मान आई अस्पताल के बाहर धरना देने आ रहे पार्थ के परिजनों और अन्य के साथ पुलिस की गहमागहमी
एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के कैमरी मार्ग स्थित मान आई अस्पताल के बाहर धरना देने आ रहे मृतक पार्थ के परिजनों और अन्य संगठनों से जुड़े लोगों के साथ पुलिस ने धक्का-मुक्की। काफी देर तक हंगामा होता रहा। पुलिस ने पहले पार्थ के पिता मोहित, बाद में प्रदर्शन कर रहे आप नेता मनोज राठी और अन्य को पकड़ कर ले गई। बाद में उन्हें छोड़ दिया। सुरक्षा के लिहाज से अस्पताल के बाहर काफी पुलिस बल तैनात था। इतना ही नहीं पहले तो मीडिया को कवरेज तक करने नहीं दी गई। कुछ सोशल मीडिया वालों के मोबाइल फोन भी पुलिस ने ले लिए। हालाकि बाद में उन्हें लौटा दिया गया। वहीं डीएसपी राजबीर सिंह ने कहा कि पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
पातन गांव के सरकारी स्कूल में साइंस टीचर के साथ मारपीटhttps://hrbreakingnews.com/crime/science-teacher-assaulted-in-government-school-of-patan-village/
स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट देने के बाद विफरे
जानकारी अनुसार 12 क्वार्टर निवासी मोहित कुमार अपने सात साल के बेटे पार्थ को लेकर उसके भेंगापन का इलाज करवाने के लिए मान आई अस्पताल में गत 22 जनवरी को लेकर आया था। उसी दिन पार्थ को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। उपचार के दौरान पार्थ की मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। गुस्साएं लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की थी। उसके बाद सिविल अस्पताल की सीएमओ डॉक्टर रतना भारती ने जांच करने के लिए एक बोर्ड गठित किया गया। उसमें आठ डॉक्टर शामिल थे। मेडिकल कॉलेज अग्रोहा और एफएसएल मधुबन की टीम ने जांच की। गत दिवस स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पार्थ के परिजनों को रिपोर्ट दी गई। उसमें साफ लिखा है कि जांच के दौरान प्रथम दृष्टियां में डॉक्टरों की किसी प्रकार की कोई लापरवाही सामने नहीं आई। रिपोर्ट देखने के बाद गत दिवस पंजाबी धर्मशाला में एक बैठक की गई।
पहले मृतक के पिता को पुलिस ले गई
आज सुबह करीब दस बजे के बाद मृतक पार्थ के पिता मोहित अस्पताल के बाहर धरना देने के लिए। उस समय पुलिस उसे जिप्सी में बैठा कर ले गई। कुछ देर बाद मोहित का मां और अन्य संगठन प्रदर्शन करते हुए अस्पताल की तरफ आए। वहां पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। काफी देर तक हंगामा होता रहा। उसके बाद पुलिस ने आप नेता मनोज राठी और अन्य को पकड़ लिया और पुलिस बस में बैठाकर ले गए। बताया जाता है कि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। उसके बाद मामला शांत हुआ।
