Real Estate: कामर्शियल या रेसिडेंशियल प्रोपर्टी, कहां पैसा लगाने में ज्यादा फायदा, निवेश करने से पहले जान लें काम की बात
Real Estate: कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर क्या कामर्शियल प्रॉपर्टी की तुलना में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी अधिक आकर्षक हैं? निवेशकों को ऐसे तमाम सवालों के जवाब तलाशने की आवश्यकता है, ताकि वे इस बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें कि उनकी मेहनत की कमाई कहां लगाई जाएगी... ऐसे में निवेश करने से पहले आप भी जरूर जान लें ये काम की बात-

HR Breaking News, Digital Desk- (Real Estate) रियल एस्टेट निवेश में, आपको संपत्ति के भौतिक या भूमि पर निवेश करना होता है, जैसे कि घर, द्वार, या कार्यालय। देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की सम्भावनाएं होती हैं। कुछ क्षेत्र जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं हैं। इन शहरों में घरों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और निवेश की दृष्टि से अच्छा मौका है।
ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर क्या कामर्शियल प्रॉपर्टी की तुलना में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी अधिक आकर्षक हैं? (Are residential properties more attractive than commercial properties?) निवेशकों को ऐसे तमाम सवालों के जवाब तलाशने की आवश्यकता है, ताकि वे इस बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें कि उनकी मेहनत की कमाई कहां लगाई जाएगी।
क्या है कमर्शियल रियल एस्टेट? (What is commercial real estate?)
कमर्शियल रियल एस्टेट एक विस्तृत शब्द है जो खुदरा स्थान, कार्यालय और औद्योगिक संपत्तियों सहित कई प्रकार की संपत्तियों को शामिल करता है। इन संपत्तियों में अपार्टमेंट, डेकेयर सेंटर, कॉन्डोमिनियम, मूवी थिएटर, पार्किंग स्थल, इंडस्ट्रियल फ्लोर, गोदाम और बड़े खुदरा स्थान शामिल हैं। संक्षेप में कहें तो कोई भी संपत्ति (property) जिसका उपयोग स्पष्ट रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, उसे कमर्शियल रियल एस्टेट (सीआरई) कहा जा सकता है। आजकल ऐसे बहु-उपयोग वाले स्थान भी हैं जिनका उपयोग वाणिज्यिक स्थानों और आवासीय क्षेत्रों के रूप में किया जा सकता है।
जानें क्या है रेसिडेंशियल रियल एस्टेट-
आवासीय अचल संपत्ति (residential real estate) में आमतौर पर आवास या मकान शामिल होते हैं जिन्हें किराए पर दिया जाता है। यह मालिक के कब्जे वाला नहीं होता है। कोई भी संपत्ति जो रहने के उद्देश्य से बनाई गई है, उसे आवासीय अचल संपत्ति (RRE) कहा जाता है। जैसा कि पिछले हिस्से में बताया गया है, वे मल्टी-यूज (multi use) वाले स्थानों का भी हिस्सा हो सकते हैं। जैसे आपके मकान के आधा या एक चौथाई हिस्से का उपयोग कामर्शियल हो सकता है। उसमें आप दुकान आदि खोल सकते हैं। शेष हिस्से का उपयोग रेसिडेंशियल यूज के लिए हो सकता है।
क्या है दोनों में अंतर-
- कमर्शियल रियल एस्टेट और रेसिडेंशियल रियल एस्टेट के बीच मुख्य अंतर (Main differences between commercial real estate and residential real estate) उनके किराये/पट्टे पर दिए जाने के तरीके के साथ-साथ इससे जुड़े कानूनी पहलुओं में है। चूंकि वे पहलू अलग-अलग हैं, उनमें से किसी एक में निवेश का पहलू भी काफी अलग है, जबकि उनमें अंतर्निहित सिद्धांत समान हैं।
