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Professional Tax : क्या होता है प्रोफेशनल टैक्स, जानिए किन लोगों को देना पड़ता है ये टैक्स

Professional Tax : इनकम टैक्स के बारे में तो आप भी जानते ही होंगे, लेकिन क्या आप प्रोफेशनल टैक्स (Professional Tax) के बारे में जानते हैं..? अगर आपका जवाब नहीं है तो चलिए आइए जान लेते है इस खबर में। 
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Professional Tax : क्या होता है प्रोफेशनल टैक्स, जानिए किन लोगों को देना पड़ता है ये टैक्स

HR Breaking News, Digital Desk - इनकम टैक्स (Income Tax) के बारे में तो हर किसी को पता है, लेकिन क्या आप प्रोफेशनल टैक्स (Professional Tax) के बारे में जानते हैं? अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं तो बेशक आपने इसके बारे में कभी ना कभी तो सुना ही होगा. राज्य सरकारों की तरफ से इसे एक तय सैलरी (Salary) से अधिक आय वाले लोगों पर लगाया जाता है. आइए जानते हैं प्रोफेशनल टैक्स के बारे में सब कुछ. 

कुछ राज्य सरकारें एक तय सीमा से अधिक कमाई करने वाले लोगों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाते हैं. इनमें ना सिर्फ सैलरी पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल होते हैं, बल्कि नॉन-सैलरीड लोगों पर भी ये टैक्स लगाया जाता है. राज्य सरकारों के लिए प्रोफेशनल टैक्स सैलरी का एक अहम रेवेन्यू सोर्स होता है. प्रोफेशनल टैक्स से राज्य सरकारों की जो कमाई होती है, वह राज्य सरकार के नगर पालिका के खजाने में जमा होती है.

प्रोफेशनल टैक्स का डिडक्शन क्लेम-

अगर किसी शख्स की नेट टैक्सेबल इनकम Income-tax Act, 1961 के तहत है तो वह अपनी टैक्सेबल इनकम में से प्रोफेशनल टैक्स का डिडक्शन क्लेम कर सकता है. इसके बाद ही उसे ये पता चलता है कि उसकी नेट टैक्सेबल इनकम कितनी है. जब बात आती है कर्मचारियों की, तो उनकी तरफ से यह टैक्स एंप्लॉयर जमा करता है. यह टैक्स कर्मचारी के फॉर्म-16 और उसकी सैलरी स्लिप दोनों में ही देखा जा सकता है. टैक्सेबल इनकम में इस अमाउंट का डिडक्शन मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के तहत कोई भी राज्य एक साल में 2500 रुपये से अधिक का प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगा सकता है. यानी प्रति महीने के हिसाब से यह 208.33 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए.

कौन से राज्य लगाते हैं प्रोफेशनल टैक्स?

भारत में अभी 21 राज्य ऐसे हैं, जो प्रोफेशनल टैक्स लगाते हैं. इन राज्यों में सैलरी की सीमा अलग-अलग है. कुछ राज्यों में 4166 रुपये से ज्यादा कमाने वाले शख्स को भी प्रोफेशनल टैक्स देना होता है. वहीं कुछ राज्यों में यह टैक्स तब लगता है, जब किसी शख्स की कमाई 3 लाख रुपये से अधिक होती है. बता दें कि किसी भी केंद्र शासित प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में यह टैक्स नहीं लगाया जाता है.

कुछ राज्यों में कुछ कैटेगरी में लोगों को इससे छूट मिलती है, जिनमें से एक दिव्यांग लोगों की कैटेगरी भी है. ये टैक्स लगाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, असम, केरल, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, पुडुचेरी, सिक्किम, तेलंगाना, नागालैंड, छत्तीसगढ़ और मेघालय शामिल हैं. बता दें कि प्रोफेशनल टैक्स नहीं चुकाने पर पेनाल्टी भी लगती है.