‘आजादी अमृत महोत्सव श्रृंखला’ पर जीजेयू में हुई ऑनलाइन भाषण प्रतियोगिता
एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के जीजेयू के ट्रेनिंग एंड प्लेसमैंट सैल के मार्गदर्शन में स्पीकाथॉन क्लब द्वारा भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘ऑनलाइन भाषण कार्यक्रम’ के रूप में ‘आजादी अमृत महोत्सव श्रृंखला’ के आठवें संस्करण का आयोजन किया गया। इस सप्ताह के स्वतंत्रता सेनानी ‘भगवती चरण वोहरा’ और ‘दादा भाई नारोजी’ थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के लगभग 20 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने ‘भगवती चरण वोहरा’ और ‘दादा भाई नारोजी’ के जीवन, संघर्ष और बलिदान के बारे में बहुत उत्साह और आत्मविश्वास से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भगवती चरण वोहरा एक भारतीय क्रांतिकारी थे, जो हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े थे। वे एक विचारक, आयोजक, वक्ता और प्रचारक थे। वोहरा एक उत्साही पाठक भी थे। उन्होंने जिन संगठनों के साथ काम किया, उनकी कार्यप्रणाली की जड़ों में बौद्धिक विचारधारा को प्रभावित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह जातिगत पूर्वाग्रहों से प्रभावित नहीं थे और उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के साथ-साथ समाजवादी सिद्धांतों के उपयोग से गरीबों के उत्थान के लिए काम किया। भगत सिंह और अन्य लोगों के साथ, उन्होंने पंजाब में एक बहुत ही सफल युवा संगठन की स्थापना की, जिसे नौजवान भारत सभा के नाम से जाना जाता है और इसके प्रचार सचिव बने।
दादा भाई नारोजी के बारे में प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें भारत के ‘ग्रैंड ओल्ड मैन’ और ‘भारत के अनौपचारिक राजदूत’ के रूप में भी जाना जाता है। वे एक भारतीय राजनीतिक नेता, व्यापारी, विद्वान और लेखक थे। वे यूनाइटेड किंगडम हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी के संसद सदस्य थे। उनकी पुस्तक पॉवर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया ने ब्रिटेन में भारतीय ‘धन निकासी’ के उनके सिद्धांत पर ध्यान आकर्षित किया। दादाभाई नारोजी का काम भारत में ब्रिटिश शासन की अवधि के दौरान भारत से ब्रिटेन में धन की निकासी पर केंद्रित था, जिसमें नारोजी ने तर्क दिया था कि भारत पर बहुत अधिक कर लगाया गया था और इसकी संपत्ति को इंग्लैंड ले जाया जा रहा था।
गणित विभाग के अध्यक्ष डॉ. कपिल कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का सबसे अच्छा तरीका उनके संघर्षों और बलिदानों को याद करना है। प्रतिभागियों को इस प्रकार के कार्यक्रमों से स्वतंत्रता सेनानियों के भारत की आजादी के लिए किए कार्यों, उनकी ईमानदारी और बहादुरी से सीखने को मिलता है।
भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. रंजीत सिंह व इस श्रृंखला के संरक्षक ने धन्यवाद प्रस्ताव किया। उन्होंने बहुत ही रोचक तरीके से अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना भी की।
प्लेसमैंट निदेशक प्रताप सिंह मलिक ने मुख्य अतिथि डॉ. कपिल कुमार को सम्मानित किया। उन्होंने प्रतिभागियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। ट्रेनिंग एंड प्लेसमैंट सैल के सहायक निदेशक डॉ. आदित्यवीर सिंह ने बताया कि विधि सचदेवा और आरजू ढाका को ‘बैस्ट स्पीकर ऑफ द इवेंट’ घोषित किया गया है। कार्यक्रम का संचालन हिमांशी ने किया। क्लब समन्वयक अपूर्वा के साथ स्वयंसेवकों आलोक, उन्नति, प्रांजलि, राघव, वैशाली, राखी, इंद्रजीत, अंजलि का कार्यक्रम के आयोजन व प्रबंधन में विशेष योगदान रहा।
