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School closed in Haryana Update : पीली बसों से जाम हुई शहर की प्रशासनिक सड़क, निजी स्कूल संचालकों ने एडीसी को सौंपी स्कूल बसों की चाबियां

HR Breaking News Hisar. School को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया था। कोरोना महामारी के चलते आठवीं कक्षा तक School बंद करने का विरोध सोमवार को शहर की सड़कों पर दिखाई दिया। Private School संचालकों ने विरोध स्वरूप अपने स्कूलों की बसों को जिला मुख्यालय के साथ साथ तहसील मुख्यालय पर लाकर
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School closed in Haryana Update : पीली बसों से जाम हुई शहर की प्रशासनिक सड़क, निजी स्कूल संचालकों ने एडीसी को सौंपी स्कूल बसों की चाबियां

HR Breaking News Hisar. School को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया था। कोरोना महामारी के चलते आठवीं कक्षा तक School बंद करने का विरोध सोमवार को शहर की सड़कों पर दिखाई दिया। Private School संचालकों ने विरोध स्वरूप अपने स्कूलों की बसों को जिला मुख्यालय के साथ साथ तहसील मुख्यालय पर लाकर खड़ा कर दिया और एडीसी व एसडीएम को स्कूल बसों की चाबियां सौंपते हुए अपना पुरजोर विरोध जताया। शहर की सड़कें हजारों स्कूलों की पीली बसों से जाम सी दिखाई दी। School संचालकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यह विरोध केवल ट्रायल है। अगर सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला तो स्कूलों को बंद करते हुए स्कूलों की चाबियां भी प्रशासन को सौंप दी जाएगी।

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हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन के प्रधान डीएस राणा व मान्यता प्राप्त स्कूल संगठन के उपप्रधान राजपाल सिंधु ने कहा कि शासन प्रशासन जानबूझ कर School संचालकों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के चलते पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगता है तो School संचालक भी स्कूल बंद करने को तैयार हैं, लेकिन कोरोना के नाम पर केवल स्कूलों को निशाना नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज जगह जगह पर चुनावी रैलियां हो रही है। किसान आंदोलन चल रहा है, यातायात, रेल, हवाई यात्रा जारी है। मॉल, बाजार व सिनेमा तक खुले हैं। ऐसे में केवल स्कूलों को बंद करना न्यायसंगत नहीं है।

School पहले ही कोरोना के चलते आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। वहीं अभिभावक भी चाहतें है कि उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो और नियमित रूप से स्कूल खुले। School संचालक भी चाहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई निर्बाध जारी रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शासन प्रशासन ने जोर जबरदस्ती की तो आंदोलन को ओर तेज कर दिया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर कृष्ण बंसल, अनिल गोयल, एचके शर्मा, राजबीर, नरेंद्र मोहन, अजीत सिंह, अनिल मान, सतबीर सहारण, संजय, बहादुर सिंह व नवीन महता सहित विभिन्न स्कूल संचालक मौजूद थे।

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-तहसील स्तर पर भी दिखा असरस्कूलों के विरोध का हांसी, बरवाला, नारनौंद सहित आदमपुर व उकलाना में भी भारी विरोध दिखाई दिया। School संचालकों ने तहसील स्तर पर अपनी अपनी बसों को तहसील मुख्यालय पर खड़ा करते हुए एसडीएम को स्कूल बसों की चाबियां सौंपकर विरोध जताया। इस दौरान बसों की अधिकता के कारण जगह जगह पर जाम की स्थितियां बनी रही, जिसे संभालने के लिए यातायात पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। School संचालकों ने चेतावनी दी कि स्कूल शिक्षा को बचाने के लिए उनका यह आंदोलत तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार अपना निर्णय वापस नहीं ले लेती।