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भाजपा का राजनीतिक उपवास : बात तो घर पर ही पेट भरकर आने की हुई थी, लेकिन सांसद ने धरनास्थल पर बैठकर ही भरा

कुरुक्षेत्र । सतलुज-यमुना लिंक नहर से हरियाणा के हिस्से का पानी मांगने के लिए भाजपा ने हर जिले में पार्टी के सांसद-विधायकों और अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं को 5 घंटे के उपवास के साथ धरना दिया। प्रदेशभर में माहौल शांत रहा, लेकिन कुरुक्षेत्र में धरनास्थल पर बैठकर सांसद और अन्य को प्लेटें भर-भरकर खाना खाते देखा गया।
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भाजपा का राजनीतिक उपवास : बात तो घर पर ही पेट भरकर आने की हुई थी, लेकिन सांसद ने धरनास्थल पर बैठकर ही भरा

कुरुक्षेत्र । सतलुज-यमुना लिंक नहर से हरियाणा के हिस्से का पानी मांगने के लिए भाजपा ने हर जिले में पार्टी के सांसद-विधायकों और अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं को 5 घंटे के उपवास के साथ धरना दिया। प्रदेशभर में माहौल शांत रहा, लेकिन कुरुक्षेत्र में धरनास्थल पर बैठकर सांसद और अन्य को प्लेटें भर-भरकर खाना खाते देखा गया। यहां बिस्कुट भी थे और राजमा-चावल वगैरह भी। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो खासा चर्चा का विषय बना हुआ है।

बताते चलें कि हरियाणा भाजपा की तरफ से 19 दिसंबर को उपवास के साथ धरने का ऐलान किया गया था। थोड़ा शाब्दिक दृष्टिकोण और मानवीय पहलू से भी सोचें तो उपवास का मतलब ही होता है कि संबंधित समयावधि में कुछ भी खाया या पिया न जाए। बीते दिनों उपवास की तैयारियों को लेकर हुई चर्चा पर भी गौर करें तो उसके हिसाब से भी पार्टी के नेताओं को धरनास्थल पर कुछ खाना-पीना नहीं चाहिए था।

तीन दिन पहले रोहतक के सर्किट हाउस में पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने दो-टूक चेतावनी दी थी कि 10 से 5 बजे तक चाय-पानी कोई भी खाने-पीने की चीज उपवास स्थल पर नहीं आनी चाहिए। जिसे जो भी खाना है, वह यहां आने से पहले और लौटने के बाद कुछ भी खा ले, पर यहां किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। लगभग ऐसी बातें प्रदेशभर से सामने आई थी।

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शनिवार को इसके उलट नजारा भी देखने को मिला। वक्त करीब 10 बजे का था और जगह थी कुरुक्षेत्र का जिला मुख्यालय, जहां सांसद नायब सैनी के नेतृत्व में जिले के भाजपाइयों का उपवास शुरू होना था। यहां सांसद नायब सैनी, थानेसर से विधायक सुभाष सुधा समेत कई नेता उपस्थित थे। इसी बीच यहां मौजूद नेताओं के सामने टेबल पर खाने की प्लेटें नजर आई। भाजपा नेता खाना खा भी रहे थे तो एक महिला सहयोगी को प्लेट लेकर आते और उठाकर ले जाते भी देखा जा सकता है।

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इतना ही नहीं, इस घटना को उनके अपने ही सहयोगी कैमरे में भी कैद कर रहे थे और साथ ही वीडियो रिकॉर्डिंग होने की बात भी कर रहे थे। इस नजारे को देखकर हर कोई खुद ही अनुमान लगा सकता है कि यह व्रत की शुरुआत थी या व्रत तोड़ा जा रहा था। वह भी तब, जबकि व्रत के शुरू होने का वक्त था। अब इसका वीडियो सामने आने के बाद राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।