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Success Story : सादगी के लिए जाना जाता है भारत का ये अरबपति, 87000 करोड़ का कारोबार होने के बाद भी नही है दिखावे का शौक

Success Story : हमने बहुत से ऐसे लोग देखे है जिन्होने बिल्कुल शून्य से स्टार्ट कर आसमान की ऊंचाईयों को छुआ है। लेकिन इनमें से अधिक्तर लोग ऐसे है जिन्हे अपनी अमीरी और पैसों का गुमान हो जाता है। परंतु आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारें में बताने जा रहे है जो 87000 करोड़ के कारोबार का मालिक है लेकिन वह अपनी सादगी के लिए जाना जाता है। आइए विस्तार से जान लेते है इनके बारें में पूरी कहानी...
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HR Breaking News, New Delhi : हमारा भारत देश भी अब किसी से पीछे नही रहा है। विकसित देशों की लिस्ट में आने वाला हमारा भारत भी दिन प्रतिदिन तरक्की कर रहा है। भारत में अरबपति कारोबारियों की कमी नहीं है. हर उद्योगपति ने अपनी मेहनत से अलग पहचान और मकाम बनाया है. हम आपको एक ऐसे अरबपति बिजनेसमैन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके पास अथाह दौलत है लेकिन घमंड एक पैसे का नहीं है. हम बात कर रहे हैं श्रीराम गुप के संस्थापक राममूर्ति त्यागराजन (Ramamurthy Thiagarajan success story) की.

आपाके बता दें कि राममूर्ति त्यागराजन, भारत की बैंकिंग और इंश्योरेंस इंडस्ट्री (Banking and Insurance Industry) में एक बड़ा नाम है. वे श्रीराम ग्रुप के को-फाउंडर हैं. 1974 में आर त्यागराजन ने एवीएस राजा और टी. जयारमन के साथ इस कंपनी की नींव रखी. आज की तारीख में श्री राम ग्रुप बैंक और इंश्योरेंस उद्योग (Shri Ram Group Bank and Insurance Industries) में एक बड़ा नाम बन गया है. खास बात है कि राममूर्ति त्यागराजन के पास बेशुमार संपत्ति है फिर भी वे बेहद उदार व्यक्ति हैं.


पूरे 87,000 करोड़ के कारोबार के है मालिक


बात करें स्टार्टअप की तो राममूर्ति त्यागराजन (Ramamurthy Thiagarajan) ने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत चिट फंड बिजनेस से शुरू की थी, लेकिन बाद में यह लोन देने वाली दिग्गज कंपनी बन गई. राममूर्ति त्यागराजन ने कम आय वाले लोगों को लोन देकर 87000 करोड़ रुपये का विशाल बिजनेस (Top Business) साम्राज्य खड़ा कर लिया. हैरानी की बात है कि इतना पैसा होने के बावजूद आर त्यागराजन बेहद संयमित जीवन जीते हैं. राममूर्ति त्यागराजन ने अपना अधिकांश पैसा दान कर दिया है. करोड़ों-अरबों के मालिक होने के बावजूद वे 6 लाख रुपये की कार से चलते हैं.


एक इंटरव्यू में राममूर्ति त्यागराजन ने बताया था कि उन्होंने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत (Shriram Group started) यह साबित करने के लिए की, कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को पैसा उधार देना जोखिम भरा नहीं है. दरअसल लोन देने से पहले बैंक या अन्य वित्तीय संस्था ग्राहकों की क्रेडिट हिस्ट्री यानी पूर्व में लिए गए लोन को चुकाने की क्षमता का आकलन करती है. ऐसे में छोटे शहरों व गांवों में रहने वाले लोग अक्सर लोन लेने से वंचित हो जाते थे. लेकिन, श्रीराम ग्रुप ने इस मिथक को तोड़ा.


किसान परिवार में हुआ था जन्म


राममूर्ति जी का तमिलनाडु के किसान परिवार में जन्म हुआ और उन्होने ग्रेजुएशन के बाद 1961 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी ज्वाइन कर ली. वह करीब 20 वर्षों तक कई वित्त कंपनियों में काम करते रहे. फिर उन्होंने 37 साल की उम्र में अपने बिजनेस वेंचर की शुरुआत की. अब श्रीराम ग्रुप के पास 30 कंपनियां हैं. मौजूदा समय में आर त्यागराजन का श्रीराम ग्रुप (Shriram Group) 1,00,000 लोगों को रोजगार देता है. उनकी कंपनी ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों पर लोन देती है.

6210 करोड़ की हिस्सेदारी की कर्मचारियों को दान!


राममूर्ति त्यागराजन ने कंपनी में अपनी 6210 करोड़ रुपये से ज्यादा की हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक समूह को दे दी. उन्होंने सारा पैसा श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट (Shriram Ownership Trust) को ट्रांसफर कर दिया. त्यागराजन एक सामान्य कार चलाते हैं और उनके पास मोबाइल नहीं है क्योंकि उनका मानना ​​है कि इससे ध्यान भटकता है. वे अब भी एक छोटे से घर में रहते हैं. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार श्रीराम ग्रुप के पास 2 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता है. इस समूह की प्रमुख कंपनी श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड का बाजार मूल्य लगभग 865 अरब रुपये है.