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Success Story : IAS बनने की ऐसी जिद्द, तीन बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, चौथी बार में हासिल कि कुर्सी

Success Story : IAS बनने का सफर मुश्किल जरूर होता है लेकिन मन में कुछ करने का जुनून हो तो किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है। ऐसी ही कहानी IAS अफसर देव चौधरी की है। जिन्हों ने यूपीएससी में तीन बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी और चौथी बार में वो पद हासिल कर ही लिया। आइए नीचे खबर में पढ़ते हैं इनकी सक्सेस स्टोरी....

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HR Breaking News (ब्यूरो)। 2016 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी देव चौधरी सरहदी जिले बाड़मेर के रहने वाले हैं। देव ने यह कामयाबी अपने चौथे प्रयास में हासिल की थी। उनके फैमिली बैकग्राउंड की बात करें तो उनके पिता टीचर थे। उनकी शुरुआती स्कूलिंग गांव के ही स्कूलिंग में हुई।

देव चौधरी ने बाड़मेर कॉलेज से ही बीएससी किया। उन्होंने कम उम्र में ही आईएएस बनने का लक्ष्य तय कर लिया था। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी ग्रेजुएशन के साथ ही शुरू कर दी थी। देव चौधरी ने साल 2012 में पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया. पहले ही अटेम्प्ट में प्रीलिम्स क्रैक कर लिया। लेकिन मेन्स में बाहर हो गए।

देव ने अगला अटेम्प्ट 2012 में दिया. इस बार उन्होंने प्रीलिम्स के साथ मेन्स भी क्लियर किया. लेकिन इंटरव्यू राउंड में बाहर हो गए. लेकिन इससे हताश नहीं हुए. उन्होंने साल 2014 में एक बार फिर यूपीएससी एग्जाम दिया. इस बार भी वह आईएएस नहीं बन सके.

देव चौधरी ने यूपीएससी 2015 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया. देव कुमार हिंदी मीडियम के स्टूडेंट रहे हैं. यूपीएससी की तैयारी के दौरान हिंदी का स्टैंडर्ड स्टडी मैटेरियल सर्च करने में काफी जद्दोजहद करना पड़ा. इसके चलते उनके लिए इंग्लिश को भी अच्छी तरह सीखना पड़ा.


मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में देव बता चुके हैं कि उनके पिता सुजानराम शिक्षक थे. इसके चलते आर्थिक तंगी का तो सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन बार-बार मिलने वाली असफलताओं ने जरूर सबको निराश कर दिया था. हालांकि पिता जी और दोस्तों ने हिम्मत नहीं हारने दी. देव चौधरी तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. देव ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में रहकर की थी.