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पीएम के साथ हमेशा काले बैग लेकर चलते हैं ये लोग, जानिये आखिर इसमें क्या है

पिछले दिनों से PM की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा बातें चल रही हैं। पंजाब में सुरक्षा की कमी की बात को लेकर मुद्दा उठाया जा रहा है। जहां PM की सुरक्षा की बातें हो रही हैं वहीं क्या कभी आपने ये सोचने की कोशिश की है कि आखिर पीएम की सुरक्षा का जो बड़ा
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पीएम के साथ हमेशा काले बैग लेकर चलते हैं ये लोग, जानिये आखिर इसमें क्या है

पिछले दिनों से PM की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा बातें चल रही हैं। पंजाब में सुरक्षा की कमी की बात को लेकर मुद्दा उठाया जा रहा है। जहां PM की सुरक्षा की बातें हो रही हैं वहीं क्या कभी आपने ये सोचने की कोशिश की है कि आखिर पीएम की सुरक्षा का जो बड़ा काफिला चलता है।

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वो ऑपरेट कैसे करता है या फिर पीएम के साइड में जो लोग काला बैग लेकर चलते हैं वो कौन होते हैं और ये क्यों होता है, तो चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं कि आखिर PM के काफिले में किस तरह की सुरक्षा होती है वहीं आखिर ये ब्लैक बैग का क्या चक्कर है जो PM के आस-पास ही हमेशा रहता है।

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PM की सुरक्षा के लिए एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप जिम्मेदार होता है। इसी ग्रुप की जिम्मेदारी होती है कि प्रधान मंत्री PM के जाने से पहले और जाने के बाद तक के ये सारे इंतज़ाम देखे जाएं और वहीं जहां भी जा रहे हों वो उनके साथ चलें।

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ये ग्रुप देश ही नहीं विदेशी दौरों पर भी PM मोदी के साथ ही चलते हैं। ये सिर्फ प्रधानमंत्री के साथ ही नहीं बल्कि उनके परिवार वालों के साथ भी चलते हैं।

समझ लीजिए कि पीएम जहां जाएंगे वहां ये लोग मौजूद होंगे। उनके आवास में, उनके घर वालों के साथ, देश के दौरे में, रैलियों में, किसी सार्वजनिक फंक्शन में, संसद में, विदेशी दौरों में यानी सभी जगह।

हम आपको बतादें कि ये सिर्फ मौजूदा पीएम के लिए नहीं है बल्कि ये पहले के प्रधानमंत्रियों के लिए भी है। इस फोर्स का गठन ही हाई प्रोफाइल सुरक्षा के लिए किया गया था।

एसपीजी 1988 में बनाई गई थी और इसे देश की सबसे पुख्ता सुरक्षा एजेंसी माना जाता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट कहती है कि हर साल इस एजेंसी पर 375 करोड़ से ज्यादा का खर्च किया जाता है।

रिपोर्ट्स की माने तो प्रधानमंत्री के सुरक्षा दौरे से पहले खास तैयारियां की जाती हैं। अगर कोई चुनाव रैली या कोई दौरा है तो पहले उस जगह का निरिक्षण किया जाता है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात होते हैं और बॉम्ब आदि की जांच भी की जाती है।

पीएम आने से पहले ही एसपीजी की एक टुकड़ी तैनात कर दी जाती है और वहां पर आईबी यानि इंटेलिजेंस ब्यूरो और देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैयार रहती हैं।

इसके लिए एडवांस में मीटिंग होती है और कई मामलों में तो प्रधानमंत्री के एक दौरे का इंतज़ाम महीनों पहले से होने लगता है। इसमें स्थानीय पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को भी जोड़ा जाता है। हर चीज़ के दो से तीन विकल्प रखे जाते हैं।

यानी अगर पीएम के रुकने की जगह पर कोई सुरक्षा खामी देखी गई तो उसका विकल्प मौजूद होगा। क्योंकि ये Z+ सुरक्षा के अंतरगत आता है तो उनकी सुरक्षा के लिए 55 जवान तैनात रहते हैं जिसमें से 10 से ज्यादा कमांडो होते हैं और बाकी अन्य सुरक्षा एजेंसियों के जवान।

ये सभी हर तरह की युद्ध कला में पारंगत रहते हैं और आने वाले किसी भी तरह के खतरे से लड़ने के लिए इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है।