Property Occupied : थर थर कांपेगा आपकी प्रोपर्टी पर कब्जा करने वाला, बस उठाना हाेगा ये कदम
How to remove illegal possession in india : अगर किसी ने आपकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है तो भारतीय संविधान के तहत ऐसे कई कानून हैं, जो आपको आपकी संपत्ति वापस दिला सकते हैं. इनमें आईपीसी की धारा 420 भी शामिल है. आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
HR Breaking News (नई दिल्ली)। जमीन और घर पर अवैध कब्जा किया जाना कोई नई बात नहीं है. कई सालों से ऐसा हो रहा है. हालांकि अब सभी रिकॉर्ड पूरी ऑनलाइन होने के चलते कई राज्यों में यह समस्या समाप्त हो गई है. फिर भी आए दिन हमें कहीं न कहीं से अवैध कब्जे को लेकर झगड़े सुनने में मिल ही जाते हैं. प्रॉपर्टी पर यदि कोई अवैध कब्जा कर भी लेता है तो उससे झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं है. आप चाहें तो बहुत आसान तरीके से कब्जा छुड़वा सकते हैं. इस मामले में सरकारी तंत्र खुद मदद करता है, परंतु बहुत सारे लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती. यदि आप इसे जान लेंगे तो आप खुद कभी ऐसी मुसीबत में नहीं फंसेंगे और दूसरों को भी इस तरह के झमेले से बचा लेंगे.
बता दें कि पीड़ित के पास आपराधिक और सिविल दोनों ही तरह के मुकदमे दर्ज करने का विकल्प होता है. हो सकता है कि कानूनी प्रक्रिया कुछ लंबी हो, लेकिन हिंसा से तो देर भली है. आज हम आपको प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे को हटवाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले कुछ कानूनों के बारे में बता रहे हैं. इसमें शुरुआत की 3 धाराएं आपराधिक कानून हैं, जबकि अंतिम धारा सिविल कानून के तहत आती है.
IPC की धारा 420
यह काफी चर्चित धारा है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से धोखाधड़ी के अनेक मामलों किया जाता है. अगर किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर उसकी संपत्ति से हटाया गया है, तो ये कानून इस्तेमाल में लाया जा सकता है. किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए.
आईपीसी की धारा 406
इस कानून का इस्तेमाल उस वक्त किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी में सेंध लगाता है. इसे भी संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है. पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है.
धारा 467
अगर किसी संपत्ति को फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेजों के माध्यम से हथियाया जाता है तब यह कानून लागू होता है. इसे कूटरचना कानून के तौर पर भी जाना जाता है. इसमें कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी की संपत्ति हथियाने के मामले का निपटान किया जाता है.
स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट
ये एक सिविल कानून है. इसका इस्तेमाल खास परिस्थिति में होता है. इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती, ना ही कोई फर्जी दस्तावेज बनाए जाते हैं. आरोपी व्यक्ति बस मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लेता है. इसकी धारा 6 के तहत पीड़ित को जल्दी व आसान न्याय देने का प्रयास होता है. हालांकि, इस कानून में एक पेंच ये है कि कब्जे के 6 महीने के अंदर ही इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज हो जाना चाहिए. दूसरा पेंच यह कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते.
इनमें से जो भी उपयुक्त हो, आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आप गलत नहीं हैं तो सरकारी तंत्र आपकी हेल्प करेगा और आपकी जमीन अथवा प्रॉपर्टी आपको दिलाने में मदद करेगा. हालांकि इस तरह के मामलों में आपको पेशेवर वकील से मशविरा भी कर लेना चाहिए.