- रेसिडेंशियल रियल एस्टेट के ज्यादातर मामलों में एक निवेशक को कोई संपत्ति खरीदनी होती है और भौतिक संपत्ति का स्वामित्व स्वयं ही रखना होता है। अधिकतर मामलों में, लोग अपनी संपत्ति बनाते हैं और उसे किराए पर दे देते हैं। एक और बात, किरायेदारों की अनिश्चित प्रकृति और कम अवधि के किरायेनामे के कारण भी आवासीय अचल संपत्ति में निवेश कम आकर्षक नजर आता है। हालांकि इसमें कागजी कार्रवाई और निवेश दोनों कम हैं, इसलिए इसमें शामिल होना आसान है।
- कामर्शियल रियल एस्टेट में आम लोगों का प्रवेश करना अभी कठिन है। कामर्शियल रियल एस्टेट के ज्यादातर मामलों में प्रारंभिक निवेश काफी बड़ा होता है। इसलिए, इस निवेश के लाभों का सही आकलन करने के लिए व्यक्ति को बाजार की मांग और आपूर्ति की अच्छी समझ होनी चाहिए। यहां एक संपत्ति निवेश फर्म काम आ सकती है। वे कानूनी कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं और आपको सिर्फ यह चुनना है कि कोई निवेश विकल्प आपके लिए सही है या नहीं।
कहां मिलते रहता है पैसा-
कमर्शियल रियल एस्टेट (commercial real estate) में निवेश करना कम जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इसमें अक्सर स्थिर नकदी प्रवाह मिलता है। किरायेदारों के लिए कठोर पट्टे की शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि किराया समय से पहले नहीं रुक सकता है। इसके विपरीत, आवासीय संपत्ति में नकदी प्रवाह अधिक अस्थिर होता है और मांग में बदलाव की संभावना अधिक होती है।
कोरोना महामारी के दौर में रियल एस्टेट क्षेत्र (real estate sector) में आवासीय रियल एस्टेट को सबसे अधिक नुकसान हुआ था। इतना ही नहीं, किसी भी क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि में कोई भी गिरावट सबसे पहले आवासीय किरायेदारों को प्रभावित करेगी, क्योंकि वे हमेशा एक ठोस, दीर्घकालिक लीज एग्रीमेंट के अभाव में अपने घाटे में कटौती करना चाहेंगे। इसलिए यदि आपके पास स्थानीय संपर्क हैं, तो अपेक्षाकृत कम समय के लिए आवासीय रियल एस्टेट में निवेश करना उचित हो सकता है। व्यावसायिक रियल एस्टेट के लिए, कम से कम पांच साल या उससे अधिक का दीर्घकालिक लक्ष्य रखना अच्छा है। इस तरह से उत्पन्न रिटर्न अधिक मायने रखता है और इस तरह होने वाली आमदनी आपको निवेश के अन्य मार्गों की तलाश करने का अवसर देती है।
वहीं करें निवेश जहां से रिटर्न हो बेहतर-
व्यावसायिक संपत्ति में निवेश से किराये की आय में स्थिरता बनी रहती है, क्योंकि पट्टे की शर्तें आमतौर पर लंबी अवधि की होती हैं। इसके परिणामस्वरूप, किरायेदार अक्सर बने रहते हैं, जिससे निरंतर नकदी प्रवाह सुनिश्चित होता है। व्यावसायिक संपत्तियों से जुड़ा काम कम होता है, और आवासीय संपत्तियों (residential properties) की तुलना में उनसे सकल राजस्व ज़्यादा हासिल किया जा सकता है। एक बार किसी को किराये पर दिए तो कम से कम पांच साल का तो करार होगा ही। रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में अक्सर 11 महीने का एग्रीमेंट (aggrement) होता है। किराएदार से खूब पचड़ा रहता है। मकान में टूट-फूट लगा रहता है। कभी नल खराब हुआ तो कभी ड्रेनेज में प्रॉब्लम। किराया भी कामर्शियल प्रॉपर्टी (commercial property) की तरह नहीं बढ़ता। इसलिए प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन बातों को ध्यान में अवश्य रखें।