RBI का बड़ा फैसला, बिना क्रेडिट हिस्ट्री के भी मिलेगा लोग, CIBIL Score का झंझट खत्म
RBI new rule on CIBIL Score : सिबिल स्कोर किसी भी इंसान की बैंक के साथ लेनदेन की हिस्ट्री को बताता है। सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से पता लग जाता है कि फाइनेंशियल मामले में कौन कितना व्यवहारिक है। सीधे तौर पर यह पैसों के व्यवहार का जानकारी देता है। अब सिबिल स्कोर को लेकर आरबीआई (RBI) ने बड़ा बदलाव किया है।

HR Breaking News (RBI on CIBIL Score) सिबिल स्कोर एक तीन अंको की संख्या है। बैंक में लोन लेने जाते हैं तो सबसे पहले सिबिल स्कोर (CIBIL Score update) भी चेक किया जाता है।
इससे बैंक को पता चल जाता है कि व्यक्ति की लोन चुकाने की हैसियत है या नहीं। सभी बैंक हो या फिर नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (CIBIL Score for NBFC) सिबिल स्कोर को पहले चेक करते हैं।
अब आरबीआई (RBI) ने एक बड़ा फैसला लिया है। इससे खराब सिबिल स्कोर (bad cibil score) वालों व बिना सिबिल स्कोर वालों को भी आसानी से लोग मिल जाएगा।
लगातार बढ़ रही लोन लेने वालों की संख्या
आज के समय में लोन (loan) लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और बैंक भी लगातार आसानी से लोन उपलब्ध कराने के लिए तरह-तरह की स्कीम लॉन्च करते रहते हैं।
समय पर लोन मिल जाए इससे बैंक और ग्राहक दोनों का फायदा होता है। परंतु, बैंक किसी को भी लोन देने से पहले जरूरी कागजी कार्रवाई करता है और फिर सिबिल स्कोर (cibil score) की जांच करता है।
सिबिल स्कोर में बदलाव को लेकर बड़ी पहल
बहुत बार बैंक में लोन लेने जाते हैं तो सिबिल स्कोर (cibil score kya hai) की वजह से लोन नहीं मिल पाता। सिबिल स्कोर को मापने के तरीके के बदलाव को महसूस किया जा रहा है। इस दिशा में आरबीआई (RBI) और वित्त मंत्रालय की ओर से वित्तीय सेवा विभाग की पहल पर कार्रवाई की जा रही है।
अब क्रेडिट स्कोर के रहने या ना रहने का नहीं पड़ेगा फर्क
हाल ही में देश में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से यूनिफाइड पेमेंट यानी यूपीआई (UPI) की तरह ही यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफार्म को जोड़ा गया है। इससे किसी व्यक्ति की क्रेडिट स्कोर (credit score) के न होने पर भी उसकी क्रेडिट क्षमता का आकलन किया जा सकेगा।
वित्त विभाग की ओर से केंद्र और राज्य के सभी विभागों को इससे जुड़ने के लिए कहा गया है। इससे व्यक्ति के बारे में जरूरी जानकारी हासिल की जा सकेगी।
नकद लिए गए कर्ज की भी मिलेगी जानकारी
नाबार्ड से लेकर देश के सभी कोऑपरेटिव और ग्रामीण बैंकों को यूएलआई (ULI) से जोड़ने का मकसद यह है कि किसी भी व्यक्ति के नकद के रूप में लिए गए कर्ज की भी जानकारी मिलती रहे। व्यक्ति की प्रॉपर्टी जैसी तमाम जानकारियां यू एल आई (ULI for Cibil score) से मिल जाएगी।
जिन किसानों ने कोई कर्ज नहीं लिया उनकी जमीन से लेकर फसल तक की जानकारी मिल जाएगी। यूएलआई फ्रेमवर्क (ULI framework) को ई-कॉमर्स और गिग वर्कस प्लेटफार्म से भी जोड़ दिया जाएगा। छोटे-छोटे क्रेता और विक्रेता क्रेडिट स्कोर तैयार यहीं से कर सकेंगे।
25 साल पुराने तरीके का हो रहा इस्तेमाल
फिलहाल क्रेडिट स्कोर को तैयार करने के लिए 25 साल पुराने तरीके का इस्तेमाल हो रहा है। यह आरबीआई (rbi) का मानना है।
तब क्रेडिट स्कोर मापने के लिए क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (credit information bureau) यानी सिबिल को बनाया गया था। उसके बाद तीन और कंपनियों को भी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी के रूप में काम दिया गया है।
रियल टाइम पर अपडेट होगा आपका सिबिल स्कोर
भारतीय रिजर्व बैंक (reserve bank of India) का मानना है कि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 15 दिनों में अपडेट किया जाता है जिससे बहुत बार व्यक्ति लोन लेने से चूक जाता है। परंतु अब इसे रियल टाइम के आधार पर ही अपडेट कर दिया जाएगा।
कई बार ऐसा भी होता है कि डॉक्टर न मिलने के कारण गलत क्रेडिट स्कोर तैयार हो जाता है, जिससे ग्राहक को लोन मिलने में दिक्कत होती है।
आरबीआई अब कर्ज लेने वालों के लिए एक यूनिक पहचान संख्या की शुरुआत करने जा रही है। इसके अलावा उसका रियल टाइम डाटा भी उपलब्ध कराया जाएगा।
जिनका नहीं था सिबिल स्कोर उन्हें नहीं मिलता था लोन
इस नियम से पहले बहुत लोग सिबिल स्कोर ना होने के कारण लोन से वंचित रह जाते थे। उन्हें कर्ज मिलने में बहुत दिक्कतें होती थी। पिछले साल ही बजट में ग्रामीण क्रेडिट स्कोर के लिए फ्रेमवर्क (Credit score framework) को तैयार किया गया है। इस पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत कार्य शुरू हो गया है। अब वित्तीय संस्थान लोन देने के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल करेंगे।