Rewari gangrape में तीनों दोषियों को नारनौल स्पेशल कोर्ट ने सुनाई सजा

HR BREAKING NEWS. हरियाणा के रेवाड़ी गैंगरेप रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म कांड (rewari gangrape case) में शुक्रवार को अदालत ने सुनाया फैसला। नारनौल की क्राइम अगेंस्ट वूमेन (crime against women) स्पेशल कोर्ट ने तीनों दोषियों को सुनाई 20-20 साल की सजा सुनाई और 20-20 हजार का जुर्माना लगाया है। साथ ही डीएलएसए को 5 लाख पीड़ित पक्ष को देने का आदेश दिया है। न्यायाधीश मोना सिंह की कोर्ट ने एक दिन पहले ही वारदात के मुख्य आरोपी नीशू फौगाट, मनीष और पंकज फौजी को दोषी ठहराया था।
दोषी ठहराए गए तीनों युवक पीड़िता के गांव के ही हैं। 5 आरोपियों को कोर्ट ने संदेह के लाभ में बरी कर दिया। 3 साल तक कोर्ट में चले इस मामले में कुल 33 गवाह पेश हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद न्यायाधीश मोना सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को आरोपी नीशू फोगाट, मनीष और पंकज फौजी को आईपीसी की धारा 328, 365, 376डी के तहत दोषी करार दिया।
12 सितंबर 2018 को रेवाड़ी के कोसली क्षेत्र की रहने वाली छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात हुई थी। कोचिंग सेंटर से लौटते समय उसे पंकज तथा मनीष रास्ते में मिले। उन्होंने पीड़िता को पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया और बाद में उसे एक गाड़ी में बैठाकर एक कुएं पर लेकर गए। जहां पर आठ घंटे तक पंकज, मनीष और नीशू ने सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की हालत खराब हो जाने पर इन लोगों ने गांव के ही एक चिकित्सक संजीव को घटनास्थल पर बुलाया। चिकित्सक पीड़िता को प्राथमिक उपचार देकर मौके से चला गया। इसके बाद आरोपी उसे फेंककर फरार हो गए थे। और जाते-जाते उसके पिता को तबियत खराब होने की जानकारी दी थी।
इस मामले में ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल पर धारा-118 व 120बी लगाई थी। संजीव पर धारा-118, नवीन पर 202 तथा अभिषेक व मनजीत को मनीष व पंकज को शरण देने यानी 216 के तहत चार्ज फ्रेम किया गया था। मामला बहुचर्चित होने के बाद पुलिस कार्रवाई में तेजी आई थी। कई दिनों तक पीड़िता का रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में इलाज चला था। पीड़िता का हाल चाल जानने के लिए देशभर के नेताओं का रेवाड़ी में जमावड़ा लग गया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से लेकर कई अन्य बड़े नेता पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे। खुद सीएम मनोहर लाल ने पीड़िता के परिजनों से मिलकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।