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Success Story: कभी सोई भूखी, मां ने पढ़ाई के लिए गिरवी रखे गहने, फिर ऐसे सब्जी वाले की बेटी ने क्रैक किया UPSC

Swati Rathod UPSC Success story: जब मेहनत में दम हो और हौसलों में जज्बा हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको हरा नहीं सकती है। इसी मिसाल को पूरा किया स्वाति राठौड़ ने जिन्होंने गरीबी से ऊपर उठकर यूपीएससी परीक्षा (UPSC civil services exam) पास की। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उन्हें कभी भूखा सोना पड़ा, तो कभी गहने बेचने पड़े पर आखिरकार सफलता पाके मिसाल कायम की। आइए खबर में विस्तार से जानते (UPSC exam) है उनकी ये कहानी-
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Success Story: कभी सोई भूखी, मां ने पढ़ाई के लिए गिरवी रखे गहने, फिर ऐसे सब्जी वाले की बेटी ने क्रैक किया UPSC

HR Breaking News, Digital Desk- वैसे तो उनका घर शोलापुर में है, लेकिन उनके सपनों के शोले बचपन से ही भड़कने लगे थे। वक्त ने एक-दो नहीं, बल्कि पांच साल तक उनका इम्तिहान (UPSC success story) लिया। एक बार तो हालात इतने ज्यादा भी बिगड़े कि उनकी पढ़ाई के लिए मां को गहने गिरवी रखने पड़ गए। यह कहानी है महाराष्ट्र के शोलापुर में रहने वाली स्वाति राठौड़ की, जिन्होंने एक सब्जी वाले की बेटी होने के बावजूद कामयाबी की ऐसी दास्तां लिख दी कि आप भी बिना सैल्यूट किए नहीं (UPSC Exam strategy) रह पाएंगे।

 

इस वजह से स्वाति हुई सिविल सेवा परीक्षा में शामिल 

स्वाति ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के बावजूद यूपीएससी क्लियर करने का सपना देखा। उन्होंने अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की तैयारी पर लगाया। अपने माता-पिता को संघर्षों से बाहर (how to crack UPSC Exam) निकालने के लिए, स्वाति ने सिविल सेवा में शामिल होने का फैसला किया। स्वाति के परिवार ने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनकी शिक्षा का समर्थन किया। शोलापुर के एक सरकारी स्कूल से 12वीं पास करने (UPSC exam syllabus) के बाद, उन्होंने भूगोल में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में ही, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

 

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5 साल का करना पड़ा कड़ा इंतजार

स्वाति यूपीएससी की परीक्षा पास करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें पांच साल तक असफलता मिली। उनके परिवार में केवल उनके (UPSC prelims syllabus) पिता कमाने वाले थे, इसलिए पढ़ाई के लिए पैसों की तंगी हो गई। एक मां को अपनी बेटी को अफसर बनाने का सपना इस गरीबी और लाचारी से कहीं बड़ा था। इसलिए उसने अपने गहने गिरवी रख बेटी की पढ़ाई नहीं रुकने दी। बेटी ने भी मां की इस आशा और विश्वास को पूरा करने के लिए लिए जी जान लगा दी।

 

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पूरे परिवार की आंखें हुई नम

लेकिन सपनों को पूरा करने का जुनून स्वाति के दिल से लेकर दिमाग में था। फिर वो दिन आया जब यूपीएससी 2023 के नतीजे आए। जब सभी ने मेरिट लिस्ट देखी तो परिवार की ख़ुशी का ठिकाना (How to become IAS) नहीं रहा। लिस्ट में स्वाति का नाम था। उन्हें इस बार एग्जाम में 492वीं रैंक मिली थी। ये खबर सुनकर पूरे परिवार की आंखों में आंसू आ गए। स्वाति आज हर यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट के लिए मिसाल हैं। उनके कहानी (UPSC civil services exam) बताती है कि सफलता किसी भी स्थिति की मोहताज नहीं है। अगर आप में काबिलियत है तो आप सफल जरूर होंगे।