प्रकाशनों की गुणवत्ता में करें सुधार ताकि विश्वस्तरीय पत्रिकाओं में हों प्रकाशित : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय एवं एल्सेविएर के संयुक्त तत्वावधान में भारत में कृषि अनुसंधान परिदृश्य की गुणवता में सुधार विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविवद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज बतौर मुख्यातिथि जबकि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के उप-महानिदेशक डॉ. आर.सी. अग्रवाल मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। मुख्यातिथि ने देशभर के अनुसन्धानकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपने प्रकाशनों की गुणवता में सुधार करें और उनको विश्वस्तरीय उच्च कोटि की पत्रिकाओं में प्रकाशित करें ताकि उनकी संस्था एवं देश का नाम रोशन हो। उन्होंने कहा कि वे अपने अनुसंधान में स्कोपस डेटाबेस का उपयोग अधिक से अधिक करें। उन्होंने प्रतिभागियों से अपील की कि वे स्कोपस डेटाबेस का उपयोग अपने प्रकाशनों/शोधपत्रों को प्रकाशित करने के लिए उच्चकोटि के सामयिक पत्रिकाओं के चयन के लिए करें ताकि उनके प्रकाशन उच्चस्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हों। इससे वे अपनी संस्था की भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली एवं अन्य संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली रैंकिंग को बढ़ाने में सहयोग कर सकते हैं।
एचएयू में बनेगा जर्नल क्लब, विद्यार्थी व वैज्ञानिक होंगे लाभांन्वित : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज
अनुसंधान की गुणवत्ता में हो सुधार : डॉ. आर.सी. अग्रवाल
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के उप-महानिदेशक एवं कार्यक्रम के मुख्या वक्ता डॉ. आर.सी. अग्रवाल ने भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विश्व स्तर पर की गयी शोध के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली की शिक्षा डिवीजन द्वारा समस्त कृषि अनुसन्धान केन्द्रों एवं विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवता को सुधारने के लिए प्रदान किये गए सूचना स्त्रोतों एवं संसाधनों के बारे में अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि अनुसन्धान की गुणवता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जाना चाहिए। विशिष्ठ वक्ता भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के सहायक उप-निदेशक डॉ. जी.वेंकतेस्वर्लू, एल्सेविएर के विजय रेड्डी, फरहा सिद्धिकी, डॉ. शुभ्रा दत्ता ने प्रतिभागियों को कंसोर्टियम फॉर ई-रिसोर्सेज इन एग्रीकल्चर के माध्यम से एल्सेविएर के द्वारा प्रकाशित किये जा रहे वैज्ञानिक सामयिक पत्रिकाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया। इसके साथ ही स्कोपस डेटाबेस के ऊपर लाइव डेमो भी दिया उन्होंने बताया कि एल्सेवियर स्कोपस डासविस का प्रकाशक है जोकि इस स्कोपस डाटविस में विश्व में प्रकाशित होने वाली उच्च स्तर के सामयिक प्रकाशनों को इंडैक्स करता है। इस डाटाबेस का उपयोग शोधार्थी उन से संबंधित विषय के बारे में पूर्व एवं नवीनतम उनुसंधानों के बारे में सूचना प्रदान करता है। इसका प्रयोग अनुसंधान कर्ताओं द्वारा उनके विषय के क्षेत्र में कार्यरत अन्य अनुसंधानकर्ताओं एवं संस्थानों को खोज करने के लिए दिया जाता है।
ये हुए शामिल
इस कार्यक्रम के संयोजक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि पूर्व में भी नेहरू पुस्तकालय द्वारा स्कोपस डेटाबेस की 5 ट्रेनिंग आयोजित की जा चुकी हैं। वेबिनार का उद्धेश्य भारतीय कृषि अनुसन्धान परिदृश्य एवं उनके दृष्टिकोण से आने वाले बेहतर कल के बारे में बताना, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् की कृषि रैंकिंग प्रणाली में नई तकनीकों के बारे में बताना एवं स्कोपस मैट्रिक्स का उपयोग करके कृषि अनुसन्धान की गुणवता बढ़ाने के लिए रणनीतियों की पहचान करना था। कार्यक्रम का समन्वयन नेहरु पुस्तकालय के डॉ. राजीव कुमार पटेरिया एवं सह-समन्वयन सहायक पुस्तकालयाध्यक्षों डॉ. सीमा परमार व डॉ. भानु प्रताप ने किया। इस वेबिनार में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के अंतर्गत आने वाले समस्त राज्यों में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में कार्यरत लगभग 350 शिक्षक, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, स्नातकोत्तर विद्यार्थी एवं पुस्तकालय व्यवसायियों ने हिस्सा लिया।