UP के 20 गांवों की जमीन बनेगी सोना, योगी सरकार यहां बसाएगी नया शहर
UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रेटर गाजियाबाद प्लान को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत 20 गांवों को मिलकर ग्रेटर गाजियाबाद का निर्माण किया जाएगा... इससे जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश सरकार गाजियाबाद जिले के विस्तार के लिए 'ग्रेटर गाजियाबाद' योजना को तेजी से लागू कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद, जिला प्रशासन और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इस पर काम शुरू कर दिया है. इस योजना में खोड़ा, लोनी, डासना और मुरादनगर के 20 गांवों को शामिल किया जाएगा, जिससे 150 से 175 वार्ड बनेंगे. इसका उद्देश्य क्षेत्र का नियोजित विकास करना है.
गाजियाबाद प्रशासन ग्रेटर गाजियाबाद के गठन के लिए एक योजना पर काम कर रहा है. इसमें खोड़ा, लोनी, कनावनी, डासना और मुरादनगर नगर पंचायतों और उनके आसपास के 20 गांवों को शामिल किया जाएगा.
योजना के तहत, मुरादनगर के वे गांव शामिल होंगे जो गाजियाबाद से सटे हैं. इनकी सीमाएं सड़क मार्गों के आधार पर तय की जाएंगी. इसके साथ ही, डासना नगर पंचायत के सभी वार्ड, और लोनी व खोड़ा के कुछ नगर पालिका क्षेत्रों को भी ग्रेटर गाजियाबाद में जोड़ा जाएगा.
प्रशासन ने इन क्षेत्रों के नक्शों का मिलान कर लिया है और अब अंतिम सीमांकन और रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है.
कमिश्नरेट जैसी व्यवस्था, IAS अधिकारी करेंगे नेतृत्व-
ग्रेटर गाजियाबाद में प्रशासनिक सुगमता के लिए कमिश्नरेट जैसी व्यवस्था लागू की जाएगी. इस व्यवस्था के तहत पूरे क्षेत्र को तीन जोन में बांटा जाएगा, और प्रत्येक जोन की कमान सचिव स्तर के IAS अधिकारियों के हाथ में होगी. यह जोनल व्यवस्था क्षेत्र में बेहतर प्रशासन, विकास और सेवा वितरण को सुनिश्चित करेगी. जिला प्रशासन का कहना है कि इस व्यवस्था से न केवल शहरी सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा.
ग्रेटर गाजियाबाद का निर्माण 2031 मास्टर प्लान के अनुरूप किया जाएगा, जिसे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने तैयार किया है. इस मास्टर प्लान में मेट्रो रेड और ब्लू लाइन के किनारे ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) जोन शामिल किए गए हैं, जो मिश्रित भू-उपयोग और पांच फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) की सुविधा प्रदान करेंगे. इस योजना के तहत गाजियाबाद, डासना, मुरादनगर, और लोनी क्षेत्रों में लगभग 130 हेक्टेयर जमीन का भू-उपयोग बदला जाएगा, जिससे आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मास्टर प्लान 2031 को शासन स्तर पर अंतिम मंजूरी मिलने की प्रक्रिया चल रही है, और इसे नए साल से लागू करने की पूरी संभावना है.
सर्वे और सीमांकन का कार्य पूरा-
जिलाधिकारी दीपक मीणा के अनुसार, ग्रेटर गाजियाबाद के लिए सभी संबंधित विभागों ने अपना सर्वेक्षण पूरा कर लिया है. इसमें खोड़ा, लोनी, डासना और मुरादनगर के 20 गांव शामिल हैं. इस योजना के तहत, 150 से 175 वार्ड बनाए जा सकते हैं. इस नए परिसीमन का अंतिम नक्शा और रिपोर्ट कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद अंतिम रूप से तैयार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी की घोषणा के बाद तेजी से प्रगति-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हाल ही में गाजियाबाद दौरे के दौरान ग्रेटर गाजियाबाद के गठन की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि गाजियाबाद के तेजी से बढ़ते शहरीकरण और विकास को देखते हुए इस विस्तार की आवश्यकता है. इस घोषणा के बाद से जिला प्रशासन और जीडीए ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है. सीएम ने यह भी उल्लेख किया कि हिंडन नदी के पुनरुद्धार और क्रिकेट स्टेडियम (cricket stadium) जैसे पेंडिंग प्रोजेक्ट्स को भी ग्रेटर गाजियाबाद (gaziabad) के तहत प्राथमिकता दी जाएगी.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को मिलेगा लाभ-
ग्रेटर गाजियाबाद के गठन से खोड़ा, लोनी, डासना, और मुरादनगर के ग्रामीण इलाकों को सबसे अधिक लाभ होगा. इन क्षेत्रों को नगर निगम की सीमा में शामिल करने से सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी. साथ ही, शहरी क्षेत्रों का विस्तार होने से रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस योजना से गाजियाबाद एनसीआर (NCR) में एक प्रमुख शहरी केंद्र के रूप में और मजबूत होगा.
