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Real or Fake Gold: सोना असली है या नकली, अब तुरंत लगेगा पता, दुकानदार नहीं लगा पाएगा चूना

Real or Fake Gold: भारत में सोना पहनना और उसमें निवेश करना हमेशा से लोगों को पसंद है. लेकिन खरे सोने की पहचान बहुत काम लोगों को पता है. इस वजह से कई ग्राहक गोल्ड की खरीदी में ठगी का शिकार हो जाते हैं और नकली सोना घर ले आते हैं. आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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Real or Fake Gold:  सोना असली है या नकली, अब तुरंत लगेगा पता, दुकानदार नहीं लगा पाएगा चूना

HR Breaking News (ब्यूरो) : देश में अब हॉलमार्किंग की व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन फिर इसकी पर्याप्त समझ नहीं होने के कारण असली और नकली सोने की पहचान अब भी बड़ी समस्या बनी हुई है. आइये जानते आखिर हॉलमार्किंग के जरिए कैसे करें असली सोने की पहचान?


1 अप्रैल से सोने की हॉलमार्किंग से जुड़े नियम बदलने जा रहे हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के नए नियमों के तहत अब 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा. लेकिन देश में हॉलमार्किंग की व्यवस्था के होते हुए कुछ लोग गलत तरीके से ग्राहकों को चूना लगा देते हैं.

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गोल्ड हॉलमार्किंग एक स्टैम्प है जो सोने के आभूषणों की शुद्धता बताती है. इसके लिए 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक अंक लिखे होते हैं. इसमें K का इस्तेमाल भी होता है जो बताता है कि गोल्ड कितने कैरेट का है. हालांकि, हॉलमार्किंग की भी गलत प्रिंटिंग की जा सकती है.


ऐसे में जरूरी है कि गोल्ड ज्वैलरी पर अंकित हॉलमार्किंग प्रिंटिंग की जांच कर लें. इसके लिए सरकारी ऐप BIS Care का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी मदद से चुटकियों में पता लगाया जा सकता है कि सोना असली है या नकली.


इसके लिए जरूरी है कि BIS Care App मोबाइल में डाउनलोड करें. इंस्टॉलेशन के बाद ऐप ओपन करने पर आपको Verify HUID दिखेगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करें.

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Verify Hallmark के विंडो बॉक्स में ज्वैलरी पर लिखे 6 अंकों वाले नंबर को दर्ज करें और फिर सर्च के बटन पर क्लिक करें. इसके बादगोल्ड ज्वैलरी को हॉलमार्क करने वाली कंपनी या दुकानदार की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी.


अगर हॉलमार्क नंबर दर्ज करने पर कोई जानकारी नहीं मिले तो समझ लीजिये यह सोना नकली हो सकता है. इसलिए हमेशा गोल्ड खरीदने से पहले हॉलमार्किंग नंबर को BIS Care app की मदद से वेरिफाई कर लें.