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Success Story: कभी 16 की छोटी उम्र में हुई शादी, फिर सिंगल मदर की जिम्मेदारियां उठाते हुए ऐसे बन गईं IAS अफसर

IAS Officer Savita Pradhan Success Story: ऐसा कहते है जब परिस्थियां विपरीत हो तभी कुछ देर चलके ही सफलता मिलने (Success Story)  वाली होती है। ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश के मंडई गांव के एक आदिवासी परिवार से आने वाली सविता की जिन्हे छोटी सी उम्र से ही जिंदगी में काफी संघर्ष करना पड़ा। बता दें, स्कूल में स्कॉलरशिप से उन्हें 10वीं क्लास करने में मदद मिली इसके बाद उनकी शादी होने के बाद उनकी जिंदगी में उथल पुथल मच गई। लेकिन वो हारी नहीं और आईएएस की कुर्सी (IAS Officer kaise bane) हासिल करके ही दिखाई। आइए विस्तार से जानते है उनकी सफलता और संघर्ष की कहानी-
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Success Story: कभी 16 की छोटी उम्र में हुई शादी, फिर सिंगल मदर की जिम्मेदारियां उठाते हुए ऐसे बन गईं IAS अफसर

HR Breaking News (ब्यूरो) | सेल्फ मेड वुमन और सिंगल मदर अटूट शक्ति, दृढ़ संकल्प और दृढ़ता की प्रतीक हैं। यह उन्हें कई पहलुओं में अजेय बनाता (IAS officer Savita Pradhan) है।ऐसी ही एक इंस्पिरेशन स्टोरी है आईएएस अफसर सविता प्रधान की।

 

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10वीं क्लास की पढ़ाई स्कॉलशिप से की पूरी

मध्य प्रदेश के मंडई गांव के एक आदिवासी परिवार से आने वाली सविता को प्रतिकूल वित्तीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। स्कूल में स्कॉलरशिप (Success story of Savita pradhan) से उन्हें 10वीं क्लास की पढ़ाई पूरी करने में मदद मिली और वह ऐसा करने वाली अपने गांव की पहली लड़की बन गईं। इसके बाद उसे 7 किमी दूर एक स्कूल में एडमिशन मिल गया। फिर उनकी मां ने फीस भरने के लिए पार्ट टाइम नौकरी कर ली।

 

 

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 कभी बनना था डॉक्टर

साइंस की पढ़ाई करने वाली वो लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी। स्कूल खत्म होने ही वाला था कि 16 साल की उम्र में ही एक अमीर परिवार से (MBBS Exam strategy)  शादी का रिश्ता आ गया। इस रिश्ते के लिए माता-पिता ने उनपर शादी करने का दबाव डाला और वो मजबूरन शादी के बंधन में बंध गई। शादी के बाद, उन्हें अपने ससुराल वालों (IAS Success story) और पति से कई तरह की पाबंदियां और घरेलू हिंसा सहनी पड़ी। उनका पति उन्हें मारता- पीटता था और जान से मारने की धमकियां भी देता था। दो बच्चों के बाद भी ये मारपीट जारी रही।

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 खर्च चलाने के लिए ब्यूटी सैलून भी चलाया 

एक बार हारकर सविता ने जान देने का फैसला कर लिया, लेकिन अपने बच्चों को देखकर उनमें हिम्मत आ गई और वो सिर्फ 2700 रुपये लेकर (women empowerment stories) अपने दोनों बच्चों के साथ घर छोड़कर चली गईं। फिर उन्होंने बच्चों का खर्च चलाने के लिए एक ब्यूटी सैलून खोला और बच्चों को पढ़ाने का काम भी किया। इस दौरान उनके माता-पिता और भाई-बहनों ने भी उसका साथ दिया। साथ ही, वो भोपाल के बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बीए (IAS officer Savita Study background) की पढ़ाई भी करने लगीं।

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पास की स्टेट सिविल सेवा परीक्षा 

इसके बाद उन्होंने राज्य की सिविल सेवा के बारे में सुना और एग्जाम (state level civil services exam) देने का फैसला किया। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ, उन्होंने 24 साल की उम्र में अपने पहले ही अटेंप्ट में इसे पास कर लिया। उन्हें मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पद पर तैनात किया गया।

ऐसे बनीं IAS अफसर

इसके बाद उन्हें कई प्रमोशन मिले और (IAS officer kaise bane) वह IAS अफसर बन गईं। अभी वह ग्वालियर और चंबल रीजन के लिए अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन की जॉइंट डायरेक्टर हैं। इसी बीच तलाक देकर उन्होंने दूसरी शादी कर ली है। उनका 'हिम्मत वाली लड़कियां' नाम से (Himmat wali ladkiyan) एक यूट्यूब चैनल भी है।