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Property Documents : जमीन या प्लॉट खरीदते समय जरूर चेक कर लें पिछले इतने साल का रिकॉर्ड, वरना हो सकता है भारी नुकसान

प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री हमेशा मोटी रकम में होती है, लिहाजा प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपकी एक छोटी-सी गलती आपकी जिंदगीभर की कमाई को एक झटके में बर्बाद कर सकता है.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  मकान और जमीन खरीदने का सपना हर किसी का होता है. हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास खुद की संपत्ति हो. इसके लिए लोग अपने मेहनत की पूंजी लगाकर जमीन या मकान खरीदते हैं. प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री हमेशा मोटी रकम में होती है, लिहाजा प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. प्रॉपर्टी खरीदते वक्त आपकी एक छोटी-सी गलती आपकी जिंदगीभर की कमाई को एक झटके में बर्बाद कर सकता है. जिसके बाद आप चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएंगे.

लोग जमीन तो खरीद लेते हैं लेकिन कुछ समय के बाद पता चलता है की वह जमीन किसी और की भी बेची गई है.यानि विवादित है. कई बार यह मामला भी सामने आता है कि जिस जमीन को बेचा गया है उस पर पहले से ही लोन है. 

जमीन खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान


एडीएम अरुण कुमार सिंह लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी जमीन खरीदने से पहले उसकी पूरी जानकारी कर लें. जमीन की प्रकृति के बारे में पता कर ले. तहसील से खतौनी निकलवा कर उसकी जांच कर लें. इसके साथ ही सब रजिस्टार ऑफिस से जमीन का 12 साल का रिकॉर्ड निकलवा लें. एक मामूली फीस जमा करके आप यह पता कर सकते हैं की जमीन कब और कहां बंधक रही है. इन बातों का ध्यान रखेंगे तो जमीन की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बच जाएंगे.

क्यों जरूरी है दाखिल खारिज?


अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रॉपर्टी की खरीद को लेकर कानून कहता है कि आप कोई भी प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसकी एवज में स्टांप ड्यूटी की रकम भरकर रजिस्ट्री करा लें. इसलिए कभी भी प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी देकर जल्द से जल्द रजिस्ट्री करा लेनी चाहिए. इतना ही नहीं, रजिस्ट्री कराने के बाद उस प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज कराना भी बहुत जरूरी है. दाखिल खारिज एक खास तरह का दस्तावेज होता है, जो आपकी प्रोपर्टी को किसी विवाद या पचड़े से बचाता है. दाखिल खारिज होने से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि आपने जो जमीन या घर खरीदा है. उससे किसी को कोई आपत्ति नहीं है और प्रॉपर्टी का मालिकाना हक आपके पास है.