Sugar Price Hike : चीनी ने तोड़ा 6 साल का रिकॉर्ड, सातवें आसमान पर पहुंचे रेट
त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है और चीनी के रेट भी बढ़ने लगे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि पिछले कुछ दिनों में चीनी के रेट सातवें आसमान पर जा पहुंचे हैं। ऐसे में अबकी बार चीनी त्योहारी सीजन का कड़वा कर सकती है। आइए नीचे खबर में जानते हैं कितनी महंगी हुई चीनी-

HR Breaking News (नई दिल्ली)। टमाटर, प्याजा, दाल चावल और गेहूं के बाद अब चीनी चीनी महंगाई बढ़ाने की तैयारी में है। त्योहारों के शुरू होने के साथ ही चीनी महंगी होने लगी है। एक आंकड़े मुताबिक फिलहाल चीनी के दाम अपने 6 सालों के उच्च स्तर पर जा पहुंचा है। बाजार के जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में इसकी कीमत में और भी तेजी देखी जा सकती है।
कम बारिश का गन्ने उत्पादन पर असर
दरअसल इस साल मानसून में कम बारिश के चलते गन्ने के उत्पादन पर असर पड़ा है। जिसके कारण चीनी के उत्पादन में कमी और कीमतों पर अभी से असर पड़ने लगा है। जिसके कारण चीनी के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। अगर चीनी की कीमत में बढ़ोतरी का ये दौर जारी रहा तो आने वाले त्योहारों में महंगी चीनी मिठाईयों के मिठास को कम यानी फीकी कर सकती है।
चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी
एक आंकड़े के मुताबिक खुदरा बाजार में एक जनवरी 2023 को चीनी का रेट 41.45 रुपये किलो हुआ करती थी जो एक जुलाई को बढ़कर 42.98 रुपये किलो हो गई। वहीं अब औसतन 43.42 रुपये किलो की दर से बिक रही है। चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी का ये दौर जारी रहा तो आने वाले दिनों में मिठाई समेत कई अन्य चीजों के दाम बढ़ सकते हैं।
चीनी मिलों के मालिक भी परेशान
बताया जा रहा है कि गन्ने के उत्पादन में कमी से चीनी मिलों के मालिक भी परेशान हैं। गन्ने की कमी के कारण चीनी मिलों उत्पादन कम हो गया है। एक आंकड़े के मुताबिक चीनी के उत्पादन 3.3 फीसदी तक की कमी आई है। ऐसे में चीनी मिलें अब पहले के रेट पर चीनी बेचने के लिए तैयार नहीं है।
गन्ने का मुख्य उत्पादक राज्य है कर्नाटक और महराष्ट्र
आपको बता दें कि कम बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव गन्ने के मुख्य उत्पादक राज्य कर्नाटक और महराष्ट्र पर पड़ा है। जहां देश में चीनी के कुल उत्पादन का आधा होता है।
चीनी के निर्यात पर बैन लगा सकती है सरकार
इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चीनी के दामों में इसी तरह की तेजी जारी रही तो केंद्र सरकार इसके निर्यात पर भी रोक लगा सकती है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार गेहूं और चावल के निर्यात पर पहले ही रोक लगा चुकी है। अगर ऐसा होता है तो सात वर्षों में ये पहला मौका होगा जब सरकार चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगाएगी।