
सितंबर में कई बैंक अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (fd rates) दरों की समीक्षा कर सकते हैं। अभी ज्यादातर बैंकों में 6.5% से 7.5% तक ब्याज मिल रहा है, लेकिन बाजार के संकेत दरों में कटौती की ओर इशारा कर रहे हैं। निवेशकों को जल्दी फैसला लेना पड़ सकता है ताकि मौजूदा ऊंची दरें लॉक हो सकें। यह खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अहम है।
जेब पर सीधा असर-
ये सारे बदलाव अलग-अलग दिखते हों लेकिन इनका असर सीधे उपभोक्ताओं की जेब पर होगा। चाहे निवेश (invest) के फैसले हों, रसोई का खर्च हो या बैंकिंग लेन-देन, हर स्तर पर लागत बढ़ने या घटने का असर महसूस होगा। परिवारों को अपनी वित्तीय योजना उसी अनुसार बदलनी होगी।
बजट पर दबाव या राहत-
एलपीजी कीमतें, एटीएम शुल्क (ATM Fee) और कार्ड फीस जैसे बदलाव जहां खर्च बढ़ाएंगे, वहीं FD दरें घटने पर निवेशकों की आय पर असर होगा। दूसरी ओर, अगर गैस या ब्याज दरों में कटौती हुई तो थोड़ी राहत भी मिल सकती है। कुल मिलाकर सितंबर उपभोक्ताओं के लिए मिलेजुले असर वाला महीना साबित हो सकता है।
एक्सपर्ट की सलाह-
मौजूदा आर्थिक बदलावों को देखते हुए अपनी वित्तीय योजना पर फिर से विचार करना ज़रूरी है। खर्च और निवेश को संतुलित करने के लिए आपको अपना बजट दोबारा बनाना चाहिए। बैंक और तेल कंपनियों के नए सर्कुलर के आधार पर अपनी वित्तीय रणनीति तैयार करें। साथ ही, बड़े वित्तीय फैसले लेने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि ऐसा करना बुद्धिमानी होगी। इन सभी बातों पर ध्यान रखकर ही आप अपनी आर्थिक सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।
