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एमआईएस पोर्टल से चोरी करके दाखिल किए गए बच्चों से तुरंत मंगाई जाए एसएलसी: कुंडू

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने एमआईएस पोर्टल से चोरी करके दाखिल किए गए बच्चों से तुरंत एसएलसी मंगवाने की मांग की है। इसके साथ ही नियम 134ए का करोड़ों रूपए बकाया राशि तत्काल स्कूलों को जारी करने की मांग उठाई है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही
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एमआईएस पोर्टल से चोरी करके दाखिल किए गए बच्चों से तुरंत मंगाई जाए एसएलसी: कुंडू

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने एमआईएस पोर्टल से चोरी करके दाखिल किए गए बच्चों से तुरंत एसएलसी मंगवाने की मांग की है। इसके साथ ही नियम 134ए का करोड़ों रूपए बकाया राशि तत्काल स्कूलों को जारी करने की मांग उठाई है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द ही प्राइवेट स्कूलों की उक्त मांगों को पूरा नहीं किया तो शिक्षा विभाग के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा। इतना ही नहीं प्राइवेट स्कूल शिक्षा अधिकारियों का घेराव करते हुए विरोध भी जताया जाएगा।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के पोर्टल से चोरी करके बच्चों का सरकारी स्कूलों में अवैध तरीके से बिना एसएससी के एडमिशन किया गया है, जो पूरी तरह से गलत है। ऐसे बच्चों का दाखिला तुरंत रद्द किया जाए या उनसे एसएलसी मंगवाई जाए ताकि प्राइवेट स्कूलों की करोड़ों रूपए की बकाया फीस डूबने से बच सके। उन्होंने कहा कि बिना एसएलसी प्रवेश देने के पीछे सरकार का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाना है। उन्होंने काह कि शिक्षा विभाग एमआईएस पोर्टल से छेड़छाड़ करके बिना एसएलसी के प्राइवेट स्कूलों के बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करके प्राइवेट स्कूलों के अधिकारों को छीन रहा है, जिससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से प्राइवेट स्कूलों की लाखों रूपए की फीस खत्म हो जाएगी और कोरोना महामारी के चलते पहले ही मंदी की मार झेल रहे प्राइवेट स्कूल बंद होने की कगार पर चले जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि 134ए के तहत दाखिल सत्र 2019-20 के 21011 बच्चों की लगभग साढ़े 12 करोड़ रूपए फीस बकाया है। यह पैसा तो केवल कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों का है। नौंवी से 12वीं तक के 134 ए के तहत प्राइवेट स्कूल बच्चों को बिलकुल फ्री पढ़ा रहे हैं। अगर इन बच्चों का पैसा भी जोड़ दिया जाए तो यह राशि तीन गुणा हो जाएगी। यही नहीं सत्र 2019-20 से पहले के चार वर्षों का पैसा भी बहुत से स्कूलों को अभी तक बकाया है। कई बार शिक्षा मंत्री व अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। ये पैसा भी तुरंत दिया जाए, नहीं तो बीईओ, डीईईओ, डीईओ या शिक्षा विभाग की किसी भी मीटिंग में प्राइवेट स्कूल संचालक नहीं जाएंगे और मीटिंग का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा।

कुंडू ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर बिलकुल खत्म हो चुकी है और जिम, स्टेडियम, पार्क, मॉल आदि सब कुछ खुल गए हैं। इसके साथ ही अभिभावक भी स्कूल खुलवाने के लिए तैयार हैं, क्योंकि घर पर बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास पर मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करने का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। इसलिए स्कूलों को तुरंत खोला जाए। अगर कोरोना की तीसरी लहर आएगी तो स्कूल संचालक बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार के आदेशानुसार स्कूलों को बंद कर देंगे।