Silver Price : चांदी में रिकॉर्ड गिरावट, एक्सपर्ट ने बताया- 2026 में क्या रहेगी चांदी की कीमत
Silver Price : इस साल सोना और चांदी वैसे तो दोनों ही धातुओं का दबदबा रहा है। परंतु, साल के अंत में चांदी ने तगड़ा झटका भी दिया है। चांदी में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। चांदी की कीमतों में गिरावट से अब लोग 2026 में चांदी की कीमतों को लेकर चिंता में भी हैं। आइए जानते हैं 2026 मे चांदी की चाल कैसी रहने वाली है।
HR Breaking News (Silver Price Hike) सोने और चांदी की रिकॉर्ड ऊंचाइयों ने इस साल आम लोगों को परेशान कर रखा है। वहीं, निवेशकों की भी सांसें अटका रखी हैं। कभी सोना और चांदी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ते हैं तो कभी कभी गिरावट भी बहुत बड़ी आ जाती है। ऐसे में सोना और चांदी खरीदते हुए लोगों की नजर सोने चांदी के दामों पर रहती है।
2025 में रचा इतिहास
इस साल चांदी ने इतिहास रचा है। चांदी की कीमतें इस साल ढाई लाख को क्रॉस कर गई। एमसीएक्स पर पहली बार चांदी की कीमत ढाई लाख को पार कर गई है। यह कीमत 29 दिसंबर 2025 को रिकॉर्ड हाई 2,54,174 रुपये पर गई।
इसी दिन दिखी भारी गिरावट
चांदी की कीमत इस लेवल पर ज्यादा देर तक नहीं रूकी। इसी दिन भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। चांदी में मुनाफावसूली को देखते हुए कीमतें 21,000 रुपये टूटकर 2,33,120 रुपये प्रति किलो पर आ गई। वहीं, रिकॉर्ड स्तर पर चांदी पहुंचने से निवेशकों को लाभ भी हुआ है। चांदी में 180 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी देखने को मिली है। एक साल में ही इतना मुनाफा किसी लॉटरी से कम नहीं है।
फिलहाल क्या चल रही है कीमत
चांदी की कीमतें एमसीएक्स पर 30 दिसंबर को 8 बजे तक 5 मार्च 2026 एक्सपायरी के स्लॉट में 7.63 फीसदी बढ़ी है। वहीं, 17,122 रुपये बढ़कर 2,41,551 रुपये प्रति (silver rates today) किलोग्राम हो गई है। ट्रेडिंग के दौरान इसका हाई लेवल 2,43,988 रुपये (silver rate today) और लो लेवल 2,31,100 रुपये (silver price today) रहा है। एक दिन पहले चांदी 2,24,429 रुपये पर बंद हुई थी।
क्यों बढ़ी चांदी की कीमत
चांदी की कीमतों की बढ़ौतरी के कई कारण हैं। इसमें चीन की नई नीति शामिल है। जनवरी से चीन चांदी के एक्सपोर्ट के लिए सख्त लाइसेंस सिस्टम लागू कर रहा है। इस नियम के अनुसार केवल बड़ी कंपनियों को निर्यात की अनुमति दी जाएगी। दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार यानी कोमेक्स (COMEX) में लंदन और शंघाई के वेयरहाउस में चांदी का स्टॉक रिकॉर्ड नीचे आया है। वहीं, इंडस्ट्रियल डिमांड यानी की सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV), इलेक्ट्रॉनिक्स और डिफेंस सेक्टर में चांदी की डिमांड ज्यादा हुई है। दूसरी तरफ निवेशक भी चांदी से मुनाफा कमा रहे हैं।
एकदम से भारी गिरावट का कारण
चांदी की कीमतों में अचानक से बड़ी गिरावट का कारण भी सामने आया है। 29 दिसंबर को तेज गिरावट की बड़ी वजह मुनाफावसूली ही रही है। दूसरी ओर CME ग्रुप की ओर से चांदी के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स पर मार्जिन बढ़ाया गया, जिससे टेक्निकल तौर पर चांदी की कीमतें बहुत तेजी से ऊपर गई। इससे चांदी की कीमतों में करेक्शन आया था।
2026 में यह रहेगी चांदी की कीमत
2026 में चांदी की कीमतों को लेकर एक्सपर्ट्स अनुमार है कि आगे चांदी में तेजी आना मुश्किल है। ट्रेंड फिर भी मजबूत रह सकता है। बेस केस में चांदी 2.80 से 3.20 लाख रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना बन रही है। यानी की चांदी में अब भी मुनाफा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम 65-80 डॉलर प्रति औंस तक जाने की उम्मीद हैं। हालांकि, 1979-80 में रिकॉर्ड रैली के बाद चांदी में 60% से ज्यादा गिरी थी। ऐसे में करेक्शन की संभावना भी है। ऐसे में बड़ा पैसा एक जगह निवेश न करें। कुछ सोना, कुछ चांदी कुछ शेयर में निवेश कर सकते हैं। हालांकि जोखिम हर जगह रहता ही है।
