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Success Story : किसान के बेटे ने गांव में रहकर हासिल की IAS की कुर्सी, जानिए सफलता की पुरी कहानी...

Utkarsh Gaurav UPSC Success Story : बिहार के नालंदा के एक गांव से निकले उत्कर्ष गौरव की सक्सेस स्टोरी काफी प्रेरक है. किसान के बेटे उत्कर्ष ने पहले बिहार से दूर बेंगलुरु जाकर बीटेक की डिग्री ली. फिर नौकरी न करके यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए वह शहर के बजाय गांव में रहने लगे। जानिए पुरी कहानी...
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HR Breaking News: Utkarsh Gaurav UPSC : उत्कर्ष गौरव बिहार के नालंदा (पटना) में स्थित भागन बीघा के अमरगांव के रहने वाले हैं. उनके पिता किसान और मां गृहिणी हैं. उत्कर्ष के परिवार में उनके अलावा एक भाई और एक बहन भी हैं. 12वीं तक की पढ़ाई बिहार से करने के बाद उत्कर्ष बेंगलुरु चले गए थे. वहां PESIT से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया.

UPSC Success Story : उत्कर्ष गौरव ने बीटेक पास करने के बाद कहीं भी नौकरी नहीं की. वह सीधे सरकारी नौकरी की तैयारी में जुट गए. 2018 में बीटेक पास करने के बाद वह दिल्ली चले गए. वहां यूपीएससी कोचिंग शुरू की. लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हो पाई. वह यूपीएससी परीक्षा के 3 प्रयासों में लगातार असफल हो गए. इसी बीच दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया. भारत में लॉकडाउन लगने पर वह अपने गांव लौट गए.

Motivational Story in Hindi : बीटेक के बाद नौकरी न करके गांव में रहना आसान नहीं था. गांव वालों ने उन्हें ताने सुनाने शुरू कर दिए थे. इससे कई बार उनका मनोबल टूट जाता था लेकिन उनके परिजन उनका हौसला बढ़ाते रहे. गांव में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के कई फायदे हुए. इससे उनका दिल्ली में रहने-खाने के लिए होने वाला खर्च बच गया और घर का खाना खाने से उनकी सेहत भी बेहतर हुई.

Utkarsh Gaurav UPSC Rank : साल 2022 में हुई यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 709वीं रैंक के साथ उत्कर्ष गौरव सरकारी अफसर बन गए. सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी. गांव में रहने के दौरान वह यूट्यूब के जरिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते थे (UPSC Exam Preparation Tips). वह कहते हैं कि प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए मेहनत के साथ ही कुछ परसेंट लक भी मायने रखता है.