रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने प्रशासन को दिया पांच दिन का अल्टीमेटम
एचआर ब्रेकिग न्यूज। हिसार। सीनियर कर्मचारियों को दबाने और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत प्रशासन के साथ मिलीभगत करके कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। हिसार डिपो प्रदेश का एकमात्र ऐसा डिपो है जहां मुख्यालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए जूनियर कर्मचारियों द्वारा सीनियर कर्मचारियों को कार्य करने के आदेश दिए जा रहे हैं, जो नियमानुसार गलत है। यह बात आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन ने आज डिपो की वर्कशॉप में आयोजित गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर यूनियन प्रतिनिधिमंडल डिपो महाप्रबंधक से मिला था। बातचीत में डिपो महाप्रबंधक ने संगठन को आश्वासन दिया था कि इसको जल्द ही दुरूस्त कर दिया जाएगा। संगठन इसको लेकर तीन-चार बार डिपो महाप्रबंधक के समक्ष कर्मचारियों का पक्ष रख चुका है।
रोडवेज परिसर में दो यूनियनों के पदाधिकारी आपस में भिड़े
उन्होंने बताया कि महाप्रबंधक से मिलने के बाद संगठन के सदस्य चाय पीने के लिए कैंटीन में बैठ गए। इस दौरान हम आपस में विचार विमर्श कर रहे थे कि जब महाप्रबंधक द्वारा आदेश जारी कर दिए जाते हैं तो उन आदेशों की पालना नहीं की जा रही है और ब्रांच इंचार्जों द्वारा कर्मचारियों को रिलीव करने में भी मनमानी की जा रही है। इस दौरान जब कर्मचारी विशेष का जिक्र हुआ तो इस दौरान संगठन के एक साथी ने कहा कि कार्य निरीक्षक एक यूनियन का पदाधिकारी है। इस कारण उसको रिलीव नहीं किया गया। ऐसा कहते ही वहां बैठे दूसरी यूनियन के कर्मचारी नेता तैश में आ गए और अभ्रद भाषा का प्रयोग करते हुए उनकी ओर आया और धमकी देने लगा कि जो हम चाहेंगे वही होगा। इसके बाद उक्त कर्मचारी नेता ने उनका गिरेबान पकड़ लिया और मारपीट करने लगा। वहां मौजूद कर्मचारियों ने बीच-बचाव करके उनको अलग-अलग किया।
राजपाल नैन ने कहा कि यह घटना एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई है और इसका उद्देश्य कर्मचारियों पर नाजायज दबाव बनाना है। वहीं जहां तक काले कारनामों की बात है तो यह किसी से छिपा नहीं है और ना ही एक-दो माह की बात है। अपितु कई सालों से कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। आरोप लगाने वाले स्वयंभू नेता भी यहां कार्यरत हैं और मैं कई वर्षों से भी हिसार डिपो में कार्यरत हूं। यह सघ्भी को पता है कि समय-समय पर किस कर्मचारी को विभाग द्वारा किन आरोपों के तहत आरोपित किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज की बसों में कोई धनाड्य व्यक्ति सफर नहीं करता है। इनमें गरीब आदमी ही सफर करते हैं। उन गरीबों से किराया लेकर टिकट नहीं देना और टिकट मांगने पर उनकी पिटाई करना कितनी गिरावट और चरित्रहीनता की बात है। जिनके खुद के महल शीशे के हों उनको दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकने चाहिएं। उन्होंने कहा कि हमारा दंगा फसाद करने का कोई इरादा नहीं है और ना ही हम ऐसा चाहते हैं। लेकिन कोई यदि हमारे पास आकर पंगा लिया और गुंडागर्दी करने का प्रयास किया या किसी सीमा को लांघने का प्रयास किया तो उनको हालातों के अनुसार ही जवाब दिया जाएगा।
विभाग द्वारा ज़ारी आदेशों के फेर में उलझे कर्मचारी, जनता से होती है तीखी बहस
राजपाल नैन ने कहा कि कमीशन की नौकरी करने वालों को कमीशन खाने की आदत पड़ जाती है। अगर कोई गलत धारणा के साथ काम करेगा तो उसको खुद अपे काले कारनामों की लिस्ट पढऩे के लिए लंबे समय की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि विभाग एक शीशा है और इसमें आरोप लगाने वाले के बहुत से काले कारनामों की लिस्ट दफन है। जनता सब जानती हे और किसी से कोई बात छिपी नहीं है। हम सरकारी कर्मचारी हैं और किसने क्या किया है यह सभी को पता है। उन्होंने कहा कि दूसरी यूनियन के स्वयंभू नेता और उसके गुर्गे डिपो का माहौल खराब करने पर तुले हुए हैं। कर्मचारी नेता ने कहा कि ऐसे लोग तालिबान कमांडरों की तरह डिपो में अपना राज स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा अन्याय और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमारी यह लड़ाई आगे भी इसी तरह से जारी रहेगी। संगठन ने रोडवेज प्रशासन व जिला प्रशासन से मांग है कि इस मामले की पांच दिनों के अंदर निष्पक्ष जांच करवा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। अन्यथा यूनियन इसको लेकर कड़ा कदम उठाने को मजबूर होगी, जिसकी पूरी जिम्मेवारी डिपो महाप्रबंधक व प्रशासन की होगी।गेट मीटिंग को हांसी सब डिपो प्रधान रणबीर सोरखी, इंटक के राज्य उपप्रधान सुरजमल पाबड़ा, राजू बिश्रोई, हनुमान बिश्रोई, राज्य चेयरमैन सुरेंद्र मलिक, संदीप जांडली, सतबीर नैन, शेर सिंह बिश्रोई, राजबीर दुहन, भागीरथ शर्मा, कुलदीप कुंडू, राजबीर सिवाच आदि ने भी संबोधित किया।
