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Success Story : लाल बत्ती वाली गाड़ी में बैठने का सपना पूरा करने के लिए छोड़ी दो सरकारी नौकरी

Success Story : कामयाबी वही कहानी बनती है, जिसमें संघर्ष और सफलता का फासला लंबा होता है ऐसा ही कुछ सफर रहा संचिता शर्मा का। इन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए एसडीएम की नौकरी भी छोड़ दी थी।

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Success Story : लाल बत्ती वाली गाड़ी में बैठने का सपना पूरा करने के लिए छोड़ी दो सरकारी नौकरी

HR Breaking News (नई दिल्ली)। आईएफएस ऑफिसर संचिता शर्मा पंजाब की रहने वाली हैं. उनके पिता चंद्रशेखर फार्मासिस्ट और मां ज्योति सहजपाल लेक्चरर हैं. उनकी बड़ी बहन निवेदिता डेंटिस्ट हैं. जबकि छोटा भाई वकील है. संचिता शर्मा ने पंजाब विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीई और एमबीए किया है.


संचिता यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान थोड़ा सा समय निकालकर गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ाया करती थीं. उनकी रुचि सोशल वर्क हमेशा से रही है. संचिता का कहना है कि वह हमेशा से ही समाज के हर तबके को ध्यान में रखकर विकास कार्य करना चाहती हैं.

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संचिता शर्मा ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी 2016 से शुरू की थी. इसके बाद उन्होंने साल 2018 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आवासीय कोचिंग अकादमी का एंट्रेंस टेस्ट क्लीयर करके नि:शुल्क कोचिंग में दाखिला लिया.


संचिता ने यूपीपीएससी पीसीएस 2020 परीक्षा दूसरे प्रयास में क्रैक करके एसडीएम बनी थीं. इससे पहले उन्होंने 2019 में पीसीएस परीक्षा दी थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी. हालांकि उनका सपना यूपीएससी क्रैक करके आईएएस बनना था.

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संचिता शर्मा ने अपनी पिछली गलतियों को ठीक करते हुए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और 2021 में कामयाब रहीं. वह साल 2021 में भारतीय वन अधिकारी बन गईं. संचिता शर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 28000 से अधिक फॉलोवर हैं.

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