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Bisleri Water Bottle : बहुत ही दिलचस्प है भारत में बोतल बंद पानी आने की कहानी, 1965 में लगा था पहला प्लांट

बिसलेरी का नाम तो सभी ने सुना होगा,जी हां वही वाली बिसलेरी जिसका पानी हम पीते हैं। आज हम आपको इस बिसलेरी की दिलचस्प कहानी के बारे में बताएंगे कि आखिर कैसे कंपनी ने करोड़ों के इस मुकाम को हासिल किया है-
 
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Bisleri Water Bottle : बहुत ही दिलचस्प है भारत में बोतल बंद पानी आने की कहानी, 1965 में लगा था पहला प्लांट

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। बिसलेरी (Bisleri) का नाम तो सभी ने सुना होगा. जी हां वही वाली बिसलेरी जिसका पानी हम पीते हैं. रमेश चौहान ने इस कंपनी को बेचने का फैसला कर लिया है. टाटा ग्रुप (Tata Group) के साथ इसकी डील पक्की हो गई है और माना जा रहा है कि 7000 करोड़ में यह डील डन हो सकती है. 

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आज हम आपको इस बिसलेरी की दिलचस्प कहानी के बारे में बताएंगे कि आखिर कैसे कंपनी ने करोड़ों के इस मुकाम को हासिल किया है-

किन साइज में मिलती है पानी की बोतल?


Bisleri पानी की बोतल का नाम भारत में काफी लोकप्रिय हो चुका है और आम बोलचाल की भाषा में इसका इस्तेमाल होता है. आज के समय में सभी साइज में यह बोतल उपलब्ध है. 250ML, 500ML, 1Liter, 1.5liter, 2Liter, 5liter और 20Liter की बिसलेरी की बोतल मिलती है. 

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पहले फार्मास्युटिकल का करती थी कारोबार


यह इटली की कंपनी है और शुरुआत में यह कंपनी फार्मास्युटिकल का काम करती थी और मलेरिया की दवा बेचने का कारोबार करती थी. इस कंपनी के संस्थापक Felice Bisleri की मौत के बाद में उनकी फैमिली डॉक्टर ने इस कंपनी को आगे लेकर जाने का प्लान बनाया था. इसके बाद में Felice ने बिसलेरी नाम से पानी बेचने का प्लान बनाया. इसके बाद भारत में भी खुशरू संतकू नामक वकील के साथ मिलकर इस कंपनी ने इंडिया में कारोबार का विस्तार किया.

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मुंबई में 1965 में लगाया था प्लांट


शुरुआत में पैकेज्ड वॉटर को मार्केट में बेचना एक तरह का पागलपन था क्योंकि उस समय पर लोगों को लगता था कि कौन खरीद कर बोतल बंद पानी पिएगा, लेकिन रॉसी को अपने बिजनेस प्लान पर पूरा भरोसा था. साल 1965 में उन्होंने Mumbai के ठाणे में पहला 'बिसलेरी वॉटर प्लांट' लगाया था. 

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कितना है नेटवर्क?


इसके बाद में साल 1969 में ही पारले ने बिसलेरी इंडिया लिमिटेड को खरीद लिया था और शुरुआत में कांच की बोतलों में पानी बेचा जाता था. इसके बाद में बिजनेस को बढ़ाने के लिए PVC नॉन-रिटर्न की बोतलों की तरफ बढ़ने लगे हैं. आज के समय में कंपनी का कारोबार करीब 20,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है. इसमें से 60 फीसदी हिस्सा असंगठित क्षेत्र का है. वहीं, इसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की बात की जाए तो 5000 ट्रकों के साथ ही 4500 से भी ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन का नेटवर्क है.