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Success Story : 12वीं में फेल होने के बाद चलाना पड़ा टेंपो, भिखारियों के साथ काटी रातें, अंत में कड़ी मेहनत से बने IPS ऑफिसर

IPS Manoj Kumar Sharma Success Story : UPSC परीक्षा को भारत में सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों छात्र UPSC की परीक्षा देते हैं लेकिन असफलता मिलने के बाद भी हार नहीं मानता है वही IPS की कुर्सी हासिल कर पाता है। आज हम आपको मनोज कुमार शर्मा आईपीएस ऑफिसर की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) को भारत की सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. हर साल कई छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन सफलता कुछ के ही हाथ लगती है. हालांकि, बहुत से छात्र ऐसे भी होते हैं, जो इस परीक्षा में एक बार में सफल ना होने पर हार नहीं मानते और हर तरह की मुश्किलों को पार कर सफलता हासिल कर ही लेते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा (IPS Officer Manoj Kumar Sharma) की है, जिन्होंने अपनी जिंदगी में कई तरह की मुश्किलों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी और आज वे एडिशनल कमिश्नर के रूप में मुंबई में तैनात हैं।

कभी 12वीं भी नहीं कर पाए थे क्लियर, आज हैं IPS 


मध्यप्रदेश के मुरैना के रहने वाले मनोज कुमार शर्मा (Manoj Kumar Sharma) शुरू से ही एक एवरेज स्टूडेंट थे. उन्होंने कक्षा 10वीं में थर्ड डिविजन हासिल किया था. हालांकि, इसके बाद वह कक्षा 12वीं की परीक्षा पास भी नहीं कर पाए थे. वे हिंदी विषय को छोड़कर बाकि सभी विषयों में फेल हो गए थे. कक्षा 12वीं में फेल होने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर ऑटो चलाने का काम शुरू कर दिया।


इस घटना ने किया ऑफिसर बनने को प्रेरित 


इसी तरह से एक बार ऑटो चलाने के दौरान पुलिस ने मनोज का ऑटो पकड़ लिया. उस समय मनोज ने सोचा कि एसडीएम (SDM) से दरख्वास्त की जाए, तो ऑटो छुड़ाया जा सकत है. इसके लिए वे एसडीएम के पास चले गए, लेकिन किसी कारण से वे अपनी बात नहीं कह पाए. हालांकि, उन्होंने वहां से जाने से पहले यह जरूर पूछ लिया कि एसडीएम (SDM) बनने के लिए तैयारी कैसे की जाती है और फिर उन्होंने मन बना लिया कि वे अब एसडीएम बनेंगे।

कभी चलाया टेंपो तो कभी भिखारियों के साथ भी पड़ा सोना 


मनोज कुमार शर्मा (Manoj Kumar Sharma) के साथी अनुराग पाठक ने 'ट्वेल्थ फेल, हारा वहीं जो लड़ा नहीं' नामक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने मनोज के संघर्ष की कहानी बताई गई है. पढ़ाई के दौरान मनोज ने ग्वालियर में रहने के लिए टेंपो भी चलाया था. इस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं था और इसी वजह से उन्हें भिखारियों के साथ भी सोना पड़ता था।

पेट की भूख ने बनाया चपरासी


मनोज की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब मनोज के पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे, तो इसके लिए उन्होंने एक लाइब्रेरी में चपरासी का काम करना शुरू कर दिया. इसी दौरान उन्होंने कई सारे विचारकों के बारे में पढ़ा, जिसके बाद उन्हें लगा कि एसडीएम से भी बड़ी परीक्षा की तैयारी की जा सकती है।

जब गर्लफ्रेंड से कहा - तुम्हारी हां पे दुनिया पलट दूंगा 

मनोज को कक्षा 12वीं में ही एक लड़की से प्यार हो गया था, लेकिन वह अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए थे. उन्हें डर था कि कहीं उनका एकतरफा प्यार कहीं खत्म ना हो जाए. हालांकि, अंत में उन्होंने लड़की को यह कहते हुए प्रपोज किया कि 'तुम हां कह दो, तो मैं पूरी दुनिया को पलट दूंगा.' UPSC की तैयारी के दौरान उन्हें उनकी पत्नी श्रद्धा का खूब सहयोग मिला, जो पहले उनकी प्रेमिका थीं. उनकी पत्नी श्रद्धा भी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी (IRS Officer) हैं।

ऐसे बने IPS ऑफिसर 

इसके बाद मनोज कुमार शर्मा ने कड़ी मेहनत की और यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए. पहले तीन प्रयासों में उन्हें असफलता ही हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में 121वीं रैंक हासिल कर आईपीएस ऑफिसर (IPS Officer) बन गए।