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Success Story : 1200 रुपये की नौकरी करने वाली ये महिला आज है 9800 करोड़ की कंपनी की मालकिन

Success Story : अगर किसी काम को मेहनत और लगन से किया जाए तो वह हमेशा सफल होता है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने एक समय में 1200 रुपये की नौकरी से शुरूआत की थी और आज 9800 करोड़ की कंपनी की मालकिन हैं। आइए खबर में जानते है हरियाणा की रहने वाली गजल अलघ के बारे में विस्तार से।

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HR Breaking News, Digital Desk -  देश भर में आज महिलाएं अपनी ऊर्जा और इच्छा शक्ति के जरिए कामयाबी के शिखर पर पहुंचतीं हुई नजर आ रही हैं और इसी का परिणाम है कि आज देश का महिलाएं हर स्तर पर पुरुषों से आगे निकलते हुए विदेश तक अपना नाम रोशन कर रही हैं। महिलाओं के इस संघर्ष और इसके परिणाम का जीता-जागता उदाहरण हरियाणा की रहने वाली गजल अलघ(ghazal alagh) नाम की महिला की जिंदगी के पन्नों को पढ़कर मिल जाता है। गजल अलघ ने अपने जीवन के संघर्षों को इस कदर जिया कि आज वे 9800 करोड़ की कंपनी की मालिक (ghazal alagh Success Story)  हैं। आपको बता दें कि हरियाणा की गजल अलघ मामाअर्थ नाम की एक कंपनी की सह संस्थापक भी हैं।


1200 रुपए में नौकरी करती थी गजल, आज बिजनेसवूमेन के रूप में बनाई पहचान

बताया जाता है कि गजल अलघ की जिंदगी में कुछ साल पहले एक ऐसा भी वक्त था जब वो 1200 रुपये की नौकरी करती थी। उसके बाद उन्होंने 1200 की नौकरी छोड़कर एक कंपनी की शुरुआत करी और देखते ही देखते करोड़ों की कंपनी तक का सफर कुछ वर्षों में ही पूरा कर लिया, जिसका परिणाम ये हुआ कि आज गजल अलघ को बिजनेसवूमेन के तौर पर जाना जाता है।

NIIT लिमिटेड में ट्रेनर के तौर पर किया काम

एक रिपोर्ट के अनुसार, गजल अलघ हरियाणा के गुरुग्राम में एक मिडिल क्लास परिवार से आती हैं। उनके शुरुआती जीवन के बारे में बात करें तो उन्होंने हरियाणा में ही अपनी औपचारिक और प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। जिसके बाद गजल ने साल 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय से कंप्यूटर एप्लीकेशन सब्जेक्ट में अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद साल 2013 में गजल अलघ ने न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ ऑर्ट में डिजाइन एंड एप्लाइड आर्ट्स में अपना ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम के साथ अपना मॉडर्न आर्ट में पाठ्यक्रम पूरा किया। अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद गजल ने एक कॉर्पोरेट ट्रेनर के तौर पर अपनी पहली नौकरी की शुरुआत की थी, साल 2008 से लेकर 2010 तक NIIT लिमिटेड में ट्रेनर के तौर पर गजल अलघ ने काम किया। अपने पहली नौकरी के दौरान उन्होंने अलग-अलग IT विशेषज्ञों को सिर्फ सॉफ्टवेयर ही नहीं बल्कि कोडिंग भाषा की ट्रेनिंग भी दी।

गर्भवती होने के दौरान रखी खुद की कंपनी की नींव


आपको बता दें कि साल 2016 में गजल अलघ गर्भवती थीं और उसी दौरान उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर मामा अर्थ नाम की कंपनी की नींव रखी। पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम और लगाव ने उन्हें नई माताओं और उनसे जन्मे बच्चों के लिए पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही आपको बता दें कि गजल जब गर्भवती थी तो उनके पति वरुण ने यह सुनिश्चित किया था कि वे अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरत सकें।

 

बच्चे के लिए टॉक्सिन फ्री आइटम देश में न मिलने पर खड़ी कर दी 9800 करोड़ की कंपनी


एक निजी मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि गर्भवती होने के दौरान उन्हें अपने बच्चे के लिए टॉक्सिन फ्री बेबी प्रोड्क्टस चाहिए थे लेकिन देश के भीतर कहीं भी उन्हें टॉक्सिन फ्री आइटम नहीं मिले। जिसके बाद उन्हें विदेशों से टॉक्सिन आइटम मंगवाने पड़े। इस घटना के बाद पति पत्नी ने इस पर विचार किया और यहीं से दोनों ने मिलकर अपना पहला स्टार्टअप शुरू किया। इस दौरान उन्होंने मामा अर्थ का नाम देकर बाजार में अपने प्रोडेक्ट उतारे। आपको बता दें कि वरुण और गजल ने अपनी इस कंपनी में 25 लाख रुपये का निवेश किया था, जो कि आगे बढ़कर 9800 करोड़ रुपये रुपए की कंपनी के रूप में तैयार हो गई।