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Ramesh Babu Success Story- लोगों के बाल काटने वाला ये शख्स है 400 लग्जरी कारों का मालिक, करोड़ों में है कमाई

Ramesh Babu Success Story in Hindi : इंसान अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से क्या नहीं हासिल कर सकता। जिंदगी में कुछ पाने के लिए कठिन तपस्या लगती है। सफलता ऐसे ही बैठे बिठाए नही मिल जाती है। आज हम आपको जिस व्यक्ति के बारे में बताने वाले है वो आज के समय में 400 लग्जरी कारों के मालिक है लेकिन उनका बचपन अथाह गरीबी में बीता है। उन्होने खुद मेहनत कर अपना कारोबार शुरू किया है। आइए जान लेते है Billionaire Barber  कहे जाने वाले रमेश बाबू के बारे में विस्तार से...

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Ramesh Babu Success Story-  लोगों के बाल काटने वाला ये शख्स है 400 लग्जरी कारों का मालिक, करोड़ों में है कमाई

HR Breaking News, Digital Desk : आज हम आपको जो सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले है वो एक ऐसे शख्स की है, जिसे Billionaire Barber कहा जाता है. सफलता की ये कहानी हर किसी को हैरान कर देने वाली है. नाम है रमेश बाबू. रमेश टूर्स एंड ट्रैवल्स के रमेश बाबू (Barber Ramesh Babu) भारत के सबसे अमीर नाई हैं. वो भारत के ‘अरबपति नाई’ कहे जाते हैं. 


आज के समय में उनके पास 400 कारें हैं जिनमें से 120 लग्‍जरी गाडियां हैं.मर्सीडीज से लेकर रोल्‍स रॉयस, तक हर महंगी गाड़ी उनके बेड़े में शामिल हैं. करीब 1200 करोड़ रुपये की संपत्ति (Ramesh Babu success story) के मालिक रमेश बाबू आज भी बेंगलूरु के अपने सैलून में लोगों के बाल काटते हैं. 


ऐसा नहीं है कि आज यह काम करना उनकी मजबूरी है, बल्कि अपने खानदानी पेशे से प्‍यार (love for family profession) के चलते वो आज भी नाई का काम कर रहे हैं. ऐसा नहीं है कि रमेश बाबू को टूर एंड ट्रैवल्‍स का यह कारोबार विरासत में मिला है. विरासत में उन्‍हें केवल गरीबी मिली थी. इतनी गरीबी की उनकी मां को लोगों के घरों में काम करना पड़ता था और वो खुद 13 साल की उम्र में सड़क पर अखबार बेचा करते थे.

बता दें कि बेंगलुरु के एक गरीब परिवार में जन्‍मे रमेश बाबू के सिर से पिता का साया बहुत जल्‍दी उठ गया था. उनके पिता एक सैलून (Ramesh Baabu salon) चलाते थे. रमेश छोटे थे तो मां ने सैलून चाचा को चलाने के लिए दे दिया. सैलून से उन्‍हें बस 50 रुपये दिन का किराया मिलता था. रमेश बाबू की मां लोगों के घरों में नौकरानी का काम करती थी. एक समय उनके घर की हालत ये थी कि उन्‍हें दो वक्‍त की रोटी भी नसीब नहीं होती थी. 13 साल की उम्र में रमेश बाबू ने सड़क पर अखबार बेचना शुरू किया. साथ ही उन्‍होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी.

 

 

 

 


रमेश बाबू  ने छोटी उम्र में संभाला पिता का सैलून


18 साल की उम्र में आने के बाद रमेश ने चाचा से अपना सैलून वापस ले लिया. उन्‍होंने उसे सुधारा और दो कारीगर रख लिए. समस्‍या यह थी कि कारीगर टाइम पर नहीं आते थे. इससे उनका धंधा खराब हो रहा था. रमेश बाबू को बाल काटने नहीं आते थे. लेकिन, एक दिन एक ग्राहक ने जिद करके रमेश बाबू से अपने बाल कटवाए. तब रमेश बाबू को अपने बाल काटने के हुनर (hair cutting skills) का पता चला और वे मन लगाकर काम में जुट गए. उनका सैलून चल निकला. रमेश बाबू शानदार कटिंग करते थे. जल्‍द ही उनका इलाके में नाम हो गया.


सिर्फ एक गाड़ी ने बदल दी पूरी जिंदगी


रमेश बाबू ने सन् 1993 में एक मारुति ओम्‍नी कार (Maruti omni car) किस्‍तों पर ले ली. कुछ समय बाद पैसों की तंगी की वजह से वे किस्‍त नहीं भर पाए. रमेश की मां जिस घर में काम करती थी, उस घर की मालकिन ने रमेश को कार को किराये पर चलाने की सलाह दी. रमेश के लिए ये सलाह वरदान बन गई. उन्‍होंने कार किराये पर चलानी शुरू की. कुछ दिन जब उन्‍होंने कार चलाई तो उन्‍हें पता चला कि शहर में टैक्‍सी का बिजनेस चल सकता है अगर काम को बढाया जाए तो.

ड्राइवर रखना किया शुरू


शुरूआत में रमेश बाबू खुद कार (Ramesh Babu business) चलाते थे. फिर उन्‍होंने बड़ा करने की सोची. सैलून ठीक चलने और खुद के कार किराए पर चलाने की वजह से उनके पास कुछ पैसे जमा हो गए थे. उन्‍होंने एक कार और ली और ड्राइवर रख लिया. इसके बाद धीरे-धीरे उन्‍होंने कारों की संख्‍या बढ़ानी शुरू कर दी.

लग्‍जरी कारों ने से कमा लिया नाम और पैसा


आपको बता दें कि रमेश बाबू जब इस बिजनेस में पूरी तरह उतरे तो उन्‍हें पता चला कि बेंगलूरु में लग्‍जरी कारों को किराए पर लेने (rental luxury car) की भी खूब मांग है. जब बिजनेस अच्‍छा चल पड़ा तो उन्‍होंने लग्‍जरी कारें खरीदना शुरू किया. अब उनके पास 400 कारें हैं, जिनमें से 120 कारें लग्‍जरी कारों की सूची में शामिल हैं.


रॉल्‍स रॉयस से लेकर BMW, Audi तक देते है रेंट पर


वर्तमान समय में रमेश बाबू  कार रेंटल बिजनेस (Ramesh Babu Car Rental Business) के बड़े खिलाड़ी हैं. वे आज रॉल्‍स रॉयस, मर्सिडिज़ बेंज़, BMW, Audi, जैगुआर जैसी लग्जरी गाड़ियां रेंट पर देते हैं. वो कहते हैं कि आप किसी भी लग्जरी ब्रांड के कारों का नाम लीजिए, वो उनके पास है. रमेश बाबू ने करोड़ों का बिजनेस होने के बाद भी अपने सैलून पर कटिंग करना नहीं छोड़ा है.