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पुलिस कार्रवाई से परेशान होकर पूर्व पार्षद ने नदी में लगाई छलांग, बचाने गया साथी भी डूबा

करनाल। पुलिस कार्रवाई से परेशान पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने गुरुवार सुबह करीब 9:15 बजे बिंझौल नहर में छलांग लगा दी। उन्हें बचाने के लिए छोटे भाई सतीश शर्मा और दोस्त राजेश शर्मा भी नहर में कूद गए। राजेश शर्मा तैरना नहीं जानते थे। हरीश शर्मा और राजेश शर्मा डूब गए। जबकि सतीश किसी तरह
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पुलिस कार्रवाई से परेशान होकर पूर्व पार्षद ने नदी में लगाई छलांग, बचाने गया साथी भी डूबा

करनाल। पुलिस कार्रवाई से परेशान पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने गुरुवार सुबह करीब 9:15 बजे बिंझौल नहर में छलांग लगा दी। उन्हें बचाने के लिए छोटे भाई सतीश शर्मा और दोस्त राजेश शर्मा भी नहर में कूद गए। राजेश शर्मा तैरना नहीं जानते थे। हरीश शर्मा और राजेश शर्मा डूब गए। जबकि सतीश किसी तरह बच गए। तीन घंटे तक गोताखोरों ने दोनों को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वे मिले नहीं। शहरी विधायक प्रमोद विज, पार्षद और कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।

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ये है मामला

दिवाली के दिन सिटी थाना पुलिस ने पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और वर्तमान में वार्ड-3 की पार्षद उनकी बेटी अंजली शर्मा समेत 10 लोगों पर पुलिस ने पटाखे बेचने को लेकर 11 धाराओं में केस दर्ज किया था। अंजली शर्मा पर पुलिस ने मोबाइल छीनने और वर्दी फाड़ने का भी आरोप लगाया था। पूर्व पार्षद हरीश शर्मा मंगलवार को गृह मंत्री अनिल विज से मिले और बुधवार को मासाखोरों के धरने में पहुंचे थे। वहां भी उन्होंने पुलिस पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। हरीश शर्मा ने सुबह 8:30 बजे अपने छोटे भाई सतीश शर्मा को फोन करके बिंझौल नहर में कूदने की बात कही। सतीश शर्मा ने हरीश के दोस्त राजेश शर्मा को फोन कर मामला पूछा तो उन्होंने बताया कि हरीश शर्मा सुबह ही उनके घर से निकले हैं।

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तहसील कैंप से सतीश शर्मा स्कूटी लेकर निकले। जबकि राजेश शर्मा और सोने कार से बिंझौल नहर पहुंचे। सोनू ने बताया कि जब वह नहर पर आए तो हरीश शर्मा अंडर वीयर में नहर के किनारे खड़े थे। जबकि सतीश शर्मा नहर के दूसरे किनारे से भाई को न कूदने की कसम दे रहे थे। हरीश शर्मा ने किसी की न सुनते हुए उनके सामने ही नहर में छलांग लगा दी। दूसरे किनारे से सतीश शर्मा भी कूद गए। तैरना न आने के बावजूद राजेश शर्मा भी हरीश शर्मा के पीछे कूदे और डूब गए।

बाहर खड़े सोनू ने पेड़ से डंडा तोड़कर हरीश शर्मा की तरफ किया। उन्होंने डंडा पकड़ तो लिया लेकिन डूबते चले गए। इसी बीच दूसरे किनारे से सतीश शर्मा भी वहां पहुंचे, वह भी डूबने की हालत में थे। सोनू ने सतीश को डंडे के सहारे बाहर निकाला। तब तक हरीश शर्मा और राजेश शर्मा नदी की गहराई में समा चुके थे। दोपहर 12:30 बजे तक दोनों के शव नहीं मिले।

पूरी रात घर पर घूमती रही पुलिस की गाड़ियां
पार्षद अंजली शर्मा ने बताया कि बुधवार शाम से ही पुलिस और CIA की गाड़ियां उनके घर के बाहर आने लगी थी। गुरुवार सुबह तक पुलिस ने घर पर डेरा जमाए रखा। पूरा परिवार पुलिस की कार्रवाई से परेशान है।