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किसान आंदोलन में पहुंचेगी मिट्‌टी-जल की कांवड़, फतेहाबाद से युवक दिल्ली के लिए पैदल रवाना

HR BREAKING NEWS. अभी तक आपने शिव भक्तों को गंगाजल की कांवड़ लेकर आते-जाते देखा होगा। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है, लेकिन किसान आंदोलन जारी है। इसलिए सावन के महीने में युवाओं ने किसान आंदोलन में “किसान-कांवड़” लेकर जाने का फैसला किया है। इसे नया ट्रेंड
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किसान आंदोलन में पहुंचेगी मिट्‌टी-जल की कांवड़, फतेहाबाद से युवक दिल्ली के लिए पैदल रवाना

HR BREAKING NEWS. अभी तक आपने शिव भक्तों को गंगाजल की कांवड़ लेकर आते-जाते देखा होगा। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई है, लेकिन किसान आंदोलन जारी है। इसलिए सावन के महीने में युवाओं ने किसान आंदोलन में “किसान-कांवड़” लेकर जाने का फैसला किया है। इसे नया ट्रेंड कहा जा सकता है।

इसकी शुरुआत फतेहाबाद के गांव जांडली कलां से युवा किसान करने जा रहे हैं। वे अपने गांव से किसान कांवड़ लेकर टिकरी बॉर्डर पर धरने के लिए रवाना हुए हैं। किसान कांवड़ में शामिल युवाओं का यह टोला अपने गांव से मिट्टी व जल लेकर चला है और 180 किलोमीटर का पैदल सफर करके टिकरी बॉर्डर पहुंचेगा।

कांवड़ को टिकरी बॉर्डर पर किसान धरने के स्टेज पर अर्पण किया जाएगा। इस यात्रा में शामिल प्रदीप ने बताया कि युवाओं को खेती व आंदोलन से जोड़ने के लिए वह यह सब कर रहे हैं। रवानगी से पहले गांव के बुजुर्गों की मीटिंग हुई थी, जिसमें इस किसान कांवड़ यात्रा के बारे में सहमति बनी थी और गांव के ही 21 युवाओं की ड्यूटी लगाई गई थी।

कांवड़ यात्रा में जहां भगवान शंकर का गुणगान किया जाता है। वहीं इस यात्रा में किसान आंदोलन से जुड़े गीत बजाए जा रहे हैं। प्रदीप ने बताया कि वह शनिवार शाम को गांव से रवाना हुए थे और आज दोपहर तक टिकरी बॉर्डर धरने पर पहुंच जाएंगे। वहीं उनकी यात्रा जिस भी गांव से निकल रही है, वहां के लोग भी उनको समर्थन दे रहे हैं।

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