सरकार और किसानों ने बीच नहीं बनी सहमति, प्रशासन को दिया 24 जुलाई तक का अल्टीमेटम
एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार में किसानों पर दर्ज एफआईआर को कैंसिल करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर से सरकार और किसानों के बीच वार्ता फेल रही। संयुक्त मोर्चा की तरफ से आए नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन को 15 दिन तक का समय दिया है। अगर, इस दौरान एफआईआर कैंसिल नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा 24 जुलाई को बैठकर बड़े फैसले का ऐलान करेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन सहयोग कर रहा है जबकि चंडीगढ़ में बैठे लोग वादाखिलाफी कर रहे है। सरकार की मंशा शायद कुछ और है।
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प्रशासन ने एक महीने का समय मांगा था
संयुक्त मोर्चा की तरफ से आए युद्धवीर सहरावत ने कहा कि गत 24 मई को हिसार के क्रांतिमान पार्क में हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हुए थे। उस दौरान स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सरकार से बातचीत हुई थी। वार्ता में आश्वासन दिया गया था कि एक माह में किसानों पर दर्ज 307 की धारा को कैंसिल कर दिया जाएगा। लेकिन, डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी एफआईआर को कैंसिल नहीं है। एफआईआर कैंसिल करवाने की मांग को लेकर पहले भी यहां की स्थानीय कमेटी बातचीत कर चुकी है लेकिन, कोई नतीजा नहीं रहा। आज संयुक्त मोर्चा की तरफ से एक बार फिर प्रशासन के माध्यम से सरकार से बातचीत करने आए थे। वार्ता के दौरान सामने आया कि स्थानीय प्रशासन सहयोग कर रहा है लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन कहीं न कहीं शरारत कर रहा है। वो इस मामले को लटका कर प्रेशर बना के रखना चाहता है। हमने ये कहा है कि 24 जुलाई तक ये केस व्रिडो नहीं होते तो संयुक्त मोर्चा बैठ कर अपनी रणनीति का ऐलान करेगा। यहां के अधिकारियों ने चंडीगढ़ बातकर हमे आश्वत किया था। आज वो इस बात से हट रहे है, कह रहे है कि हमने तो अपना काम कर दिया। इसमें भाषा में फर्क आ गया। उस दिन तो उनका ये कहना था कि हम जो कहते है वो सौ प्रतिशत करते है। उस समय आश्वासन दिया था कि एक महीने में केस वापस ले लिए जाएंगे ज्यादा समय नहीं लगेगा। आज उनकी बात में वो कमिटमेंट नहीं थी वो कह रहे है हमने तो कर दिया। आगे का तो चंडीगढ़ वालों का है। वे कब तक करेंगे इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इस से स्पष्ट है चंडीगढ़ प्रशासन का कहीं न कहीं षड़यंत्र रच रहा है और मामले को लटका कर रखना चाहता है।
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हम जानते है सरकार वादाखिलाफी कर रही है
संयुक्त मोर्चा के जोंगेद्र सिहं ने कहा कि हम जानते है कि सरकार हमारें से वादये भी करती है और वादाखिलाफी भी करती है। ये हमारे साथ पहली बार नहीं बार बार होता है। ऐसी सरकार और प्रशासन का विश्वास नहीं किया जा सकता इस हालात में हम आंदोलन ही करते है। आज हम कह कर आए है कि 15 दिन का समय देकर आए है या तो इस मसले को सुलझा दें नहीं तो हम आंदोलनकारी है आंदोलन करेंगे।
अभिन्यु कोहाड़ ने कहा कि प्रशासन ने 24 जून तक का समय दिया था लेकिन, प्रशासन ने कोई समाधान नहीं निकाला। प्रशासन विश्वासन तोड़ रहा है। इस मौके पर जोगेंद्र नैन, विकास सीसर, रिमन नैन, शमशेर नंबरदार, कुलदीप खरड़, अनु सूरा आदि मौजूद थे।
