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My Story: मैंने जिससे प्यार किया वो मेरे 10 सालों से ले रहा था मजे, अब मैं क्या करूं

ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती है और प्यार किसी से भी हो सकता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। मुझे एक लड़के से इश्क हो गया। में उसे पागलों की तरह प्यार करती रहती रही। लेकिन वो मेरे दस सालों से मजे ले रहा था। जोन पूरी कहानी- 

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My Story: मैंने जिससे प्यार किया वो मेरे 10 सालों से ले रहा था मजे, अब मैं क्या करूं

HR Breaking News (नई दिल्ली)। किसी ने बिल्कुल ठीक कहा है कि जरूरी नहीं कि प्यार हर बार आपको खुशी ही दे। कभी-कभी प्यार आपको अंदर तक मार देता है। यह आपसे उन चीजों को छीन लेता है, जिनमें आप हमेशा रहना चाहते हैं। मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही था। मुझे यह जानने में कई साल लग गए कि मैं एक आदमी के साथ कितने जहरीले रिश्ते में रह रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस आदमी ने मुझसे प्यार करने का गंदा नाटक किया था, उसने कभी भी मुझसे प्यार नहीं किया। वह मुझसे 1% प्यार नहीं करता था। उसकी मीठी-मीठी बातें केवल किसी को अपना बनाने का एक तरीका थीं। 

मुझ पर नजर रखता था

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दरअसल, मैं उससे तब मिली थी, जब हम दोनों ही हाई स्कूल में पढ़ रहे थे। वह देखने में काफी ज्यादा अट्रैक्टिव था। उसकी बातें भी काफी प्यारी थी। सच कहूं तो मुझे उसे देखते ही प्यार हो गया था। उसके साथ भी बिल्कुल ऐसा ही था। वह भी मुझे बहुत पसंद करता था। यही एक वजह भी है कि एक साल के अंदर-अंदर हम दोनों एक गंभीर रिश्ते में आ गए। शायद ऐसा इसलिए भी क्योंकि हम दोनों एक-दूसरे को बहुत ज्यादा जान गए थे। हालांकि, उस समय मेरी उम्र 16 साल ही थी। लेकिन इसके बाद भी मैं खुद को किसी के साथ इतना सहज महसूस नहीं कर सकती थी।

मैंने उसका बदलता हुआ रंग देखा

हम एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। स्कूल में हर कोई हमारे रिलेशन के बारे में जानता था। लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े हुए और हमने कॉलेज जाना शुरू किया, तो मुझे उसका बेतुका पक्ष दिखाई देने लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं जब भी अपने दोस्तों के साथ बाहर जाती थी, तो वह बहुत ज्यादा पागल हो जाता था। वह हर समय मुझ पर नजर रखने की कोशिश करता था। वह हर फोटो में मुझे टैग करता था। वह भले ही अच्छा लगे या ना। हालांकि, शुरूआत में मैंने कभी इन बातों पर इतना ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब मुझे समझ आया तो बहुत देर हो चुकी थी।

वह मुझमें कमियां निकालता था


जिस इंसान के लिए मैं इतना ज्यादा पागल थी, उसके साथ मुझे बहुत घुटन महसूस होने लगी थी। सच कहूं तो उसके साथ रहने का विचार ही मेरे दिमाग पर बोझ बनने लगा था। ऐसे में जब मैंने काम करना शुरू किया, तो मैंने उसके द्वारा किए गए सभी खर्चों का भुगतान करना शुरू कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उसने मुझे खुश करने के लिए हर तरह की चीजें खरीदकर दी थीं।

यही नहीं, मैंने भी उसे खुश करने के लिए कई बार उसके लिए महंगे फोन खरीदे थे। लेकिन इस सबसे भी कोई फर्क नहीं पड़ा। वह हमेशा मुझसे अप्रभावित ही रहता था। मुझे उसके साथ ऐसा कभी नहीं लगा कि मैं जो कुछ भी कर रही हूं, उससे वह जरा भी खुश है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह मेरी हर बात में खोट निकालता था।

वह मेरी मां पर हावी हो जाता था

अपनी 20s तक हम दोनों एक सीरियस रिलेशनशिप में आ गए थे। मेरी मां को हमारे रिश्ते के बारे में पता था। लेकिन मेरा साथी हमेशा मुझ पर इस रिलेशन को दुनिया से छुपाए रखने के लिए दवाब बनाता था। यही नहीं, वह मुझे बाहर नहीं जाने देता था। उसे मेरे दोस्तों के साथ मेरा मस्ती करना बिल्कुल पसंद नहीं था। ऐसे में मैं जब भी उसके खिलाफ जाने की कोशिश करती थी, तो वह मुझे खूब डांटता था।

मैं जब भी उसके साथ घर पर रहने से मना कर देती थी, तो वह मुझे गंदी-गंदी गालियां देता था। हालांकि, मेरी मां उसे ऐसी बातें कहने से रोकने की पूरी कोशिश करती थीं, लेकिन कभी-कभी वह उन पर हावी भी हो जाता था। वह हमेशा मुझ पर हक जमाता था। वह खुद को ऐसे दिखाने लगा था कि जैसे वह मेरा पति हो। भले ही हमने शादी नहीं की थी।
मैंने उसे घर से निकाल दिया

एक दिन मुझे अपने दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने के लिए जाना था, मैं तैयार होकर घर से निकल ही रही थी कि तभी उसने मुझे वेश्या कहा। उसके मुंह से अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर मैं बुरी तरह चौंक गई थी। मैंने उसे तुरंत घर से बाहर जाने के लिए कहा। मेरे मुंह से इतनी बात सुन वह हैरान रह गया था। इसके बाद वह मुझ पर काफी ज्यादा चिल्लाने लगा। लेकिन मैंने उसे अपने दरवाजे से बाहर धकेल दिया।

ऐसा इसलिए क्योंकि अब बहुत हो गया था। मैं उस आदमी को अपने पूरे जीवन का फैसला नहीं करने दे सकती थी। उसके साथ रहते हुए मेरे पास कोई स्वतंत्रता नहीं बची थी, जिसमें मैं खुश रह सकूं। उस दिन उसे अपने घर से बाहर निकालने के बाद मैंने जो राहत की सांस ली थी, वह मैं अच्छे से महसूस कर सकती थी।

मैं किसी से प्यार नहीं कर पा रही

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इस घटना के बाद वह एक-दो बार दरवाजा खोलने के लिए चिल्लाते हुए मेरे पास वापिस आया। लेकिन मैंने नहीं किया। मैं किसी भी कीमत पर उसका चेहरा देखना नहीं चाहती थी। मैं आपसे छिपाना नहीं चाहती मुझे उससे अलग हुए 2 साल हो चुके हैं। मैं तब से किसी पुरुष से प्यार नहीं कर पाई हूं। मैं इतना ज्यादा टूट गई हूं कि अब मैं किसी पर विश्वास तक नहीं कर सकती हूं। मुझे नहीं पता कि मैं इस जहर को कैसे भूल पाऊंगी।