Nakshatra: इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को हार नही बर्दाश्त, मेहनत से बदल लेते हैं खुद की किस्मत

HR Breaking News (नई दिल्ली)। Chitra Nakshatra 2023: तारामंडल के 14 वें नक्षत्र का नाम है चित्रा. यह बहुत ही चमकदार तारा है, जिसे विश्वकर्मा या ब्रह्मा जी का निवास माना जाता है. चित्रा शब्द चित्र से बना है, जिसका अर्थ है- उज्जवल, रुचिकर, आश्चर्यजनक एवं अद्भुत. चित्रा का एक अर्थ चित्त भी है.
चित्रा नक्षत्र कन्या और तुला राशि के मध्य का सेतु है, इसलिए जिन लोगों की कन्या या तुला राशि होगी, उनका चित्रा नक्षत्र हो सकता है. इस नक्षत्र के लोगों को कोई भी कदम उठाने से पूर्व अच्छी तरह से सोच-विचार कर लेना चाहिए. कई बार ऐसा हो सकता है कि कुछ नया करने के चक्कर में यह लोग कभी-कभी कुछ नुकसानदायक कदम भी उठा लेते है.
इस नक्षत्र के लोगों को कोई भी कदम उठाने से पूर्व अच्छी तरह से सोच-विचार कर लेना चाहिए. कई बार ऐसा हो सकता है कि कुछ नया करने के चक्कर में यह लोग कभी-कभी कुछ नुकसानदायक कदम भी उठा लेते है. पहले से विचार कर कदम उठाने पर कोई गलती नहीं होगी.
इस नक्षत्र के लोग जल्दी अपनी कमियों को उजागर नहीं होने देते हैं, इसलिए इन्हें अपनी कमियों को समझते हुए ठीक करते चलना चाहिए, ताकि कहीं पर भी विषम परिस्थिति का सामना न करना पड़े. इन्हें पराजय बर्दाश्त नहीं होती है. पराजय देखकर यह बहुत क्रोधित एवं कुंठित हो जाते हैं, इसलिए पराजय के बाद धैर्य रखना बहुत जरूरी है.
उपाय:
चित्रा नक्षत्र के लोगों की वनस्पति है बेल. बेल एक ऐसा पौधा है, जो पूरे भारत में सभी स्थानों पर पाया जाता है. बेल का पौधा लगाकर, उसका संरक्षण कर, इस नक्षत्र के लोग अपनी पावर बढ़ा सकते हैं. इसे भगवान शिव का ही रूप माना जाता है, इसलिए इसका फल और पत्ते शिवजी को अर्पित किए जाते हैं.
बेल जहां शिवजी को प्रिय है. वहीं, इसके चिकित्सीय गुण भी अलौकिक हैं. इसमें पेट संबंधी रोगों का शमन करने की अद्भुत क्षमता होती है. गर्मी के मौसम में बेल का शर्बत या रस पेट के लिए बहुत उत्तम होता है.