तीन कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में : वेदपाल
एचआर ब्रेकिंग न्यूज। भारतीय जनता पार्टी हिसार व कैथल की ओर से मोदी सरकार के 7 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मोदी कार्यकाल में कृषि कानून व कृषि के क्षेत्र में हुए विकास बारे ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय जनता पार्टी हिसार के जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र की अध्यक्षता में किया गया। वर्चुअल माध्यम से रखे गए ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिसार व कैथल के सभी भाजपा नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट ने कृषि कानूनों एवं मोदी सरकार में कृषि के क्षेत्र में हुए विकास पर विस्तृत चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को 6000 रुपये वार्षिक सम्मान निधि दी है जिसका महत्व छोटे किसानों के लिए बहुत अधिक है। स्वामीनाथन आयोग द्वारा 10 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा की सिफारिश की गई थी लेकिन हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने इसे भी 12 हजार प्रति एकड़ तक बढ़ा कर देना शुरू किया है जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में मुआवजों की फाइल शुरू होने से पहले ही दबकर रह जाती थी।
सरकार द्वारा प्रदत अन्य कृषि हितैषी योजनाओं के बारे में जिक्र करते हुए प्रदेश महामंत्री ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत भरपूर मुआवजा किसानों को दिया जाता है। उसी के साथ-साथ सभी प्रकार के कृषि उपकरणों पर अधिक से अधिक सब्सिडी भाजपा की सरकार ने ही किसानों को दी है जिससे किसानों की न केवल आय में बल्कि जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। इसके अलावा पशु क्रेडिट कार्ड के जरिए पशु खरीद कर किसान डेयरी उद्योग व छोटे स्तर पर दूध बेचकर भी अपना व्यापार चला सकता है और अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकता है। इसी के साथ-साथ 100 रुपये में 3 साल के लिए पशु बीमा योजना भी किसान के हित में लाभकारी है
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए वेदपाल एडवोकेट ने कहा कि उनके द्वारा हरित क्रांति का आगाज किए जाने का विरोध भी कांग्रेस की सरकार ने किया था व हरित क्रांति को विफल करने के लिए हर राजनीतिक हथकंडे अपनाए थे लेकिन शास्त्री की दूरदृष्टि व मनोबल ने हरित क्रांति को भारत में सफल किया जिसके चलते भारत खाद्यान्न व कृषि के क्षेत्र में मजबूती से उभरा।
बाजारीकरण पर फैले भ्रम को लेकर प्रदेश महामंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन की एक सिफारिश में बाजारीकरण व किसान को अपनी फसल अपने दाम पर बेचने का अधिकार दिया जाना भी थी और यही अधिकार भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार ने इन कानूनों के जरिए किसानों को दिया है। इन्हीं अधिकारों के चलते आज 4650 एमएसपी वाली सरसों 7500 में बिकी। चौ. देवीलाल, चौ. चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत जैसे किसान नेताओं की मांग भी यही थी कि किसानों को खुला बाजार दिया जाए व उन्हें उनके मनमर्जी के दाम पर फसल बेचने का अधिकार मिले। प्रदेश महामंत्री ने बताया कि 2014 में केंद्र सरकार का फसल खरीद बजट 9 हजार करोड था जो वर्ष 2020 में 2 लाख 30 हजार करोड के लगभग है।
कृषि आंदोलन पर बात करते हुए प्रदेश महामंत्री ने कहा कि आंदोलन अब एक राजनीतिक जमावड़ा है जिसे कांग्रेस व अन्य दल बढ़ावा दे रहे हैं और इस आंदोलन के जरिए किसान खुद के ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है। प्रदेश महामंत्री ने दावे करते हुए कहा कि यह तीनों कानून किसान के हित में है व किसान के भले के लिए हैं जिससे किसान में स्वाभिमान जगा। एमएसपी व सरकारी खरीद के बंद होने के मुद्दे पर फैलाई जा रहे भ्रम को लेकर प्रदेश महामंत्री ने कहा कि सरकार को 80 करोड़ लोगों को राशन देने, खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन करने, फौज की नफरी व 4 साल के आपातकाल के बफर स्टॉक के लिए एमएसपी पर सरकारी खरीद करनी ही होगी, इसीलिए यह भ्रम निराधार है कि एमएसपी और सरकारी खरीद इस कानून के जरिए बंद हो जाएगी।
कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, प्रदेश महामंत्री मोहनलाल, हिसार जिला अध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र, हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता, प्रदेश मंत्री सरोज सिहाग, स्वच्छता अभियान प्रदेश प्रमुख करण सिंह रानोलिया, प्रवीण जैन, पूर्वांचल प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष सुजीत कैमरी, जिला महामंत्री धर्मवीर रतेरिया व प्रवीण पोपली, जिला उपाध्यक्ष कपूर सिंह बेनीवाल व कृष्ण बिश्नोई, जिला मंत्री रणधीर सिंह धीरू, देवेंद्र शर्मा देव, कार्यालय सचिव हेमंत शर्मा, नरेश नैन, सुनीता रेड्डू व सभी मोर्चों व प्रकोष्ठों के जिला अध्यक्ष, हिसार के सभी मंडल अध्यक्ष व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
