इस खाते में मिलता हैं सेविंग अकाउंट से भी ज्यादा ब्याज, बिना रिस्क के मिलेगा इतना फायदा, जानें डिटेल
HR Breaking News (नई दिल्ली)। बैंक में आपको कई तरह के खाते मिल जाएंगे। मसलन, सेविंग अकाउंट, करेंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट, इत्यादि। इसी तरह रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) अकाउंट भी होता है। आज हम आपको रिकरिंग डिपॉजिट के बारे में बताने जा रहे हैं कि रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट क्या होता है इसके क्या फायदे हैं।
क्या होता है रिकरिंग डिपॉजिट?
रिकरिंग डिपॉजिट (RD) एक यूनिक टर्म डिपॉजिट है जो भारतीय बैंक ग्राहकों को देती हैं। यह एक इंवेस्टमेंट टूल है जो लोगों को नियमित जमा करने और निवेश पर अच्छा रिटर्न दिलाने में मदद करता है। नियमित जमा और ब्याज के कारण, यह अक्सर यूजर्स को निवेश में लचीलापन और आसानी प्रदान करता है।
एफडी से अलग से आरडी -
आपको बता दें कि आप आरडी को एफडी मत समझिए, दोनों अलग-अलग है। एक आरडी खाताधारक हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करना चुन सकता है और उस राशि पर अच्छा ब्याज अर्जित कर सकता है। आरडी सेविंग के साथ-साथ एक अच्छा निवेश उपकरण है।
कितनी होती है समय सीमा?
आरडी अकाउंट की अवधि अक्सर 6 महीने से 10 वर्ष के बीच होती है। बैंक व्यक्तियों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार अवधि चुनने का अवसर देते हैं। हालांकि एक बार जो ब्याज दर निर्धारित हो जाती है वो पूरे कार्यकाल में नहीं बदलती। मैच्योरिटी के बाद आरडी अकाउंट होल्डर को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है जिसमें नियमित निवेश के साथ-साथ अर्जित ब्याज भी शामिल होता है।
आरडी अकाउंट की क्या है विशेषता?
- रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट का उद्देश्य लोगों में बचत की नियमित आदत लगाना है।
- इस अकाउंट मेंं जमा के लिए न्यूनतम राशि हर बैंक के लिए अलग-अलग होती है। आपको बता दें कि आप 1000 रुपये से निवेश कर सकते हैं।
- कम से कम 6 महीने और अधिकतम 10 साल तक आप इसमें निवेश कर सकते हैं।
- एफडी के बराबर लेकिन सेविंग अकाउंट से ज्यादा इंटरेस्ट रेट देता है आरडी अकाउंट
- प्री-मैच्योर निकासी के नियम हर बैंक के हिसाब से अलग होते हैं। बैंक आपको कुछ शर्तों पर मैच्योरिटी से पहले अपना खाता बंद करने की अनुमति दे सकता है।