विजिलेंस ने केमिस्ट शॉप संचालक से 40 हजार की रिश्वत लेते ड्रग इंस्पेक्टर के चालक और चपरासी को पकड़ा
एचआर ब्रेकिग न्यूज। हिसार। सिरसा विजिलेंस टीम ने हिसार के ड्रग्स इंस्पेक्टर डॉक्टर सुरेश चौधरी के प्राइवेट चालक और चपरासी को चालीस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि डॉक्टर द्वारा रामायण गांव के रहने वाले रामबिलास को मेडिकल शॉप का लाइसेंस जारी करवाने के नाम पर रुपये मांगे गए थे। टीम दोनों आरोपितों से पूछताछ कर रही है। इस बारे में रामबिलास की शिकायत पर पुलिस ने भ्रष्ट्राचार अधिनियम के तहत डॉक्टर सुरेश चौधरी, चालक सुमित और चपरासी रामपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
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22 जुलाई को आवेदन किया था
विजिलेंस में दी गई शिकायत में गांव रामायण वासी रामबिलास ने बताया कि मॉडल टाउन में दवाइयों की दुकान खोली है। इस दुकान के लिए लाइसेंस जारी करवाने के लिए 22 जुलाई को विभाग में आवेदन किया था। आवेदन की फीस देने के बावजूद उसे लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा था। जब वह इस बारे में शिकायत लेकर ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर सुरेश चौधरी से मिला तो उसने कहा कि इस बारे में सुमित व रामपाल से बात करो। रामबिलास का कहना है कि जब रामपाल और सुमित से लाइसेंस के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसके लिए एक लाख रुपये लगेंगे। जब उसने पैसे ज्यादा की बात कही तो दोनों 40 हजार में लाइसेंस देने की बात कही। उन्होंने बताया कि चालक और परिचालक से बातचीत की रिकॉर्डिंग विजिलेंस डीजीपी को भेज दी। उसके बाद सिरसा विजिलेंस टीम को रेड के लिए भेजा गया। टीम ने चालीस हजार रुपयों पर पाउंडर लगाकर दे दिया। उसके बाद पहले मुझे जिंदल चौक के पास बुलाया गया। उसके बाद आधार अस्पताल के पास बुलाया। रामबिलास ने बताया कि वहां पर गाड़ी में रामपाल और सुमित मिले और उनको दो दो हजार के बीस नोट दे दिए। रुपये देने के बाद विजिलेंस टीम ने दोनों को रेड मारकर मौके से पकड़ लिया। दोनों को पूछताछ के लिए विजिलेंस लाया गया। विजिलेंस टीम ने रामबिलास की शिकायत पर डॉक्टर सुरेश चौधरी, रामपाल और सुमित के खिलाफ केस दर्ज किया है। इंस्पेक्टर अनिल कुमार का कहना है कि तीन के खिलाफ केस दर्ज किया है अभी दो की गिरफ्तारी हुई है।