अभी बच्चों का टीकाकरण नहीं, इसलिए स्कूल खुलने से पहले शिक्षक व गैर-शिक्षण कर्मचारियों का वैक्सीनेटेड होना जरुरी
इस समय राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों में टीकाकरण पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है, इसकी वजह भी साफ़ है। दरअसल, स्कूल फिर से खोले जाने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। आठ से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल फिर से खोले जा चुके हैं और कुछ अन्य राज्य अभी इसकी प्रक्रिया में हैं। अधिकतर राज्य अलग-अलग समय के नियमित प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, छात्रों को अला-अलग शिफ्ट में बुला रहे हैं और सामाजिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कर रहे हैं। लेकिन इस बार एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के तौर पर शिक्षकों, स्कूल कर्मचारियों के साथ-साथ पात्र छात्रों के टीकाकरण पर भी जोर दिया जा रहा है।
वंही, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस माह के शुरू में ही संसद को बताया था कि लक्षद्वीप, पुडुचेरी, नगालैंड, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जिन्होंने 2 अगस्त से स्कूल फिर खोल दिए हैं. आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्कूल 16 अगस्त से खुले हैं।
शिक्षकों और कर्मचारियों का टीकाकरण प्राथमिकता
- जिन राज्यों में स्कूल फिर से खोल दिए हैं या फिर जल्द ही खोलने की तैयारी में हैं, अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के टीकाकरण पर जोर दे रहे हैं। पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य सरकार की तरफ से इस महीने की शुरुआत में स्कूलों को फिर खोले जाने से पहले लगभग 60 प्रतिशत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी थी।
- सिंगला ने कहा, ‘हमें अभिभावकों की तरफ से स्कूलों को फिर से खोलने के तमाम अनुरोध मिल रहे थे, इसलिए हमने उनसे एक वचन लेने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला किया। स्कूल फिर से खोलने से पहले हमारे 57 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को टीका लगाया चुका था. इसके अलावा, जो अभी भी बचे हैं, उनके टीकाकरण के लिए नियमित प्रक्रिया जारी है।’
- सिंगला ने आगे बताया कि पंजाब में 18 साल से अधिक उम्र के छात्रों के स्कूल समय के दौरान ही टीकाकरण की कोशिश की जा रही है।
- कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि 23 अगस्त से स्कूल फिर खुलने के पहले सभी शिक्षकों और अभिभावकों के लिए टीकाकरण अनिवार्य होगा.
- इस बीच, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ अश्वत्थनारायण सी.एन. ने दिप्रिंट को बताया कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के छात्रों के समूह में से 74 फीसदी का कम से कम एक खुराक के साथ टीकाकरण हो चुका है।
- महाराष्ट्र सरकार भी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि स्कूलों के खुलने से पहले शिक्षकों का टीकाकरण हो जाए. राज्य को पहले 17 अगस्त तक स्कूलों को फिर से खोलना था, लेकिन विशेषज्ञों की तरफ से स्वास्थ्य खतरों का आकलन किए जाने के बाद फिलहाल इस पर फिर से विचार करने का फैसला किया गया।
- राज्य में बाल रोग संबंधी टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. सुहास प्रभु ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने सरकार को सलाह दी कि स्कूलों को फिर से तभी खोला जाए जब वह सभी स्कूलों तक पहुंच में सक्षम हो और यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन सभी को सैनिटाइज कर लिया गया है. इसके अलावा, यह सलाह भी दी गई है कि स्कूलों को सक्रिय केसलोड की संख्या कम होने के बाद ही खोला जाए।’
- उन्होंने ये भी कहा कि यह ‘अनिवार्य’ बताया गया कि ड्यूटी संभालने से पहले सभी शिक्षकों और स्कूल स्टाफ सदस्यों का टीकाकरण हो जाए।
