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tenant rights : किराएदारों को मिले 6 कानूनी अधिकार, अब मकान मालिक की नहीं चलेगी मनमानी

tenant rights : किराएदार और मकान मालिकों के खट्‌टे मीठे रिश्ते होते हैं। कई बार मकान मालिक से किराएदार परेशान हो जाते हैं तो कई बार किराएदार मकान मालिक (tenant landlord rights) को परेशान कर देता है। किराएदारों  और मकान मालिकों को कानूनी तौर पर कई अधिकार मिले हैं। कई बार मकान मालिक  मनमानी चलाते हैं तो ऐसे में किराएदारों के पास कई अधिकार है, जिनका वह प्रयोग कर सकते हैं। आइए जानते हैं किराएदार के इन अधिकारों के बारे में।

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tenant rights : किराएदारों को मिले 6 कानूनी अधिकार, अब मकान मालिक की नहीं चलेगी मनमानी

Hr Breaking News (tenant rights) : किराए के मकान में रह रहे हैं तो आपको किराएदार होने के कुछ अधिकार भी प्राप्त हैं। आपको अपने अधिकारों का जरूर पता होना चाहिए। किराएदार (tenant rights) के प्रमुख अधिकारों के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। आइए जानते हैं किराएदार (tenant) को कौन कौन से प्रमुख अधिकार प्राप्त हैं।  

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क्या है किराया नियंत्रण अधिनियम


देश की आजादी के बाद साल 1948 में एक केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम (rental property acts) आया था। इस अधिनियम का मकसद था कि जमींदार कहे या प्रोपर्टी मालिक व किराएदार (tenant rights) के अधिकारों को संरक्षित करें। कोई एक दूसरे का शोषण न कर सके।

इसी अधिनियम में प्रोपर्टी किराए (rental property) पर देने के नियम बताए गए हैं। यह राज्य अनुसार अलग हो सकता है। हर राज्य का अपना कानून हो सकता है। इसी के तहत रेंट एग्रीमेंट (Rent agreement) जैसे कार्य किए जाते हैं। यह एक मकान मालिक और किराएदार में एक लिखित समझौता होता है। 

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मकान खाली करने को लेकर है नियम


अगर आप कहीं किराए पर प्रोपर रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) बनवाकर रह रहे हैं तो मकान मालिक आपको बिना वजह अचानक घर खाली करने को नहीं बोल सकता है। मकान मालिक को किराएदार (tenant) को निकालने के लिए एक नोटिस देना होगा। यह 15 दिन का या रेंट एग्रीमेंट के अनुसार तय समय सीमा का हो सकता है।  

 

प्रोपर्टी खाली कब करवा सकते हैं मकान मालिक


अगर एकदम घर खाली करवा रहे हैं तो इसके पीछे कुछ मजबूत तर्क होना चाहिए। जैसे कि किराएदार (tenant rights) ने पिछले 2 महीनों से किराया नहीं दिया है। प्रॉपर्टी में कमर्शियल काम शुरू कर दिया है। या फिर कोई गैर कानूनी काम आपने संपत्ति (property) में किया है। इसके अलावा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर भी वह आपको निकाल सकता है। 


अगर आप किसी के मकान में रह रहे हैं तो मकान में साफ पानी, बिजली कनेक्शन, पार्किंग जैसी मुलभूत सुविधाएं (basic facilities for tenant) उपलब्ध कराना मकान मालिक की जिम्मेदारी होती है। आप मकान को किराए पर लेने से पहले इनको जरूर चेक कर लें और अपने मकान मालिक से इनकी मांग रखे।  

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किराया बढ़ाने को लेकर प्रावधान


मकान मालिक किराएदार का किराया ऐसे ही कभी भी नहीं बढ़ा सकता है। यह रेंट एग्रीमेंट के अनुसार चलता है। मकान मालिक को किराएदार (tenant) से किराया वसूलने के लिए भी तीन महीने का नोटिस (Notice) देना पड़ सकता है। बाजार में संपत्ति के दाम बढ़ रहे हैं तो उसको लेकर मकान मालिक को किराएदार (tenant rights) से बात करनी होगी। 

 

 

किराएदार की फैमिली को भी अधिकार


अगर किसी मकान में किसी किराएदार (tenant) की अचानक मौत हो जाती है तो फैमिली को वहां से मकान मालिक नहीं निकाल सकता है। अगर रेंट एग्रीमेंट किराएदार (facilities for tenant) के नाम पर था तो नया रेंट एग्रीमेंट बन सकता है। बची हुई अवधि का ये रेंट एग्रीमेंट हो सकता है। 

 

मकान की सिक्योरिटी राशि को लेकर ये है नियम


अकसर मकान मालिक किराए जितना ही रुपया एडवांस में किराएदार (tenant) से सिक्योरिटी के तौर पर ले लेते हैं। इससे मकान मालिक देखता है कि घर में भविष्य में कोई नुकसान किराएदार (tenant rights) द्वारा होता है तो वह उस रुपये से उसको ठीक कराए। अगर किराएदार मकान खाली कर रहा है तो मकान मालिक को वह सिक्योरिटी मनी वापस देनी होगी।  

 

कमरे में घुसकर नहीं कर सकता परेशान


मकान में आप रह रहे हैं तो आपको अपनी निजता (privacy right tenant) और एकांत का अधिकार मिलता है। बार बार मकान मालिक आपके कमरे में घुसकर या तांक झांक कर आपको परेशान नहीं कर सकता है। किराएदार को परेशान नहीं किया जा सकता है।