RBI के फैसले से लोन लेने वालों को बड़ी राहत, अब नहीं चलेगी बैंकों की मनमानी
RBI - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदारों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। जिसके चलते अब बैंकों की मनमानी नहीं चलेगी। बता दें कि यह नियम उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा जो अपने कर्ज को जल्दी खत्म करना चाहते हैं। इस कदम से कर्ज चुकाना और भी आसान हो जाएगा-

HR Breaking News, Digital Desk- (RBI Prepayment Charges) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्जदारों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। 1 जनवरी 2026 से, अगर आप अपना होम लोन, बिजनेस लोन या कोई अन्य फ्लोटिंग रेट लोन समय से पहले चुकाते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान (bank or financial institution) आपसे किसी भी तरह की प्री-पेमेंट पेनाल्टी या चार्ज नहीं वसूल पाएंगे। यह नियम उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होगा जो अपने कर्ज को जल्दी खत्म करना चाहते हैं। इस कदम से कर्ज चुकाना और भी आसान हो जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI New Rules) के नए नियमों के अनुसार, अब आपको तय समय से पहले लोन चुकाने पर प्री-पेमेंट चार्ज (pre-payment charge) नहीं देना होगा। यह नियम सभी प्रकार के लोन पर लागू होता है, चाहे आप लोन का एक हिस्सा चुकाएं या पूरा। भुगतान किसी भी स्रोत से किया गया हो, बैंक (bank) या लोन देने वाली कंपनियां कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकतीं। अब कोई लॉक-इन पीरियड (lock-in period) भी नहीं होगा।
क्या हैं RBI का नया नियम?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि होम, पर्सनल, और अन्य गैर-व्यावसायिक ऋणों पर कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगेगा। इसी तरह, व्यक्तियों और सूक्ष्म व लघु उद्यमों (Micro and Small Enterprises – MSEs) द्वारा लिए गए व्यावसायिक ऋणों पर भी वाणिज्यिक बैंक कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं वसूलेंगे। यह कदम उधारकर्ताओं को बिना अतिरिक्त लागत के अपने ऋण चुकाने में मदद करेगा।
जानिए रिजर्व बैंक ने क्यों लिया ये फैसला-
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की तरफ से जानकारी दी गई कि लोन देने वाली संस्थाएं अपनी प्री-पेमेंट चार्ज के नाम पर अपने मन के हिसाब से वसूल रहीं थीं। जिससे ग्राहकों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। ऐसा भी देखा गया कि कुछ कंपनियां ऐसे नियम और शर्तें लगा रहीं थी, जिनके बाद ग्राहक दूसरी संस्था या कंपनियों से लोन ना ले सकें। अब इस ऐलान के बाद कारोबारी आराम से कम ब्याज वाले लोन में स्विच कर सकते हैं। इसके साथ वित्तीय संस्थानों और बैंकों की मनमानी पर भी रोक लगेगी।
इन लोगों को चार्ज लगाने का अधिकार-
हालांकि, RBI ने कुछ बैंकों को इससे छूट दी है। इसका मतलब है कि जिन बैंकों को संस्थाओं को छूट मिली है वे चाहें तो चार्ज ले सकते हैं। इनमें स्मॉल फाइनेंस बैंक (small finance bank), रीजनल रूरल बैंक, लोकल एरिया बैंक (local area bank), अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Tier 4), NBFC-UL और ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल शामिल हैं।
आरबीआई के नए नियम के अनुसार, 50 लाख रुपये तक के लोन पर कुछ वित्तीय संस्थानों में कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगेगा। इन संस्थानों में स्मॉल फाइनेंस बैंक, रीजनल रूरल बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (टियर 3), स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक और NBFC-ML शामिल हैं।